आज जहां मैं हूं, वहां कल कोई और था,
ये भी एक दौर है, वो भी एक दौर था...
साठ के दशक के आखिर और सत्तर के दशक के शुरू में सुपरस्टार के तौर पर जो क्रेज राजेश खन्ना का रहा, वैसा क्रेज़ हिंदी सिनेमा में न पहले कभी किसी स्टार ने देखा और न ही बाद में...अमिताभ और शाहरूख ने भी नहीं...रोमांटिक हीरो के तौर पर राजेश खन्ना के लिए ये लड़कियों की दीवानगी ही थी कि अपने ख़ून से उन्हें चिट्ठियां लिखती थीं...शायद यही वजह थी कि डिंपल से शादी करते ही राजेश खन्ना की लोकप्रियता का ग्राफ़ धड़ाम हो गया...रही सही कसर एंग्री यंग मैन के तौर पर ज़ंज़ीर से उभरे अमिताभ ने पूरी कर दी...
राजेश खन्ना आजकल जिस हाल में हैं, उसे देखना बड़ा त्रासद है..डायलाग डिलीवरी के खास अंदाज़ के लिए जाने जाने वाले काका आज सही तरह से बोल भी नहीं पा रहे...अभी उन्हें लेकर चीनी कम और पा फेम निर्देशक और देश के दिग्गज एड फिल्म शूटर बाल्की ने हैवेल्स इलैक्ट्रिक एप्लायंसेज़ की एड शूट की है...ये पूरे करियर में पहली बार है कि राजेश खन्ना किसी ब्रैंड को एंडोर्स कर रहे हैं...प्रार्थना करता हूं कि काका जल्दी स्वस्थ हों...
राजेश खन्ना पर वेब दुनिया डाट काम से साभार ली गई पचास जानकारियां...
1) जिस तरह से आज टीवी के जरिये टैलेंट हंट किया जाता है, कुछ इसी तरह काम 1965 यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेअर ने किया था। वे नया हीरो खोज रहे थे। फाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें एक राजेश खन्ना भी थे। अंत में राजेश खन्ना विजेता घोषित किए गए।
2) राजेश खन्ना का वास्तविक नाम जतिन खन्ना है। अपने अंकल के कहने पर उन्होंने नाम बदल लिया।
3) 1969 से 1975 के बीच राजेश ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। उस दौर में पैदा हुए ज्यादातर लड़कों के नाम राजेश रखे गए।
4) फिल्म इंडस्ट्री में राजेश को प्यार से काका कहा जाता है। जब वे सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका।
5) 29 दिसम्बर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना स्कूल और कॉलेज जमाने से ही एक्टिंग की ओर आकर्षित हुए। उन्हें उनके एक नजदीकी रिश्तेदार ने गोद लिया था और बहुत ही लाड़-प्यार से उन्हें पाला गया।
6) राजेश ने फिल्म में काम पाने के लिए निर्माताओं के दफ्तर के चक्कर लगाए। स्ट्रगलर होने के बावजूद वे इतनी महंगी कार में निर्माताओं के यहां जाते थे कि उस दौर के हीरो के पास भी वैसी कार नहीं थी।
7) प्रतियोगिता जीतते ही राजेश का संघर्ष खत्म हुआ। सबसे पहले उन्हें ‘राज’ फिल्म के लिए जीपी सिप्पी ने साइन किया, जिसमें बबीता जैसी बड़ी स्टार थीं।
8) राजेश की पहली प्रदर्शित फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ है, जो 1967 में रिलीज हुई थी।
9) 1969 में रिलीज हुई आराधना और दो रास्ते की सफलता के बाद राजेश खन्ना सीधे शिखर पर जा बैठे। उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया और लोगों के बीच उन्हें अपार लोकप्रियता हासिल हुई।
10) सुपरस्टार के सिंहासन पर राजेश खन्ना भले ही कम समय के लिए विराजमान रहे, लेकिन यह माना जाता है कि वैसी लोकप्रियता किसी को हासिल नहीं हुई जो राजेश को हासिल हुई थी।
11) लड़कियों के बीच राजेश खन्ना बेहद लोकप्रिय हुए। लड़कियों ने उन्हें खून से खत लिखे। उनकी फोटो से शादी कर ली। कुछ ने अपने हाथ या जांघ पर राजेश का नाम गुदवा लिया। कई लड़कियां उनका फोटो तकिये के नीचे रखकर सोती थी।
12) स्टुडियो या किसी निर्माता के दफ्तर के बाहर राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार रुकती थी तो लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थी। लिपिस्टिक के निशान से सफेद रंग की कार गुलाबी हो जाया करती थी।
