भगवान खुद ऐसा करके देखे...खुशदीप

वो यारों की महफ़िल,


वो मुस्कुराते पल,


दिल से जुदा है,


अपना बीता हुआ कल,


कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,


हंसने-हंसाने में,


आज वक्त गुज़रता है,


'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...






स्लॉग ओवर

एक चर्च के बाहर बोर्ड पर लिखा था-

'GOD NEVER FAILS'

एक बालक ने आकर बोर्ड पर लिख दिया...

जरा गॉड से IIT, PMT, CAT, CS और CA FINAL के EXAMS दिलवा कर देखो, फिर बताना...

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26 टिप्पणियाँ
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  1. खुशदीप भाई ,
    बहुत बढ़िया पोस्ट लगाई है आज तो .......मज़ा आ गया !
    जय हिंद !

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  2. ऐसी ही बातों के लिए शायद ये उपयुक्त है...
    वो दिन भी क्या दिन थे जब पसीना गुलाब था
    अब तो गुलाब से भी पसीने की बू आती है.....

    ज्यादा हरे पत्तों के फ़िराक में मत रहिये ...हाँ नहीं तो..!!

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  3. बस, यही जीवन का सिलसिला है.


    स्लॉग ओवर तो सच्चाई है..:)

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  4. haha आप भी कहाँ कहाँ से स्लोग ओवर लाते हैं :)

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  5. ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
    तोड़ेगें दम मगर तेरा साथ न छोड़ेगें।

    जय हिंद

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  6. कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,
    हंसने-हंसाने में,
    आज वक्त गुज़रता है,
    'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...

    ज्यादातर लोगों के लिए यही सत्य है ।
    कुछ को छोड़कर , जो दोनों काम एक साथ कर रहे हैं ।

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  7. कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,
    हंसने-हंसाने में,
    आज वक्त गुज़रता है,
    'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...

    बहुत ही बढ़िया ....

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  8. कभी जिंदगी गुजरती थी हंसने हंसाने में ...
    आज हरे नोट कमाने में ...
    क्यंकि भूखे भजन ना होई गोपाला ...
    कमाने में बुराई नहीं अगर हँसते हँसते और दूसरों को हँसाते हुए कमाई जाए ...मतलब ईमानदारी से ...

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  9. आनंद आ गया ...वाकई ६० % भी नहीं ला पाएंगे !

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  10. "'कागज़ के टुकड़े' कमाने में..."

    मजे की बात तो यह है कि इस 'कागज़ के टुकड़े' को कुत्ता तक नहीं सूँघता पर आदमी इसके पीछे पागल है!

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  11. खुशदीप साहब मैं शेरो शायरी और कविताओं पर टिप्पणी नहीं करता क्योंकि अक्सर ये बातें समझ ही नहीं आतीं पर कभी कभी समझ आतीं हैं और अच्छी लगती हैं तो कह देता हूँ वाह! वाह!. तो जनाब आज कि कविता के लिए स्वीकार करें मेरी वाह !वाह! ........

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  12. GOD NEVER FAILS IN GOOD WORK :) :) :)
    अच्छी पोस्ट के लिए *****

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  13. चित्र तो खुला नहीं, लेकिन जितना भी खुला सबके लिए वाह वाह वाह।

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  14. बहुत खूब
    भगवान भी शायद इन परीक्षाओ में फेल हो जायेगा

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  15. यह हंसने हंसाने के पल तो हमेशा ही कम रहे है।
    बहुत पहले गुजरती थी,चंद दाने कमाने में
    फ़िर गुजार दी धातु के टुकडे पाने में
    बस आज गुजरती है,कागज़ के टुकड़े' कमाने में...

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  16. अगर यु ही
    चलता रहा ये जीवन
    तो वक्त नहीं दूर
    अब मोह्ह्बत जाने में

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  17. बहुत बढ़िया पोस्ट लगाई है आज तो .......मज़ा आ गया !
    जय हिंद !

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  18. ab itra bhi malo to khushboo nahin zanab,
    woh din hawa huve,jab pasina gulab tha.

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