पत्रकार का पेशा भी गजब हो गया है...अगर आप पत्रकार हैं और किसी भ्रष्टाचारी नेता को चोर लिखते हैं तो पहले सौ बार ऊंच-नीच सोच लीजिए...कहीं लेने के देने न पड़ जाएं...ऐसी ही हिमाकत एक पत्रकार को बहुत भारी पड़ी...
अख़बार में अभी ख़बर छपे हुए एक दिन भी पूरा नहीं बीता था कि पत्रकार को वकील का नोटिस मिल गया...पत्रकार को काटो तो ख़ून नहीं...पता नहीं नेता अब क्या हाल करे...नौकरी भी रहेगी या नहीं...कोर्ट कचहरी के चक्कर...नेता तो बड़े से बड़ा वकील कर लेगा...लेकिन पत्रकार बेचारा कहां से करेगा बड़ा वकील...पत्रकार को अब जेल की चक्की साफ़ नज़र आने लगी...पत्रकार ने कांपते हाथों से नोटिस का लिफ़ाफ़ा खोला...उसकी आशंका सही निकली...वकील ने अवमानना का ही नोटिस भेजा था...पत्रकार ने राम का नाम लेकर नोटिस पढ़ना शुरू किया...नोटिस पढ़ने के बाद पत्रकार को 440 वोल्ट का झटका लगा...
क्यों...
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...
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अवमानना का नोटिस नेता ने नहीं चोर ने भेजा था...
ठहाका स्वीकार करे !नेता शब्द तो वैसे ही गाली जैसा हो गया है मुलाहिजा फरमाए
जवाब देंहटाएं"ज्यादा नेतागिरी मत दिखाओ "
"अपने को नेता समझता है "
"हमको नेता समझा है क्या "
सही ही तो है...नेता लोग तो चोरों से भी गए गुज़रे होते हैं
जवाब देंहटाएंVery good....
जवाब देंहटाएंjai hind.
वैसे झटका तो पत्र पढ़ना आरंभ करते ही लग जाना था। नोटिस की पहली पंक्ति यही होती है कि नोटिस किस की ओर से दिया जा रहा है। वैसे नोटिस वाजिब था।
जवाब देंहटाएंWAH JI WAH !! KHUSHDEEP BHAI KYA JHATKA DIYA HAI ..MAN GAYE JANAB ..AAP KISI JADOOGAR SE KAM NAHI ..BADHYEE 440 VOLT KE JHTKE KE LIYE
जवाब देंहटाएंद्विवेदी सर,
जवाब देंहटाएंक्या करूं कभी नोटिस मिला नहीं न...
जय हिंद...
कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है .....................पर नेताओ तक नहीं पहुँचते क्यों ??
जवाब देंहटाएंजय हिंद !!
अजी नेता नही नेता के बेटे का नोटिस मिला, आखिर चोर की भी इज्जत होती है जी
जवाब देंहटाएंभावी नेता होगा भाई...
जवाब देंहटाएं:)sahi hai
जवाब देंहटाएंहा हा हा लगता है अब ये नोटिस खुशदीप को मिलने वाला है। शुभकामनायें आशीर्वाद भगवान बचाये --- देखती हूँ फिर कब आती हूँ ब्लाग पर
जवाब देंहटाएंवाह !!...जमाना बदल रहा है ........चोरों को भी ठेश पहुँचने लगी .
जवाब देंहटाएंचोर तो डर के मारे रात में अँधेरे में चोरी करता है और ये ...
जवाब देंहटाएंमस्त है ...:):)
जोर का झटका धीरे से लगा .. नहीं नहीं जोर से लगा ,... ग्रेट...
जवाब देंहटाएंभाई, भावनाएं तो चोर की भी होती हैं ...
पत्रकार ही नहीं , सही काम करने से पहले सभी को सौ बार सोचना चाहिए ।
जवाब देंहटाएंवरना लेने के देने पड़ने की सम्भावना बनी रहेगी।
नेताओ ने तो ऐसी की तैसी कर दी देश की
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,,,अच्छी पोस्ट बाकी राणा साहब ने सब कह दिया है ..
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
hahaha...........badhiyaa hai.
जवाब देंहटाएंहा हा!! बहुत मस्त!!
जवाब देंहटाएंGood concept.........carry on.........
जवाब देंहटाएंसही है सबसे सशक्त कलमवीर की दशा सबसे निर्बल
जवाब देंहटाएंगद्दार नेताओ से जाकर कोई कह दे कि नोटिस का जबाब हमने तैयार कर रखा है नोटिस भेजो तो सही खटिया कड़ी न कर दी तो सुनील दत्त अपना नाम नहीं
जवाब देंहटाएंअबसे वैरी गुड बंद...
जवाब देंहटाएंअबसे वैरी गुड बंद... खासकर अपनों के पोस्ट पर तो बिलकुल भी नहीं.... सुबह का कमेन्ट वापस लेता हूँ..
जवाब देंहटाएंसही है...
जवाब देंहटाएंचोरों की इज्ज़त नहीं होती क्या ???
हाँ नहीं तो...!!
द्विवेदी जी सही फरमा रहे हैं
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