13) निर्माता-निर्देशक राजेश खन्ना के घर के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते थे। वे मुंहमांगे दाम चुकाकर उन्हें साइन करना चाहते थे।
14) पाइल्स के ऑपरेशन के लिए एक बार राजेश खन्ना को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अस्पताल में उनके इर्दगिर्द के कमरे निर्माताओं ने बुक करा लिए ताकि मौका मिलते ही वे राजेश को अपनी फिल्मों की कहानी सुना सके।
15) राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के रूप में बेहद पसंद किया गया। उनकी आंख झपकाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा के लोग दीवाने हो गए।
16) राजेश खन्ना द्वारा पहने गए गुरु कुर्त्ते खूब प्रसिद्ध हुए और कई लोगों ने उनके जैसे कुर्त्ते पहने।
17) आराधना, सच्चा झूठा, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी, मेहबूब की मेहंदी, आनंद, आन मिलो सजना, आपकी कसम जैसी फिल्मों ने आय के नए रिकॉर्ड बनाए।
18) आराधना फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू...’ उनके करियर का सबसे बड़ा हिट गीत रहा।
19) आनंद फिल्म राजेश खन्ना के करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जा सकती है, जिसमें उन्होंने कैंसर से ग्रस्त जिंदादिल युवक की भूमिका निभाई।
20) राजेश खन्ना की सफलता के पीछे संगीतकार आरडी बर्मन और गायक किशोर का अहम योगदान रहा है। इनके बनाए और राजेश पर फिल्माए अधिकांश गीत हिट साबित हुए और आज भी सुने जाते हैं। किशोर ने 91 फिल्मों में राजेश को आवाज दी तो आरडी ने उनकी 40 फिल्मों में संगीत दिया।
21) अपनी फिल्मों के संगीत को लेकर राजेश हमेशा सजग रहते हैं। वे गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त स्टुडियो में रहना पसंद करते थे और अपने सुझावों से संगीत निर्देशकों को अवगत कराते थे।
22) मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ राजेश खन्ना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। मुमताज के साथ उन्होंने 8 सुपरहिट फिल्में दी।
23) मुमताज ने शादी कर फिल्म को अलविदा कहने का मन बना लिया। उनके इस निर्णय से राजेश को बहुत दु:ख हुआ।
24) शर्मिला और मुमताज, जो कि राजेश की लोकप्रियता की गवाह रही हैं, का कहना है कि लड़कियों के बीच राजेश जैसी लोकप्रियता बाद में उन्होंने कभी नहीं देखी।
25) आशा पारेख और वहीदा रहमान जैसी सीनियर एक्ट्रेस के साथ भी उन्होंने काम किया। खामोशी में राजेश को वहीदा के कहने पर ही रखा गया। 26) गुरुदत्त, मीना कुमारी और गीता बाली को राजेश खन्ना अपना आदर्श मानते हैं।
27) जंजीर और शोले जैसी एक्शन फिल्मों की सफलता और अमिताभ बच्चन के उदय ने राजेश खन्ना की लहर को थाम लिया। लोग एक्शन फिल्में पसंद करने लगे और 1975 के बाद राजेश की कई रोमांटिक फिल्में असफल रही।
28) कुछ लोग राजेश खन्ना के अहंकार और चमचों से घिरे रहने की वजह को उनकी असफलता का कारण मानते हैं। बाद राजेश खन्ना ने कई फिल्में की, लेकिन सफलता की वैसी कहानी वे दोहरा नहीं सके।
29) राजेश ने उस समय कई महत्वपूर्ण फिल्में ठुकरा दी, जो बाद में अमिताभ को मिली। यही फिल्में अमिताभ के सुपरस्टार बनने की सीढ़ियां साबित हुईं। यही राजेश के पतन का कारण बना।
30) राजेश के स्वभाव की वजह से मनमोहन देसाई, शक्ति सामंत, ऋषिकेश मुखर्जी और यश चोपड़ा ने उन्हें छोड़ अमिताभ को लेकर फिल्म बनाना शुरू कर दी।
31) अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना को प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। दोनों ने आनंद और नमक हराम नामक फिल्मों में साथ काम किया है। इन दोनों फिल्मों में राजेश के रोल अमिताभ के मुकाबले सशक्त हैं।
