ब्लॉगिंग, सामाजिक सरोकार, छत्तीसगढ़ भवन बैठक...खुशदीप

तारीख- 19 दिसंबर 2010


जगह- दिल्ली के चाणक्यपुरी में छत्तीसगढ़ भवन

वक्त- शाम छह बजे से नौ बजे रात


छत्तीसगढ़ भवन नाम ही काफ़ी है...देश में सबसे बड़ा ब्लॉगगढ़ अगर कहीं है तो वो छत्तीसगढ़ में ही है...इसलिए ललित शर्मा भाई ने दो दिन पहले जब फोन पर बताया कि छत्तीसगढ़ से ब्लॉगिंग के दो योद्धा- अशोक बजाज और बी एस पाबला दिल्ली में हैं और दिल्ली-आसपास के ब्लॉगरों से मिलना चाहते हैं, तो मैं उनसे मिलने के लोभ से खुद को बचा नहीं पाया...रविवार की छुट्टी ने मेरी मुश्किल और आसान कर दी...पाबला जी से तो पहले भी मिलने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका था...अशोक बजाज जी से पहली बार रू-ब-रू होने जा रहा था...पाबला जी से लोकेशन पूछी तो उन्होंने बताया कि चाणक्यपुरी में अमेरिकी दूतावास के पास है छत्तीसगढ़ भवन...

प्रोग्राम का पता चलने के बाद आदत के मुताबिक सीधे सतीश सक्सेना भाई जी को फुनवा घुमाया...पूछा कि चलेंगे जनाब...दरअसल सतीश भाई हामी भर लेते हैं तो मेरा स्वार्थ भी पूरा हो जाता है...एक तो सतीश भाई की गाड़ी पर लिफ्ट मिल जाती है और दूसरा रास्ते में सत्संग भी हो जाता है...लेकिन इस बार सतीश भाई पारिवारिक व्यस्तता और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की वजह से छत्तीसगढ़ भवन पहुंचने की रज़ामंदी नहीं दे सके...खैर जो भी है मुझे तो पहुंचना ही था...शाहनवाज़ सिद्दीकी के साथ फोन पर तय हुआ कि मेट्रो से चलते हैं...शाहनवाज़ मेरे घर आ गए और दोनों ने वेन्यू के सबसे निकटतम मेट्रो स्टेशन रेसकोर्स के लिेए प्रस्थान किया...

रेसकोर्स स्टेशन से आगे का रास्ता तय करने के लिए ऑटो पकड़ा...दिल्ली का सबसे पॉश इलाका...ऑटो भी बड़ी देर से आ रहे थे...एक आया तो पांच छह सवारी सीधे लपकीं...एक रईसजादा सबसे पहले कूद कर बैठ गया...ऑटो चलाने वाले कोई सिंह साहब थे...मैंने उनसे पूछ ही लिया कि छत्तीसगढ़ भवन कितनी दूर पड़ेगा...उसने कहा, बै जाओ शाह जी छड देना वां...ये देखकर जो सवारी ऑटो में बैठ चुकी थी, वो बिदक गई...उसे शायद डर था कि मैं और शाहनवाज़ कोई लुटेरे हैं और ऑटो वाला भी हमसे मिला हुआ है...और रास्ते में ही उसे लूट लेंगे...वो तो भला हो सिंह ड्राइवर का...उसने सवारी से कहा...साहब जी कम पैसे दे देना...इन्हें भी बैठने दो...तो जनाब उस सवारी को बड़ी मुश्किल से हम पर दया आई और साथ बैठाने के लिए तैयार हुई...ऑटो वाले ने छत्तीसगढ़ भवन तक पहुंचा दिया और बड़े मुनासिब पैसे लिए...ऑटो ड्राइवर बड़ा हंसमुख इनसान था...कहने लगा कि 7 रेसकोर्स रोड पर देश के प्रधानमंत्री रहते हैं और उनकी नाक के नीचे ही रेसकोर्स में दिल्ली के सभी जुआरी (रेस खेलने वाले) इकट्ठे होते हैं...एक स्लॉग ओवर मैंने भी ऑटो ड्राइवर को ऐसा सुनाया कि उसकी तबीयत प्रसन्न हो गई...क्या था वो स्लॉग ओवर, वो फिर कभी...

