दोस्ती है क्या, बोलो दोस्ती है क्या...खुशदीप
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मंगलवार, सितंबर 14, 2010
दोस्ती का गणित-
अच्छा दोस्त मैथ्स के ज़ीरो की तरह होता है, जिसकी अपनी कोई वैल्यू नहीं होती लेकिन जिस के साथ जुड़ जाए उसकी कीमत दस गुना बढ़ा देता है...
दोस्ती का बिज़नेस-
जिंदगी सेल्स है,
रिश्ते टारगेट,
पत्नी डेली रिपोर्टिंग,
संतान इन्सेन्टिव,
जवानी कमिटमेंट,
बुढ़ापा एचीव्मेंट
मौत प्रमोशन,
लेकिन दोस्ती नेट प्रॉफिट...
दोस्ती का अलर्ट
दोस्ती प्याज की तरह होती है.
कई परतों वाली,
सही इस्तेमाल ज़िंदगी का स्वाद बढ़ा देता है,
काटा जाए तो आंखों में आंसू ला देता है...
स्लॉग गीत
दोस्ती पर ऋषिकेश मुखर्जी दा की 1969 में बनाई फिल्म सत्यकाम का ये बेहतरीन गीत भी सुन लीजिए...मैं सत्यकाम को अपनी देखी सभी फिल्मों में श्रेष्ठ मानता हूं...
ज़िंदगी है क्या, बोलो ज़िंदगी है क्या,
दोस्ती है क्या, बोलो दोस्ती है क्या...
दोस्ती सब से बड़ी दौलत है ....... और आज के दौर में दौलत सब कुछ है !
जवाब देंहटाएंजय हिंद !
मौजूदा दौर में दोस्ती के जो मायने रह गए हैं
जवाब देंहटाएंउन्हें बहुत उम्दा तरीके से बयां किया है आपने ......
खास बात यह की हर रंग समेटा है दोस्ती के रिश्ते का
अच्छी प्रस्तुति ....बधाई
किसी भी रिश्ते से बेहतर एक रिश्ता.........
जवाब देंहटाएं........है न बोलो बोलो .....
आदरणीय खुशदीप सहगल जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
बहुत अच्छे अनुभव हैं आपके दोस्ती को ले'कर … बधाई !
अपना एक शे'र आपको नज़्र कर रहा हूं , झेलिएगा …
भर गए बाज़ार नक़ली माल से
लीचियों के खोल में हैं फ़ालसे
आभार और शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार
दोस्ती बड़ी ही हसीं है...
जवाब देंहटाएंये न हो तो बोलो क्या ये जिंदगी है ...!
दोस्ती को बहुत बार परिभाषित किया गया है। लेकिन लगता है उसे परिभाषित नहीं किया जा सकता।
जवाब देंहटाएंदोस्ती में सवाल नहीं होते,
जवाब देंहटाएंजहां सवाल होते हैं वहां दोस्ती नहीं होती...
जय हिंद...
दोस्ती प्याज की तरह होती है.
जवाब देंहटाएंकई परतों वाली,
सही इस्तेमाल ज़िंदगी का स्वाद बढ़ा देता है,
काटा जाए तो आंखों में आंसू ला देता है...
दोस्ती की यह परिभाषा बहुत अच्छी लगी।
एक ने शून्य से हाथ मिलाई, दोनों मिलकर हो गए दस :)
जवाब देंहटाएंहलके फुल्के अंदाज़ में दोस्ती की बहुत गहरी बातें!
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट से ज्यादा आपका कमेन्ट पसंद आया ...
दोस्ती में सवाल नहीं होते,
जहां सवाल होते हैं वहां दोस्ती नहीं होती...
बहुत सटीक बात कही है ....आभार
शून्य से शून्य को निकाल के शून्य का शेष रहना एक फ़लसफ़ा है... शून्य कितना ज़रूरी है अन्दाज़ा लगाएं
जवाब देंहटाएं”पूर्ण मिदम पूर्ण मद:......”
जवानी कमिटमेंट,
जवाब देंहटाएंबुढ़ापा एचीव्मेंट अच्छा तो हम ने तो एचीवमेन्ट पा ली। दोस्ती से बडा शायद कोई रिश्ता नही होता। मगर दोस्ती अपेक्षाओं से दूर होनी चाहिये
सही कहा आपने
दोस्ती में सवाल नहीं होते,
जहां सवाल होते हैं वहां दोस्ती नहीं होती...
बधाई और आशीर्वाद।
Bahut bhadiya post....
जवाब देंहटाएंDosti jasbaat ka wah makam hai
jahan sampurn samarpan me bahut badi uplabdhi hai
dhanywaad
सच्ची दोस्ती वो धन से जिसे कोई भी नही चुरा सकता, सिर्फ़ हम अपनी बेवकुफ़ी से उसे खो देते है
जवाब देंहटाएंदोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम अपनी मर्जी से चुनते है और जिससे कोई पर्दा नहीं करते है उसके सामने वैसे ही होते है जैसे की हम है |
जवाब देंहटाएंदोस्ती से बढ़ कर कुछ नही यह तो अनमोल है..बढ़िया आलेख...
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें