मीडिया में भविष्य देख रहे साथी मिशन से ऐसे जुड़ें...खुशदीप

आज से करीब 43 साल पहले अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन रिलीज हुई थी. उसी फिल्म में अनजान के लिखे इस गाने को किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने आवाज़ दी थी और कल्याणजी आनंदजी ने संगीतबद्ध किया था.



जिसका मुझे था इंतज़ार
जिसके लिए दिल था बेक़रार
वो घड़ी आ गई, आ गई
आज प्यार में हद से गुज़र जाना है
मार देना है तुझको या मर जाना है...


वाकई मीडिया में भविष्य देख रहे युवा साथियों की मदद का जो मिशन (How to become a good journalist) मैंने चुना है, उसके प्यार में हद से गुज़र जाना है. लेकिन मार देना है तुझको या मर जाना हैवाली लाइन का कुछ और मतलब नहीं निकालिएगा. इसके मायने हैं युद्धस्तर पर मिशन को अंजाम देना.जितनी मेहनत मैं करने को तैयार हूं, उतनी ही मेहनत मुझसे जुड़ने वाले साथियों को भी करनी होगी.


अब बात करते हैं उस घड़ी की जिसका मुझे इंतज़ार था. उम्मीद करता हूं कि आपको भी होगा. अब आपको अपनी बात मुझ तक पहुंचानी है और मुझे आप तक अपनी बात. क्योंकि सॉफ्टवेयर डेवेलप होने में टाइम लगता है. लेकिन मैं अब आपकी बात सुनने के लिए बेताब हूं. सॉफ्टवेयर तैयार होता रहेगा. तब तक के लिए एक वैकल्पिक रास्ता ढूंढा है. मेरे ब्लॉग देशनामा पर आप जाएंगे तो सबसे ऊपर आपको Khush😊Helpline की एक विंडो दिखेगी. इसे क्लिक करिए. यहां आपको एक फॉर्म के जरिए नीचे लिखी जानकारी देनी होगी. 


Name of candidate*/ अभ्यर्थी का नाम:  


E-Mail / ई-मेल:         


Phone*/फोन:


Address*/पता:


Share your problem, we will get back to you ASAP*/ अपनी समस्या बताएं, शीघ्र ही हम आपसे संपर्क करेंगे:


आप इस फॉर्म को हिन्दी या अंग्रेज़ी किसी भी भाषा में भर सकते हैं. अपनी समस्या कहने वाला कॉलम बहुत सावधानी से भरिएगा. बेशक टाइम लेकर पहले इसे वर्ल्ड या नोटपैड पर टाइप कर लें फिर फॉर्म में पेस्ट कर दीजिएगा. फॉर्म भरने में जल्दबाज़ी या हड़़बड़ी मत कीजिएगा. न मैं कहीं भागा जा रहा हूं और न ही आप. शब्द-सीमा का ज़रूर ध्यान रखें.500 शब्द अधिकतम होने चाहिए. ये इसलिए भी ज़रूरी है कि आपको कम से कम शब्दों में सटीकता से खुद को व्यक्त करना आना चाहिए. मीडिया में ये बहुत ज़रूरी है. आप टीवी के नीचे जो टिकर देखते हैं वहां, एक या दो लाइन में पूरी न्यूज़ को समझा देने को मैं सबसे बड़ा हुनर मानता हूं. टीवी न्यूज़ की दुनिया में मैंने भी सबसे पहले टिकर से ही शुरुआत की थी.


अपनी बात रखने वाले कॉलम के आखिर में अगर आपके सोशल मीडिया हैंडल्स (फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग) हैं तो उनके लिंक ज़रूर दें. इससे मुझे फॉलोअप करने में आसानी रहेगी. उदाहरण के तौर पर मेरे सोशल मीडिया लिंक्स नीचे दिए हैं. 


मेरा फेसबुक लिंक

https://www.facebook.com/khushdeepsehgal/

मेरा ट्विटर लिंक

https://twitter.com/deshnama

मेरा ब्लॉग लिंक

www.deshnama.com


एक बात और मैं अपनी ओर से मिशन से जुड़ने वाले किसी भी साथी की पहचान सार्वजनिक नहीं करूंगा.

