थैंक गॉड, सोनिका को जल्दी ही समझ आ गया....खुशदीप

सोनिका कालीरमन मलिक को बहुत जल्दी समझ आ गई...बिग बॉस शुरू होने के एक हफ्ते के अंदर ही सोनिका ने शो से स्वेच्छा से हटने का फैसला कर लिया...सोमवार को उनकी विदाई भी हो गई...मैंने शो शुरू होते ही सोनिका पर एक पोस्ट लिखी थी...सोनिका, प्रैग्नेंसी और रियलिटी शो...



सोनिका ने छह महीने की गर्भवती होने के बावजूद शो में एंट्री ली थी...लेकिन एक हफ्ते में ही बिग बॉस के घर का नज़ारा देखकर उन्हें समझ आ गया कि यहां तनाव और शो के नियम कायदे उनकी खुद की और आने वाले बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं है...अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहने वाले सोनिका के पति सिद्धार्थ मलिक भी ऐसे हालात को लेकर बहुत चिंतित थे...

मशहूर पहलवान चंदगी राम की बेटी सोनिका इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि वह घर लौट रही हैं और अब वह अपने पति तथा परिवार के साथ शांतिपूर्ण ढंग से रह सकेंगी...एक तरफ जहां सोनिका को घर लौटने की खुशी है वहीं दूसरी ओर बिग-बॉस के घर में मौजूद अन्य महिलाओं ने सोनिया को अश्रुपूर्ण विदाई दी है...साथ ही साथ साथी प्रतिभागियों ने सोनिका को शुभकामनाएं भी दीं...

बिग बॉस ने सोनिका से बात करते हुए खुद माना कि तीन महीने तक दुनिया से कट कर एक घर में बंद रहने से हर प्रतिभागी किसी न किसी स्टेज पर मानसिक तनाव ज़रूर महसूस करता है...

सोनिका पर लिखी पहली पोस्ट में भी मेरा आग्रह यही था...पैसा कमाने में कोई बुराई नहीं है...चाहे वो महिला हो या पुरुष...लेकिन सिर्फ नावल्टी के लिए प्रैंग्नेसी का टीआरपी गिमिक करने पर मुझे आपत्ति थी...मैंने यही कहना चाहा था कि जिस वक्त पति या घर के दूसरे सदस्यों के भावनात्मक साथ की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है, उस वक्त सोनिका का ये फैसला सही नहीं था...और ये सोनिका के पति की ओर से चिंता जताने पर साबित भी हो गया...

चलिए सोनिया ने जल्दी ही सही फैसला कर लिया...अंत भला तो सब भला...

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15 टिप्पणियाँ
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  1. सच कहा... अंत भला तो सब भला

    आखिर समझ तो आया सोनिका को....

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  2. एक हफ्ते की पब्लिसिटी तो मिल ही गई ।

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  3. जब उस सीरियल को हम एक मिनट भी बर्दास्‍त नहीं कर सकते तो वहां कैसे रहा जा सकता है।

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  4. ये सारी बाते पहले से ही तय होती है ऐसे काम किये ही इसलिए जाते है की दर्शको में उत्सुकता जगाया जा सके चर्चा में लाया जा सके और हम ये सब करके शो को और चर्चा में ला देते है | सभी ने देखा है जी शो में कितना झगडा होता है क्या ये बात सोनिका को नहीं पता था , पता थी और ये तय करके ही उन्हें बुलाया गया था को वो कुछ दिन बाद ही ये बहाना बना कर चली जाएँगी | चुकी वो पहले भी कई रियलटी शो कर चुकी थी इसलिए उन्हें पता था की यहाँ कोई भी चीज रियल नहीं होती है और वो आसानी से यहाँ आ गई | इसके पहले जेड गुडी को बुलाया गया था वो बी तब जब शो की होस्ट शिल्पा थी और शिल्पा के साथ झगड़े सभी ने देखा था फिर अचानक उनके कैंसर की बात सामने ला उन्हें हटा दिया गया दरेशाको की सहानभूति जुटा कर | इन्हें रियल मानना छोड़ दे |

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  5. कार्यक्रम को जो टी आर पी चाहिए थी मिल गई..
    खैर भला हो आने वाले बच्चे का.

