श्री ब्लॉगरम् रहस्यम्...खुशदीप

आज एक शादी से आ रहा हूं...इसलिए बस माइक्रोपोस्ट से ही काम चलाइए...ये पोस्ट वही कहावत वाली है-देखन में छोटन लगे, मगर घाव करे गंभीर...



तीन लोग मरने के बाद स्वर्ग के द्वार पर पहुंचे...

पहला देवलोक के स्वामी से बोला...प्रभु मैं पुजारी हूं...जीवन भर आपकी सेवा के सिवा कुछ नहीं किया...मुझे अंदर आने दीजिए...


भगवान बोले...अगला...

दूसरा बोला...भगवन, मैं डॉक्टर हूं...ज़िंदगी भर लोगों की सेवा करता रहा, इसलिए अब अपने चरणों में रहने के लिए स्वर्ग में जगह दीजिए...


भगवान बोले...अगला...


तीसरा बोला...परमपिता...मैं ब्लॉगर हूं...मैंने...

प्रभु फौरन बोले...बस...बस...पगले...अब क्या मुझे भी रुलाएगा...चल अंदर आ...

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27 टिप्पणियाँ
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  1. चलिये अब पता चल गया अपनी सीट पकी हे स्वर्ग मे.... अब तो खुब पीयेगे जी
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    कच्ची लस्सी:)

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  2. भगवान् को भी दाँव दे दिया रो गा के ब्लोगर महाशय ने ?

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  3. कितना दयनीय और पर हितैषी पात्र...
    नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो...

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  4. शानदार! शानदार!
    आपको और आपके परिवार को मेरी और से नव वर्ष की बहुत शुभकामनाये ......

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  5. पर स्वर्ग के द्वार तक पहुँचने का रस्ता किधर है।

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  6. वहाँ भी ये सब? अगला जनम भी बेकार। नव वर्ष की शुभकामनाएं।

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  7. और ब्लोगर को प्रभु पहचान गए
    यह राज भाटिया भी खूब हैं आपको स्वर्ग में भी लस्सी पिलवाएंगे और खुद सोमरस पियेंगे !
    !

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  8. aapki leela aparmpaar hai...
    yani hame bhi swarg ka dwar dikhne laga khushdeep bhaiya...............:)

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  9. हा हा हा

    अस्सी और तुस्सी - पीवांगे लस्सी।

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  10. हा हा हा ...सही है.
    आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं

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  11. गनीमत है प्रभु ने यह नहीं कहा ... परे हट ... यह बिमारी यहाँ भी फैलाएगा क्या !?



    वैसे आपने सही कहा ... देखन में छोटन लगे, मगर घाव करे गंभीर... !!

    जय हिंद !!

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  12. हमें तो पेट ने लपेट लिया
    न पीने के रहे
    न पीता देखने के
    जा पाते
    तो पपीता खाते
    एक हिन्‍दी ब्‍लॉगर जो बिल्‍कुल पसंद नहीं है

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  13. दर्द के समंदर में यू
    मिलना दर्द का.....

    परेशान दुनिया देखेगी.....
    ये दीवाना दर्द का.

    वाह वाह

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  14. हा हा हा

    अब ब्लॉगर से क्या पंगा लेता भगवान :-)

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  15. फ़िर भगवान ने कहा

    बेटा तू नीचे से तप के आ रहा है ..साला फ़ोकट में इत्ता लिख मारा ..मतलब कितनों को लिख लिख कर मारता रहा ..पहले ये बता कि तू किसका लिखा पढ के मर बैठा बे .....आगे की कहानी कहिए तो सुना दूं ..

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  16. हा हा हा.........:))

    बहुत अच्छा ....वाह वाह

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

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