आज किसी निजी काम में अति व्यस्त रहने की वजह से बहुत थका हुआ हूं..इसलिए पोस्ट से ब्रेक...इतने दिन बाद ब्रेक तो बनता है न बॉस...इसलिए आज बस स्लॉग ओवर से ही काम चला लीजिए...
स्लॉग ओवर
एक एनआरआई साहब भारत से अपने बापू और बेबे (मां) को भी उसी मुल्क में साथ ले गए, जहां उनका बसेरा था...बापू जी की परदेस में मौत हो गई...अब एनआरआई साहब ने बापू के पार्थिव शरीर को फ्लाईट से भारत भेजा...साथ ही भारत में अपने गांव में एक ई-मेल भी कर दिया...
बापू चला गया...हमें किसके आसरे छोड़ गया...अब किस काम का हमारा जीना...मैं बापू की डेड बॉडी फ्लां फ्लां...फ्लाईट से भारत भेज रहा हूं...
साथ में वो गिफ्ट हैं जो तुमने मुझे भेजने को कहा था...बापू की डेड बॉडी के नीचे 12 पैक चाकलेट, 10 पैक बबल गम, 8 पैक ड्राई फ्रूट्स हैं...बापू ने जो नाइकी जूते पहने हैं वो हैप्पी के लिए हैं...जो बेसबाल हैट पहना है, वो पिंकी के लिए है...बापू के दोनों हाथों में प्रीतो, बिल्लो के लिए हैंडबैग हैं...बापू ने बच्चों की 6 शर्ट पहनी हुई हैं...बाएं हाथ में हरमीत की अंगूठी है...दोनों कलाइयों पर शम्मी और रम्मी की घड़ियां हैं...अगर कुछ और भेजना है तो बब्बी और रब्बी से पूछ लो... यहां बेबे (मां) की भी तबीयत बहुत खराब है...
सामान पर कस्टम ड्यूटी बचाने का अच्छा तरीका तलाशा।
जवाब देंहटाएंइस भोगी संसार में सब कुछ संभव है.
जवाब देंहटाएंवैसे ब्रेक भी ज़रूरी है.
बहुत खूब..अच्छा स्टाइल है...बापू के बहाने अपना मतलब सिद्ध करने चले है बेटे जी..
जवाब देंहटाएंआप पर काम का जबरदस्त बोझ होगा... यह आपका प्रोफाइल ही बताता है... एक निजी चैनल में न्यूज़ प्रोड्यूसर होना... काम के साथ थकन तो लायेगा ही... ब्रेक से आराम मिलेगा और रिफ्रेशमेंट भी... स्लोग ओवर चटकदार है... मस्त
जवाब देंहटाएंब्रेक वाली बात से सहमत हूं।
जवाब देंहटाएंसमाज पर अच्छा व्यंग्य किये हैं......
स्लॉग औवर हमेशा की तरह मस्तम मस्त!
ाज के सच पर एक अच्छा व्यंग है शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंब्रेक तो जरूर बनता है खुशदीप जी! :)
जवाब देंहटाएंबेबस देह की आड़ लोग क्या करने जा रहे हैं?
जवाब देंहटाएंआज की यही सच्चाई है............
एक अच्छा व्यंग है ......
बाकी बेबे के साथ?वाह वाट एन आईडिया।स्लाग ओवर मैच का टर्निंग प्वाईंट है।
जवाब देंहटाएंआज की सच्चाई....दिल को छू लेने वाली पोस्ट
जवाब देंहटाएंहे रामचन्द्र कह गए सिया से...
जवाब देंहटाएंऐसा कलयुग आएगा..
हँस चुगेगा दाना-दुनका
कौवा मोती खाएगा ...
कलयुग में सब कुछ संभव है मित्र
Break is a must just to refresh yourself. Otherwise your creative talent knows no restraint. Any hurdle that comes your way, be it in any form, can be overcomed by your sincerity and diligence.
जवाब देंहटाएंThis blog is a testimony to this fact and I am sure you take immense confidence and motivation from your followers than your critics.