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  6. itnae dino mae bachchae par kiska asar jyadaa hua hoga
    salmaan
    sanjay dutt
    shakti kapoor

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  7. wah re paisa ..wah ri duniya..khair sabere ka bhoola agar sham ko ghar laut aaye to use bhoola nahi kahte..

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  8. इसमें सब स्क्रीप्टेड होता है.विजेता भी पहले से ही तय होगा.लेकिन शूटींग के समय भी स्ट्रेस तो होता ही है .ऊपर से घरवालों से दूर होना अलग.चैनल तो एक गर्भवती महिला को प्रोडक्ट की तरह नुमाईश के लिए ही लाया था.ये जानते हुए भी सोनिका का तैयार हो जाना अजीब लगा.दर्शकों की भावनाओं और उत्सुकता को कैश कराने का अच्छा इंतजाम किया गया था.नाम याद नहीं पर दो ढाई साल पहले 'वी' पर भी एक ऐसा ही रियलिटी शो आता था जिसमें ऐक विवाहित महिला(हालाँकि वो गर्भवती नहीं थी) अपनी साथी युवती को अपनी गर्भावस्था और बच्चे के जन्म की प्रकिया के बारे में बताती थी बाद में किसी न किसी बहाने दो तीन ऐपिसोड में उसने अपने अलग अलग साथियों को ये सब बताया.ऐसा लगता था जैसे उसे रखा ही इसीलिए गया था.इसमें मेरे लिए बहुत सी बाते नई और अजीब थी लेकिन घरवालों के सामने सुनने लायक भाषा नहीं थी.मुझे तो लगा ऐसा ही कुछ यहाँ भी होने वाला है पर बात बनी नहीं.सब अपनी अपनी तरह से इस चीज को भुनाना सीख गये है.और ये सब संयोग नही है.सलाम नमस्ते और थ्री इडियट्स में फूहड हास्य परोसने के लिए गर्भवती महिला को बहुत गलत तरीके से दिखाया गया है भले ही सब नकली हो लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ये सब देखना अच्छा नहीं लगता.तीसमारखाँ में गर्भवती महिला के मुँह से ही 'मेरी टंकी फट गई' जैसे वाक्य स्त्री की गरीमा के ही खिलाफ लगते है.लोग सुनकर अवाक् है मगर फिर भी कोई कुछ बोल नहीं रहा कि कही पिछडे न समझ लिए जाएँ.पर इसी तरह एक एक कर और कितने प्रतिमान गिरते जाएँगे ?
    पिछली बार जब आया तो सरसरी तौर पर एकाध पोस्ट पढ और एक कमेंट कर चला गया था.रचना जी के दिये लिंक से फिर आना हुआ आपको नियमित पढना शुरु कर रहा हूँ.ब्लॉग अच्छा लगा और इसका नाम भी.

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  9. माफ कीजिएगा कुछ ज्यादा ही लंबी टिप्पणी हो गई.

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  10. अच्छा फैसला रहा ...
    शुभकामनायें आपको !

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  11. अंशुमाला जी और राजन जी से पूरी तरह सहमत हूँ...

    यह सब मार्केटिंग के फंडे हैं, प्रोडक्ट को किसी भी तरह लोगो की चर्चा में लाने के. बचपन की एक बात मुझे हमेशा याद आती है, ननिहाल के करीब के 'चांदपुर रेलवे स्टेशन' के बाहर एक हलवा बेचने वाला जोर-जोर से आवाज़ लगाया करता था "मेरा हलवा मत खरीदना" और उसकी वोह मार्केटिंग स्ट्रेटेजी हिट थी. हर कोई उत्सुकतावश उसके पास चला आता था, जिसे वोह मुफ्त में टेस्ट करवाता था. और फिर क्या था, ग्राहक उसका हो जाता था.

    लेकिन आजकल प्रोडक्ट को हिट करने के लिए नैतिक-अनैतिक, हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.... किसी भी तरह की अनैतिक बातों का हर हाल में और हर स्तर पर विरोध होना चाहिए...

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