प्रार्थना आपकी ज़िंदगी की गाड़ी की स्टेप्नी नहीं है कि संकट के वक्त ही बाहर निकाली जाए...ये आपकी गाड़ी का स्टेयरिंग-व्हील है जो हमेशा आपको सही रास्ता दिखाती है...
क्या आप जानते है कि आपकी कार का विंडशील्ड क्यों इतना बड़ा और रियरव्यू मिरर क्यों इतना छोटा होता है...क्योंकि आपका आने वाला कल ही अहम है, बीता हुआ कल नहीं...इसलिए आगे देखिए और बढ़ते रहिए...
स्लॉग ओवर
एक बार कालेज के तीन स्टूडेंट्स जॉय राइड पर निकले हुए थे...मस्ती में सौ की स्पीड में गाड़ी भगा रहे थे कि एक्सीडेंट हो गया...तीनों बिना टिकट यमराज के पास पहुंच गए...नरक में यमराज के दरबार में इंटरव्यू देने के बाद तीनों बाहर आए...उनमें से एक आंख मार कर बोला...
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अबे, यमराज की लड़की देखी क्या ?...
...BOYS ARE ALWAYS BOYS
ha ha ha...baad me to maza hi dila diya aur pehle ek achcha sandesh bhi diya...
जवाब देंहटाएंहाय रब्बा.....!!
जवाब देंहटाएंये मुंडे गली दे गुंडे....
बाकि ये विंडशील्ड और रियरव्यू मिरर ...वाली बात तो बस सुभानाल्लाह...!!
सत्य वचन महाराज !!
जवाब देंहटाएंअरे नरक मै गये तो क्या भाई!!! ऎश तो हर जगह हो सकती है,एक भिखारी भी रोजाना खुब पीता है दारू, ओर धन्ना सेठ बचत कर कर के भुखा मरता है
जवाब देंहटाएंजैजै हरि...
जवाब देंहटाएंअब उस आंख मारने वाले मुंडे का नाम भी बतला दो ... क्योंकि यमराज ने उसे उसी वक्त वापिस जमीन पर लौटा दिया था और वो यहां तहां लोटता फिर रहा है।
जवाब देंहटाएंएक विचारणीय पोस्ट.....सुंदर बात कही आपने..और स्लॉग ओवर मजेदार ..बढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई खुशदीप भाई
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
जवाब देंहटाएंवन्देमातरम्!
BOYS ARE ALWAYS BOYS
जवाब देंहटाएं-कई मैन भी सारा जीवन Boys ही रह जाते हैं..हा हा!!
बाकी आले वाले कल की बात अहम है,.
बहुत बढ़िया .....जिंदगी में आगे बढते रहने की अच्छे प्रेरणा दी है ......और मजा आगया स्लाग पढ़ कर
जवाब देंहटाएंआगे की सोचना -अच्छी सोच है । लेकिन बीते दिनों के अनुभव भी काम आते हैं ।
जवाब देंहटाएंआगे देखने वाले ही तो आगे बढ़ते हैं
जवाब देंहटाएंपीछे देखने वाले पीछ रह जाते हैं
सही कहा आपने!
जवाब देंहटाएंदुख में सुमिरन सब करै सुख में करै ना कोय।
जो सुख में सुमिरन करै तो दुख काहे होय॥
भईया स्लोग ओवर लाजवाब रहा हमेशा की तरह ।
जवाब देंहटाएं.क्योंकि आपका आने वाला कल ही अहम है, बीता हुआ कल नहीं...इसलिए आगे देखिए और बढ़ते रहिए...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात है....लेकिन बीते कल से सीखा तो जा सकता है...
.क्योंकि आपका आने वाला कल ही अहम है, बीता हुआ कल नहीं...इसलिए आगे देखिए और बढ़ते रहिए...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही बात परन्तु आगे बढ़ने के लिए कभी कभी रियर मिरर में भी देखना जरुरी होता है सेफ्टी के लिए :).
स्लोग ओवर मजेदार है ..भाटिया जी से सहमत.:) कल ही एक अखबार में पड़ा कि यहाँ एक कैदी ने जेल में सेक्स की मांग की है .."कि वह उसके मूल अधिकारों के अंतर्गत आता है.:)
ये टिप्पणियां आज बीच में कहां चाय-पानी के लिए अटक रही हैं...क्या औरों के साथ भी ये समस्या आ रही है...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
टिप्पणीयां मेरे यहां भी प्रकट, नेपथ्य में आ जा रही है। लगता है ब्लॉगर में कोई सुधार आदि की कवायद चल रही है।
जवाब देंहटाएंये आपकी गाड़ी का स्टेयरिंग-व्हील है जो हमेशा आपको सही रास्ता दिखाती है...
जवाब देंहटाएंकई बार महसूस किया है ...
@ यमराज की बेटी ...
मुझे याद आया किसी को मैं पुलिस के एक उच्च अधिकारी के बारे में बता रही थी ...सामने वाले का जवाब यही था ..." उसकी बेटी बड़ी सुन्दर है "...हद है ...:):):)
विंडशील्ड और रियरव्यू के बहाने बड़ी बात कह गए
जवाब देंहटाएंस्लोग ओवर तो जबरदस्त है..
झकास बात कही है आपने। बधाई।
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क्या हमें ब्लॉग संरक्षक की ज़रूरत है?
नारीवाद के विरोध में खाप पंचायतों का वैज्ञानिक अस्त्र।
ye prarthna antarman ko sashkat karti hai..
जवाब देंहटाएंhahahaha......really boys are always boys.
जवाब देंहटाएंBOYS ARE ALWAYS BOYS............
जवाब देंहटाएंJai Hind...............
ब्लॉगस्पाट की मरम्मत के कारण टिप्पणियां कभी कभी बीच में खड्ढे में गिर जाती हैं फिर किसी तरह बाहर निकल आती हैं क्योंकि कुंए का मेंढक नहीं बनना चाहती हैं। पर एक दिन ब्लॉगस्पाट कुंए का मेंढक बन सकता है इसलिए अपनी सुरक्षा स्वयं करें। माह में दो बार अपने ब्लॉग का बैकअप अवश्य लिया करें।
जवाब देंहटाएंबढ़िया सन्देश.. सुन्दर चुटकुला..
जवाब देंहटाएंस्लोग ओवर से ऊपर .... वाली पोस्ट ने .... मन को छू लिया.... और स्लोग ओवर में ख़ुद को पाया....
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
नरक मे भी स्वर्ग का मज़ा .......वाह खूब रही
जवाब देंहटाएंवह आंख मारने वाला मुंडा ही तो कहीं इस जन्म में देश-नामा खोल के बैठा है ? वैसे गुरु पोस्ट लाज़वाब रही..
जवाब देंहटाएंमरने के साथ भी मरने के बाद भी
जवाब देंहटाएंलाजवाब रहा हमेशा की तरह ।
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