हां तो जनाब कड़ाके की ठंड में सवा छह बजे के आसपास हम छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे...शीशे की दीवार से मुझे दूर से ही पीली पगड़ी में सजे पाबला जी नज़र आ गए...अंदर पहुंचे तो पाबला जी, कुमार राधारमण, रेवा राम यादव जी के साथ बातों में मशगूल थे...पाबला जी ने बताया कि अशोक बजाज जी भी थोड़ी देर में आने वाले हैं...धीरे-धीरे एक दर्जन ब्लॉगर जुट गए...पहले परिचय का दौर चला...फिर पेस्ट्री, पैटीज़, गजक, बर्फी, बिस्किट, चाय...

ब्लॉगिंग के विषय में बात छिड़ी...एग्रीगेटर की दिक्कत से शुरू हुआ बातों का क्रम इस पर पहुंचा कि ब्लॉगर जहां भी रहते हैं वो सामाजिक सरोकार से जुड़ी भी कोई न कोई पहल शुरू करे...क्योंकि ब्लॉगिंग को मौजूदा लेवल से अब ऊपर उठाने की आवश्यकता है...व्यक्तिगत ब्लॉगिंग अपनी संतुष्टि के लिए सही है लेकिन ब्लॉगिंग को आने वाले दिनों में लोकतंत्र का सशक्त माध्यम बनाना है तो सामाजिक पहलुओं को लेकर भी अपनी ज़िम्मेदारी समझी जाए...मैंने वृद्ध कल्याण की मिसाल दी...सबसे पहला काम हम ये कर सकते हैं कि घर के आसपास कोई ओल्ड एज होम या वृद्धाश्रम है तो छुट्टी वाले दिन वहां जाकर एक-दो घंटे बुजुर्गों से बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें...इस मौके पर सुरेश कुमार यादव जी ( अच्छे कवि, दिल्ली नगर निगम में अतिरिक्त उपायुक्त, लेकिन उससे भी पहले बढ़िया इनसान) ने एक प्रेरक प्रसंग सुनाया...वो आपको कल पोस्ट में सुनाऊंगा...फिलहाल बैठक की ही चर्चा...अशोक बजाज जी ने ब्लॉगजगत की ओर से शुरू की जाने वाली सामाजिक सरोकार की किसी भी पहल में बढ़-चढ़ कर योगदान का वादा किया...जनोक्ति के जयराम विप्लव ने समाज के वंचित वर्गों की भलाई के लिए ब्लॉग जगत से आगे आने का आह्वान किया...एक और शख्स से मैं बहुत प्रभावित हुआ...उनका नाम है- कुमार राधारमण...स्वास्थ्य सबके लिए नाम से ब्लॉग चलाते हैं...टिप्पणी वगैरहा की परवाह किए बिना राधारमण जी स्वास्थ्य से जुड़े सभी पहलुओं को पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं...उनके पास गूगल सर्च के ज़रिए बड़ी संख्या में रोज़ पाठक पहुंचते हैं...पदमसिंह जी ने गाज़ियाबाद में भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने वाले एक आज़ाद पुलिसवाले का दिलचस्प वाक्या सुनाया...अविनाश वाचस्पति जी को इस मौके पर हाल में भारत सरकार की ओर से मिले राजभाषा सम्मान के लिए सभी ने बधाई दी...ललित जी फोन के ज़रिए लगातार बैठक से जुड़े रहे...संगीता पुरी जी और अरविंद मिश्र जी के फोन भी आए...दोनों का ही आज जन्मदिन था...इसलिए सभी ने उन्हें बारी-बारी से बधाई दी...बैठक में और कौन-कौन मौजूद था, इस फोटो में देखिए...


संजू तनेजा, राजीव कुमार तनेजा, सुरेश कुमार यादव, पदम सिंह, शाहनवाज़ सिद्दीकी, अविनाश वाचस्पति, कनिष्क कश्यप, अशोक बजाज, खुशदीप सहगल, बीएस पाबला, कुमार राधारमण और जयराम विप्लव


हम सबके अलावा बैठक में एक और सज्जन भी मौजूद थे- रेवा राम यादव...सीपीडब्लूडी में इंजीनियर... वो अशोक बजाज जी के सहपाठी रह चुके हैं...करीब 38 साल बाद दोनों की मुलाकात हुई...रेवा राम जी भी जल्दी ब्लॉगिंग शुरू करने का इरादा रखते हैं...उन्होंने ब्लॉगर्स को अपनी ओर से संदेश दिया...बी पाज़िटिव, बी हैप्पी...आज बस इतना ही, बाकी कल...

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30 टिप्पणियाँ
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  1. वाह जी, खुद ही सारे मजे लूट लिये, हमें बताया तक नहीं...
    चलिये माफ किया...

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  2. बहुत सुंदर जी सब को हमारी तरफ़ से नमस्कार

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  3. क्यों मेरा नंबर खो गया था क्या। अभी सोने जा रहा हूं। जरा ऑफिस पहुंचो फिर बताता हूं।

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  4. बहुत अच्छॆ बधाई हो, ब्लॉगर मिलन जारी रहे ..

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  5. इस अनायास ब्लागर मीट के लिए पहली बधाई! दूसरी बधाई! ब्लागरी के माध्यम से सामाजिक हस्तक्षेप आरंभ करने के लिए। तीसरी बधाई इस लिए कि अब एक लक्ष्य तय करने का काम आरंभ हो चुका है कि ब्लागीरी को लोकतंत्र का सशक्त माध्यम बनाना है। अब जब विकीलीक्स ने खुद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा हिमायती बताने वाले अमरीकी प्रशासन को हिला कर रख दिया है। अमरीकी राजनैतिक दल इन सचाइयों के उजागर होने के उपरांत जनतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी को समाप्त करने के लिए नए कानून बनाने को उद्दत दिखाई देने लगे हैं। वैसी स्थिति में ब्लागीरी की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होने लगती है। निश्चय ही ब्लागरों के बीच गंफीर विचार विमर्श और कुछ कर गुजरने का वक्त आ चुका है।

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  6. संक्षिप्त होते हुए बाकी सब तो बहुत बढ़िया रहा...
    आपके,सुरेश यादव जी और अन्य ब्लॉगर्स के विचारों से पता चला कि संवेदनशीलता और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसी दो बातें जो मीडिया से विरत होती जा रही हैं... ब्लोगिंग में जीवित रहने वाली हैं और अपनी सजग भूमिका सामजिक हित में साबित करने वाली हैं

    आपने पेस्ट्री,पेट्टीज और चाय बिस्कुट का जिक्र भी कर दिया ... अब कुछ लोगों को मरोड़ होगी और यही कहेंगे देखो सब लोग ये ब्लोगर छत्तीसगढ़ भवन में क्या करने गए थे... :P

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  7. खुशदीप भाई एक छोटा सा स्पष्टीकरण ..इसलिए कि कहीं कुछ गलतफहमी न हो जाए ..
    फोन मेरे पास आया था न की मैंने किया ..और यह सचमुच आह्लादकारी था ..मुझे पता नहीं था देश की राजधानी में एक जीवंत ब्लॉगर मीट चालू है ...मुझे अविनाश जी ने फोन कर सभी ब्लॉगर श्रेष्ठों से बारी बारी बात कराई -मैं अभिभूत सा सभी की शुभकामनाएं बटोरता रहा और थ्री चीयर्स बोलता रहा ....

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  8. एक और सफल ब्लोगर मीट के लिए बधाइयाँ |
    कल महामहिम राष्ट्रपति जी के जन्म दिन समारोह में काफी समय लग गया इसलिए फरीदाबाद से दुबारा दिल्ली आने की हिम्मत न पड़ने के चलते इस ब्लोगर बैठक में शरीक होने से वंचित रह गए :(

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  9. बी पाज़िटिव, बी हैप्पी!
    सही है।

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  10. बहुत ही बेहतरीन ब्लोगर मिलन रहा... सभी से मिलकर बहुत अच्छा लगा... आयोजन के लिए बजाज जी और पाबला जी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

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  11. कल परिवार के एक समारोह में शामिल था जिससे ६ बजे तक छोटने की उम्मीद थी मगर ऐसा न हो सका और नॉएडा तक ही पंहुचने में ९ बज चुके थे ! सो आपसे क्षमा मांगने के अलावा और कोई विकल्प नहीं ! अच्छे लोगों से मिलने का एक मौका रह गया !
    सादर

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  12. सबसे पहला काम हम ये कर सकते हैं कि घर के आसपास कोई ओल्ड एज होम या वृद्धाश्रम है तो छुट्टी वाले दिन वहां जाकर एक-दो घंटे बुजुर्गों से बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें...
    ...ब्लॉगर मीट में सार्थक चर्चा स्वागत योग्य है।

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  13. आभासी दुनिया से निकल कर ब्लॉग्गिंग मित्रता...दोस्ती और सामान रूचि वाले लोगों को एकजुट करने का काम कर रही है....
    आप सब से मिलकर अच्छा लगा ...
    ऐसे प्रयास लगातार होने तथा होते रहने चाहिए

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  14. @अरविंद मिश्र जी,
    जिस वक्त आपस फोन पर बात हुई, मैं पोस्ट टाइप करने में मग्न था...अविनाश भाई ने मुझे अपना फोन देकर कहा कि लाइन पर अरविंद जी है...इसलिए मुझे पता नहीं था कि आपने फोन किया है या अविनाश भाई ने आपको जन्मदिन की बधाई देने के लिए फोन किया था...इसलिए मुझे लगा कि आपका फोन आया है वैसा ही पोस्ट पर लिख दिया...बहरहाल क्या फर्क पड़ता है, आपको अविनाश भाई ने फोन किया या आपका फोन आया...ऐसे मौके पर आपसे बात हो गई, यही हमारे लिए बहुत था...आपको जन्मदिन पर थ्री चियर्स कहने का मौका भी हम सबको मिल गया...