अच्छा ये तो हो गया आपका अपनी बात रखना. अब मैं आपसे कैसे संपर्क बनाए रखूंगाइसके लिए दो तीन बातें साफ़ करना चाहता हूं जिससे कि आपको आगे चलकर ये न लगे कि मैं तुरंत रिस्पॉन्स नहीं दे रहा हूं. इसकी पहली वजह है कि मैं अकेला हूं. मेरे साथ अभी कोई टीम नहीं है, ऊपर वाले ने चाहा तो शीघ्र ही ये सब भी हो जाएगा. अभी तो सीमित संसाधन में जितना मुझसे बन पड़ेगा, यकीन मानिए वो सब करूंगा. मंशा साफ़ है इसलिए मन में विश्वास है कि आज नेक़ नीयत से लगाया जा रहा ये पौधा एक दिन ज़रूर फलदार पेड़ बनेगा.


अब आपको मेरा साथ देने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना होगा-


आपकी बात मेरे तक पहुंच जाने के बाद मैं अपने तरीकों से आपसे संपर्क करूंगा. बस आपको थोड़ा धैर्य दिखाना होगा. मैं हर साथी की बात का जवाब दूंगा. यथाशक्ति उसकी जिज्ञासा शांत करने की कोशिश करूंगा. लेकिन इसमें टाइम लग सकता है. शनिवार और रविवार को मैं पूरी तरह इसी मिशन के लिए समर्पित रखूंगा.

पत्रकारिता, क्रिएटिव राइटिंग और ब्लॉगिंग मेरा कार्यक्षेत्र रहा है, इस पर जो मुझे अनुभव के आधार पर जानकारी  है वो आपसे शेयर करूंगा. लेकिन मीडिया में सिर्फ कॉपीराइटिंग ही नहीं होता और भी बहुत कुछ होता है जैसे कि एंकरिंग, एडिटिंग, ग्राफिक्स, डिजाइनिंग, प्रोडक्शन, सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल आदि. जिस विषय के बारे में मैं नहीं जानता उन पर विशेषज्ञ दोस्त मीडियाकर्मियों से जवाब दिलाने का प्रयत्न करूंगा.


जहां कुछ कर नहीं पाने की संभावना होगी, आपको साफ़ बता दूंगा, अंधेरे में नहीं लटकाए रखूंगा.


आप फेसबुक पर मैसेंजर में तभी कोई मैसेज मुझे करें जब आपको कोई बहुत अर्जेंट बात कहनी हो. मिशन पर फोकस की वजह से हेलो, हाय जैसे सामान्य शिष्टाचार वार्तालाप में समय व्यर्थ न हो, इसमें मेरा सहयोग कीजिएगा. मैं जानता हूं कि आप सबकी शुभकामनाएं हमेशा मेरे साथ हैं. आप सब मेरे दिल में रहेंगे, आप मुझे अपने दिल में रखेंगे या नहीं, ये आप पर छोड़ता हूं. 


आखिरी और सबसे अहम बात, कोई मुझसे ये उम्मीद हर्गिज़ हर्गिज़ न करे कि मैं किसी के लिए कहीं कोई जॉब या अन्य तरह की सिफ़ारिश करूंगा. अगर कोई ऐसा सोच रहा है तो मैं उससे अभी माफ़ी मांगता हूं कि वो मेरे से जुड़ कर अपना समय ख़राब न करे. क्योंकि मेरा मानना है कि खुद को कुंदन की तरह तपा कर इतना मज़बूत कर लेना चाहिए कि कोई जॉब देने से इनकार ही न कर सके.


ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है...


शेर पुराना है, लेकिन यहां मेरे साथियों के लिए इससे ज़्यादा फिट और कुछ नहीं बैठता...


आख़िर में मैं अपने भाई शाहनवाज़ का दिल से शुक्रिया करना चाहूंगा, जिसने दिन-रात मेरे इस मिशन के लिए वैकल्पिक सिस्टम तैयार करने में मदद की. इस वजह से ही मैं एक अगस्त की तारीख को वादे के मुताबिक मिशन से जुड़ने के तरीके को आपके सामने पेश कर सका. 


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9 टिप्पणियाँ
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  1. आप बड़े भाई हैं, आपके लिए काम करके हमेशा ही अच्छा लगता है, भविष्य ये लिए ढेरों शुभकामनाएं 💐

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  2. मैं जानता हूं...मेरे लिए छोटे भाई से बढ़ कर हो❤️

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  3. आपके मार्गदर्शन से बढ़कर और कुछ नहीं चाहिए। कितने ही एकलव्य एकल साधना में जुटे हैं,उन्हें द्रोणाचार्य की दरकार है।

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  4. आपके मार्गदर्शन से बढ़कर और कुछ नहीं चाहिए। कितने ही एकलव्य एकल साधना में जुटे हैं,उन्हें द्रोणाचार्य की दरकार है।

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  5. उम्मीद है आपकी मुहिम रंग लाएगी। अनंत शुभकामनाएं।

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