महिलाओं पर यौन हमलों के लिए मोबाइल को जिम्मेदार बता फंसे इमरान

पाकिस्तान के पीएम से सोशल मीडिया पर सवाल- दोषियों को छोड़ हर और बात को क्यों ज़िम्मेदार ठहराते हैं?

Source: Twitter Handle of Pakistan PM Imran Khan



 नई दिल्ली (26 अगस्त)।

महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती यौन हिंसा और अपराधों को लेकर आखिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की सोच क्या है?  सोशल मीडिया पर सवाल किए जा रहे हैं कि इमरान दोषियों को छोड़कर बाक़ी हर बात को यौन अपराधों के बढ़ने के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं. अतीत में ऐसे अपराधों के लिए महिलाओं के पहनावे का हवाला दे चुके इमरान ने अब मोबाइल को सारी जड़ बताया है.

 

नया पाकिस्तान बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए इमरान को गुरुवार को तीन साल पूरे हो गए. लेकिन इस वक्त इमरान अपने जिस बयान की वजह से सुर्खियों में है वो 14 अगस्त को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान पर हुई शर्मनाक घटना से जुड़ा है.

 

14 अगस्त को पाकिस्तान अपना आज़ादी का दिन मनाता है. लेकिन इस साल मीनार-ए-पाकिस्तान के पास ग्रेटर इकबाल पार्क में जो हुआ उसने मध्ययुगीन बर्बरता की याद दिला दी. वहां एक महिला TikToker पर करीब 400 वहशियों की भीड़ ने हमला किया. उसके कपड़े फाड़ दिए गए और पकड़ कर हवा में उछाला गया. उसकी अंगूठी और बालियां भी छीन ली गईं. महिला के साथ मौजूद उसकी टीम के छह सहयोगियों ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन बडी भीड़ के सामने उनकी क्या चलती. ये सब सोशल मीडिया पर वीडियो के ज़रिए पूरी दुनिया के सामने आया.


पाकिस्तान को दुनिया के सामने शर्मसार करने वाले इस वाकये पर इमरान खान ने सख्त रुख अपनाने की बात कही. लेकिन साथ में जो कहा वो भी सुन लीजिए. इमरान ने कहा, पुराने दिनों में हमारे देश में महिलाओं को जो सम्मान मिलता था, वो दुनिया में और कहीं नहीं देखा जाता था. इस तरह की घटनाएं इस लिए हो रही हैं क्योंकि हमारे बच्चों को सही तरह से गाइड नहीं किया जा रहा. इमरान ने ये भी कहा कि यौन अपराध मोबाइल फोन्स के ग़लत इस्तेमाल की वजह से बढ़ रहे हैं.

 


सोशल मीडिया पर यूजर्स सवाल कर रहे हैं कि वो दोषियों को छोड़ और हर किसी चीज़ को दोषी ठहराते हैं.


 

एक यूजर ने लिखा कि वो महिलाओं के पहनावे को दोष देते हैं, मोबाइल को दोष देते हैं, रोबोट्स को दोष देते हैं लेकिन मर्दों को कभी नहीं.


इमरान के बयान पर चुटकी लेते हुए एक यूजर ने लिखा-'मेरे परिवार में हर किसी के पास मोबाइल फोन है. अब मुझे सतर्क रहना होगा कि फोन उनसे किसी पर सेक्सुअल असॉल्ट न करा दें.'  


एक यूजर ने सवाल किया कि मोबाइल सिर्फ पाकिस्तानी लोगों पर ही असर क्यों डाल रहा है, बाकी दुनिया क्या अपवाद है.


ये पहला मौका नहीं है जब इमरान खान का महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन हिंसा जैसे अपराधों को लेकर दिया कोई बयान विवादित हुआ है. इसी साल जून के महीने में पश्चिमी जगत के एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में इमरान से महिलाओं के पहनावे को लेकर सवाल किया गया था. उनसे पूछा गया था कि क्या महिलाओं का पहनावा पुरुषों को उकसाता है जो कि रेप जैसी वारदात को बढ़ाता है. इस पर इमरान का जवाब था था- “किसी महिला ने बहुत छोटे कपड़े पहने हों तो इसका पुरुषों पर असर होगा, बशर्ते कि वो रोबोट न हों.


तब पाकिस्तान की विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सांसद शेरी रहमान ने इमरान खान पर निशाना साधा था. उस बयान पर कहा था कि क्या इमरान खान नहीं जानते कि महिलाओं को खास तरीके से कपड़े पहनने के लिए कह कर वो दमनकारियों और अपराधियों को महिलाओं के खिलाफ अपने बर्ताव को वाजिब ठहराने के लिए नया नैरेटिव दे रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस तरह बात करने को किसी भी लिहाज से वाज़िब नहीं ठहराया जा सकता. बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय.” 


इमरान ने इसी साल अप्रैल में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों की दिक्कतें सुनने के दौरान एक कॉलर के सवाल के जवाब में यौन अपराधों के बढ़ने के लिए अश्लीलता को जिम्मेदार ठहराया था. तब इमरान ने कहा था कि इस्लाम में पर्दे की व्यवस्था इसीलिए की गई है ताकि लोगों की बुरी नजरों से महिलाओं को बचाया जा सके. उस बयान पर इमरान की पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ ने ही एक ट्वीट में कहा था कि ऐसे अपराधों को रोकने का दायित्व पुरुषों पर है. जेमिमा ने इसके साथ कुरान की आयत का भी जिक्र किया जिसमें पुरुषों से अपनी इन्द्रियों को काबू में रखने की बात कही गई है.

 

जेमिमा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मैं उम्मीद कर रही हूं कि ये कोई गलतफहमी या अनुवाद की गलती हो, मैं जिन इमरान खान को जानती थी, वो हमेशा कहते थे कि महिलाओं की जगह पुरुषों की आंखों पर पर्दा होना चाहिए."


हालांकि इमरान ने पाकिस्तान में यौन अपराधों के बढ़ने की घटनाओं को लेकर अतीत में अपने बयान को लेकर सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि कभी पीड़ितों को इसके लिए उन्होंने ज़िम्मेदार नहीं ठहराया. उन्होंने ये भी कहा था कि उनके कमेंट्स को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया और वो बलात्कारियों को ही रेप के लिए दोषी मानते हैं. इमरान ने पर्दे पर भी अपने बयान पर कहा था कि वो सभी के लिए बात कर रहे थे सिर्फ महिलाओं या उनके कपड़ों की ही नहीं.


(#Khush_Helpline को उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. मीडिया में एंट्री के इच्छुक युवा मुझसे अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो यहां फॉर्म भर दीजिए)

 

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