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सोशल साइट्स पर अपने नहीं सपने होते हैं...खुशदीप
सोशल नेटवर्किंग साइट्स को ही सब कुछ मान लेने वालों को एक फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए- ‘ वेटिंग ’… अनु मेनन…
शनिवार, अगस्त 27, 2016सोशल नेटवर्किंग साइट्स को ही सब कुछ मान लेने वालों को एक फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए- ‘ वेटिंग ’… अनु मेनन…
वो सिर पर लाश ढो रहा था, और पूरा भारत सो रहा था... वो कौन ? किसकी लाश ? वो दाना मांझी और लाश उसकी …
दोस्तों, एक सज्जन मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ गए थे कि मैं केंद्र की मौजूदा सरकार की बहुत आलोचना करता हूं...इस…
आज जिस तरह का दौर है, उसमें कोई दूसरे की सुनने को तैयार नहीं है...राजनीति, धर्म, जाति से बंधी अपनी विचारधाराएं हैं…