वो यारों की महफ़िल,
वो मुस्कुराते पल,
दिल से जुदा है,
अपना बीता हुआ कल,
कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,
हंसने-हंसाने में,
आज वक्त गुज़रता है,
'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...
स्लॉग ओवर
एक चर्च के बाहर बोर्ड पर लिखा था-
'GOD NEVER FAILS'
एक बालक ने आकर बोर्ड पर लिख दिया...
जरा गॉड से IIT, PMT, CAT, CS और CA FINAL के EXAMS दिलवा कर देखो, फिर बताना...
खुशदीप भाई ,
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट लगाई है आज तो .......मज़ा आ गया !
जय हिंद !
ऐसी ही बातों के लिए शायद ये उपयुक्त है...
जवाब देंहटाएंवो दिन भी क्या दिन थे जब पसीना गुलाब था
अब तो गुलाब से भी पसीने की बू आती है.....
ज्यादा हरे पत्तों के फ़िराक में मत रहिये ...हाँ नहीं तो..!!
बस, यही जीवन का सिलसिला है.
जवाब देंहटाएंस्लॉग ओवर तो सच्चाई है..:)
haha आप भी कहाँ कहाँ से स्लोग ओवर लाते हैं :)
जवाब देंहटाएंबच्चा सही है।
जवाब देंहटाएंये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
जवाब देंहटाएंतोड़ेगें दम मगर तेरा साथ न छोड़ेगें।
जय हिंद
कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,
जवाब देंहटाएंहंसने-हंसाने में,
आज वक्त गुज़रता है,
'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...
ज्यादातर लोगों के लिए यही सत्य है ।
कुछ को छोड़कर , जो दोनों काम एक साथ कर रहे हैं ।
कभी ज़िंदगी गुज़रती थी,
जवाब देंहटाएंहंसने-हंसाने में,
आज वक्त गुज़रता है,
'कागज़ के टुकड़े' कमाने में...
बहुत ही बढ़िया ....
कभी जिंदगी गुजरती थी हंसने हंसाने में ...
जवाब देंहटाएंआज हरे नोट कमाने में ...
क्यंकि भूखे भजन ना होई गोपाला ...
कमाने में बुराई नहीं अगर हँसते हँसते और दूसरों को हँसाते हुए कमाई जाए ...मतलब ईमानदारी से ...
आनंद आ गया ...वाकई ६० % भी नहीं ला पाएंगे !
जवाब देंहटाएं"'कागज़ के टुकड़े' कमाने में..."
जवाब देंहटाएंमजे की बात तो यह है कि इस 'कागज़ के टुकड़े' को कुत्ता तक नहीं सूँघता पर आदमी इसके पीछे पागल है!
खुशदीप साहब मैं शेरो शायरी और कविताओं पर टिप्पणी नहीं करता क्योंकि अक्सर ये बातें समझ ही नहीं आतीं पर कभी कभी समझ आतीं हैं और अच्छी लगती हैं तो कह देता हूँ वाह! वाह!. तो जनाब आज कि कविता के लिए स्वीकार करें मेरी वाह !वाह! ........
जवाब देंहटाएंvery nice!
जवाब देंहटाएंGOD NEVER FAILS IN GOOD WORK :) :) :)
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट के लिए *****
चित्र तो खुला नहीं, लेकिन जितना भी खुला सबके लिए वाह वाह वाह।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंभगवान भी शायद इन परीक्षाओ में फेल हो जायेगा
यह हंसने हंसाने के पल तो हमेशा ही कम रहे है।
जवाब देंहटाएंबहुत पहले गुजरती थी,चंद दाने कमाने में
फ़िर गुजार दी धातु के टुकडे पाने में
बस आज गुजरती है,कागज़ के टुकड़े' कमाने में...
स्लॉग ओवर सचमुच मजेदार है।
जवाब देंहटाएं………….
ये साहस के पुतले ब्लॉगर, इनको मेरा प्रणाम
शारीरिक क्षमता बढ़ाने के 14 आसान उपाय।
अगर यु ही
जवाब देंहटाएंचलता रहा ये जीवन
तो वक्त नहीं दूर
अब मोह्ह्बत जाने में
बहुत बढ़िया पोस्ट लगाई है आज तो .......मज़ा आ गया !
जवाब देंहटाएंजय हिंद !
ab itra bhi malo to khushboo nahin zanab,
जवाब देंहटाएंwoh din hawa huve,jab pasina gulab tha.
बेचारा गॉड ।
जवाब देंहटाएंwah wah bahut badhit hai
जवाब देंहटाएंMere dost tujhe meri dosti ki kasam india is a great country
जवाब देंहटाएंSabhi ko mera have a nice day
जवाब देंहटाएं