32) यह प्रतिद्वंद्विता तब और गहरा गई जब एक ही कहानी पर राजेश को लेकर ‘आज का एमएलए रामअवतार’ और अमिताभ को लेकर ‘इंकलाब’ शुरू की गई। बाद में दोनों ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास असर नहीं छोड़ पाई।
33) रोमांटिक हीरो राजेश दिल के मामले में भी रोमांटिक निकले। अंजू महेन्द्रू से उनका जमकर अफेयर चला, लेकिन फिर ब्रेकअप हो गया। ब्रेकअप की वजह दोनों ने आज तक नहीं बताई है। बाद में अंजू ने क्रिकेट खिलाड़ी गैरी सोबर्स से सगाई कर सभी को चौंका दिया।
34) राजेश खन्ना ने अचानक डिम्पल कपाड़िया से शादी कर करोड़ों लड़कियों के दिल तोड़ दिए। डिम्पल ने बॉबी फिल्म से सनसनी फैला दी थी।
35) समुंदर किनारे चांदनी रात में डिम्पल और राजेश साथ घूम रहे थे। अचानक उस दौर के सुपरस्टार राजेश ने कमसिन डिम्पल के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया जिसे डिम्पल ठुकरा नहीं पाईं। शादी के वक्त डिम्पल की उम्र राजेश से लगभग आधी थी।
36) राजेश-डिम्पल की शादी की एक छोटी-सी फिल्म उस समय देश भर के थिएटर्स में फिल्म शुरू होने के पहले दिखाई गई थी।
37) डिम्पल और राजेश की दो बेटी हैं ट्विंकल और रिंकी। डिम्पल और राजेश में नहीं पटी, बाद में दोनों अलग हो गए।
38) अलग होने के बावजूद मुसीबत में हमेशा डिम्पल ने राजेश का साथ दिया। हाल ही में वे बीमार हुए तो डिम्पल ने उनकी सेवा की। उनका चुनाव प्रचार भी किया।
39) अपनी साली सिम्पल कपाड़िया के साथ राजेश बतौर हीरो फिल्म ‘अनुरोध’ में नजर आए।
40) राजीव गांधी के कहने पर राजेश राजनीति में आए। कांग्रेस (ई) की तरफ से कुछ चुनाव भी उन्होंने लड़े। जीते भी और हारे भी। लालकृष्ण आडवाणी को उन्होंने चुनाव में कड़ी टक्कर दी और शत्रुघ्न सिन्हा को हराया भी। अब उनका राजनीति से मोहभंग हो गया है।
41) राजेश खन्ना की लाइफ में टीना मुनीम भी आईं। एक जमाने में राजेश ने कहा भी था कि वे और टीना एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं।
42) जीतेन्द्र और राजेश खन्ना स्कूल में साथ पढ़ चुके हैं।
43) राजेश खन्ना और उनकी बेटी ट्विंकल का एक ही दिन जन्मदिन आता है, 29 दिसंबर।
44) बहुत पहले ‘जय शिव शंकर’ फिल्म में काम मांगने के लिए राजेश खन्ना के ऑफिस में अक्षय कुमार गए थे। घंटों उन्हें बिठाए रखा और बाद में काका उनसे नहीं मिले। उस दिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि यही अक्षय एक दिन काका के दामाद बनेंगे।
45) अक्षय का कहना है कि वे बचपन से राजेश खन्ना के फैन रहे हैं। आराधना, अमर प्रेम और कटी पतंग उनकी पसंदीदा फिल्म है।
46) कहा जाता है कि राजेश खन्ना ने बहुत सारा पैसा लॉटरी चलाने वाली एक कंपनी में लगा रखा है जिसके जरिये उन्हें बहुत आमदनी होती है।
47) काका का कहना है कि वे अपनी जिंदगी से बेहद खुश हैं। दोबारा मौका मिला तो वे फिर राजेश खन्ना बनना चाहेंगे और वही गलतियां दोहराएंगे।
48) अपने बैनर तले राजेश खन्ना ने ‘जय शिव शंकर’ नामक फिल्म शुरू की थी, जिसमें उन्होंने पत्नी डिम्पल को साइन किया। आधी बनने के बाद फिल्म रूक गई और आज तक रिलीज नहीं हुई।
49) राजेश खन्ना ने श्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेअर पुरस्कार तीन बार जीता और चौदह बार वे नॉमिनेट हुए।
50) वर्तमान दौर के सुपरस्टार शाहरुख खान का कहना है कि राजेश ने अपने जमाने में जो लोकप्रियता हासिल की थी, उसे कोई नहीं छू सकता है।
bahut khas...post sir ji..aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंकमाल की पोस्ट ,शुभकामनायें आपको !