    जय हिंद...

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  15. भारतीय नागरिक और अन्‍य सभी वे साथी जो इन ब्‍लॉगर सम्‍मेलनों में शिरकत करना चाहते हैं, उनसे मेरा फिर से विनम्र अनुरोध है कि वे नुक्‍कड़ पर दिन में दो बार अवश्‍य घूम जाया करें, ताकि इन प्रकार के आयोजनों की जानकारी आपको मिल सके और आप तरह के आयोजनों से वंचित न रह पायें। निजी तौर पर न तो सबको फोन पर सूचना देना संभव ही है और न याद ही रहता है कि किनको फोन पर सूचित किया जाना है। इसलिए नुक्‍कड़ पर भ्रमण करना आपको ऐसे अवसर उपलब्‍ध कराता रहेगा।
    गिरीश बिल्‍लौरे और अविनाश वाचस्‍पति की वीडियो बातचीत
    इस बातचीत को सुनने के लिए विनम्र अनुरोध है। नुक्‍कड़ आप सबका है, इसे मेरा नहीं, अपना और हिन्‍दी का मानें।

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  16. कल हमारा भी एलुमिनी वार्षिक समारोह था । आयोजक होने के नाते हम तो वहीँ व्यस्त रहे ।
    पाबला जी से मिलने का अच्छा अवसर था ।

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  17. दिल्ली में छत्तीसगढ़ की महक। यही माहौल बना रहे।

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  18. बढ़िया है जी ...मिलते रहिये खुश रहिये.

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  19. ham to abhi hath pair tod kar araam farma rahe hain.......par badi ikchha hai, ek baar aap sab se milen.......:)

    khushdeep bhaiya, ek bar me blog pe aao na.........:P

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  20. बाकी उपस्थित सज्‍जन ब्‍लॉगरों की पोस्‍ट की भी प्रतीक्षा रहेगी, अपने अनुभव अवश्‍य शेयर करें, आजकल शेयर बाजार नई ऊंचाईयों पर है, हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग क्‍या जमी रहेगी, शिखर की ओर बढ़नी चाहिए
    हिन्दी टूल किट : आई एम ई को इंस्टाल करें एवं अपने कम्प्यूटर को हिन्दी सक्षम बनायें
    हिन्‍दी कार्य के लिए इस लिंक के लिंक की बात उठी थी, स्‍मरण नहीं रहा, किसने चाही थी, वे भी लिंक ले लें और आगे भी थमा दें, हिन्‍दी की इस मशाल को।

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  21. अविनाश जी को बधाई। बढिया रिपोर्ट के लिए आभार॥

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  22. बहुत ही बढिया रिपोर्ट और मिलन का तो कहना ही क्या ..नहीं पहुंच पाने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं ..कुछ कारणों से आना संभव न हो पाया..शुभकामनाएं

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  23. बड़ी अविस्मरनीय मुलाकात थी . सभी ब्लोगर मित्रो से मिलकर अपार खुशी हुई .आप सबका मिलना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है , मुझे यह जानकर बड़ी ख़ुशी हुई कि ब्लोगर अब समाज हित की बात सोंच रहे है . हमारे समाज में ब्याप्त बुराइयों ,कुरीतियों के अलावा संसकृति में आई नई विकृति की ओर ध्यान आकर्षित करने का ऐतिहासिक निर्णय देश के नव-निर्माण में मिल का पत्थर साबित होगा . धन्यवाद !

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  24. इधर हम भी बांधवगढ और शोणभद्र के लिए निकल लिए थे अन्यथा एक बार फ़िर सभी मित्रों के बीच होते। अब जल्दी ही मिलन की जुगत लगाते हैं।
    शानदार ब्लागर मीट के लिए आप सभी को ढेर सारी बधाईं।

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  25. वा भई वा मज़ा आ गया यह रपट पढकर । जो नही लिखा है वह अब पाबला जी से सुन लेंगे रू-ब- रू ।

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