मैंने तो यह भी सुना है कि राजेश खन्ना का करियर ख़त्म करने में अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा हाथ रहा है....
जवाब देंहटाएंआप राजेश खन्ना के पूरे भक्त लगते हैं .
जवाब देंहटाएंहमें तो आज तक यह समझ नहीं आया -- राजेश खन्ना में ऐसा क्या था !
हालाँकि उनके बालों की स्टाइल तो हमने भी फोलो की थी एक ज़माने में .
सचमुच , आज उनकी हालत देख कर बहुत दुःख होता है . लेकिन उन्होंने काम भी कुछ ऐसे ही किये होंगे .
डॉक्टर साहब,
हटाएंआनंद, ख़ामोशी, बावर्ची, अमर प्रेम, सफ़र, अवतार जैसी फिल्मों को देखने के बाद समझा जा सकता है कि राजेश खन्ना में ऐसा क्या था...
मेरे लिए तो राजेश खन्ना की एक ही फिल्म आनंद काफ़ी है...इस फिल्म से ही ज़िंदादिली का
ये सबक सीखा कि खुद चाहे कितनी भी तकलीफ में क्यों न हो, दूसरों को हमेशा खुशियां बांटते रहना चाहिए, हंसाते रहना चाहिए, यही जीवन का असली आनंद हैं...
आनंद के चेले-गुरु जैसी ही मैं अपनी और गुरुदेव समीर जी के बीच ट्यूनिंग समझता हूं...
जय हिंद....
खुशदीप भाई , बेशक इन फिल्मों में उनकी एक्टिंग बहुत अच्छी थी . लेकिन लड़कियों के मरने की क्या वज़ह थी ? :)
हटाएंअसल जिंदगी में भी उन्होंने कोई अच्छा उदाहरण पेश नहीं किया .
ये सुना है कि राजेश खन्ना जैसा स्टारडम किसी ने नहीं देखा.पर हर किसी का समय आता है तो जाता भी है..यहाँ हर कोई पल दो पल का शायर है........
जवाब देंहटाएंअरे बाप रे, बहुत लम्बी फेहरिस्त है।
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी राजेश खन्ना के बारे में!
जवाब देंहटाएंराजेश खन्ना से जुडी इतनी सारी जानकारियों के कारण एक बुकमार्क करने लायक पोस्ट बन गई है खुशदीप भाई । बहुत ही बेहतरीन । मुझे तो ये जानकर भी हैरानी हुई कि इतने समय पहले भी टैलेंट हंट और उसके प्रतियोगी का विजेता होना मायने रखता था । बहुत ही बढिया
जवाब देंहटाएंकाल का पहिया चलता जाए.
जवाब देंहटाएंसब समय समय की बात है.
ऐसे सुपर सितारे के बारे में खास रपट लिखी ही जानी चाहिये थी. बधाई.
जवाब देंहटाएंपुराने पन्ने पलटना अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंकाका के बारे में इतना नहीं जानता था, पोस्टमार्टम जीवन फिर से नहीं ला पाता है।
जवाब देंहटाएंमुझे पर्सनली राजेश खन्ना कभी बहुत अच्छे नहीं लगे, लेकिन उनकी तीन फ़िल्में बहुत पसंद हैं- आनंद, बावर्ची और तीसरी कसम. हर एक फिल्म ऐक्टर का अपना स्टाइल होता है, और उस ज़माने में तो बिना स्टाइल के कोई अभिनेता सफल नहीं होता था. राजेश खन्ना की भी अपनी स्टाइल थी. शुरू की फिल्मों में वो बड़े भोले से लगते थे.
जवाब देंहटाएंमैं नहीं मानती कि राजेश खन्ना की असफलता के पीछे कोई खास कारण था. बस जनता का मूड है, लव स्टोरी देखते-देखते ऊबे थे लोग तो अमिताभ को पसंद करने लगे. हाँ, ये हो सकता है कि बाद में उन्हें खास तवज्जो ना मिलने का कारण उनकी अकड रही हो क्योंकि मेरे ख्याल से जितने उपेक्षित आज वो हैं, उस दौर का और कोई अभिनेता नहीं है.
खैर, कुछ भी हो. ये सही है कि राजेश खन्ना के बारे में कहीं कोई नहीं लिखता. आपने जितनी जानकारी दी, वो तो बहुत ज्यादा है. अच्छी लगी ये पोस्ट.
सॉरी ऊपर "अमरप्रेम" की जगह जाने क्यों तीसरी कसम लिख गया :) उसे अमरप्रेम ही पढ़ियेगा प्लीज़.
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