ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया,
ब्लॉगिंग को देखा....
न कुछ लिखें, आज फिर दिल ने ये तमन्ना की है,
आज फिर दिल को हमने समझाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया...
ब्लॉगवाणी चली गई तो सोचा,
हमने क्या खोया, हमने क्या पाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया...
हम जिससे दामन चुरा नहीं सकते,
वक्त ने हमको नेट से क्यों मिलाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया...
ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया....
चलते चलते जगजीत सिंह साहब और चित्रा जी का ओरिजनल गीत भी सुन लीजिए...
तुमको देखा तो ये ख्याल आया...
ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया...खुशदीप
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गुरुवार, जुलाई 15, 2010
bahut badhiya....
जवाब देंहटाएंबडिया प्रस्तुती। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया खयाल आया खुशदीप भाई
जवाब देंहटाएंन आने पर मलाल आया खुशदीप भाई
आईए "ब्रह्माण्ड भैंस सुंदरी प्रतियोगिता" में
ब्लॉगवाणी चली गई तो सोचा,
जवाब देंहटाएंहमने क्या खोया, हमने क्या पाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया...
sahi kaha
बढिया पैरोडी।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
वाह !!
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत से न टाँका भिड़ाना
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत से है इक दिन जाना
सच ही कहा है आभासी इनको
रात को फुदकें हैं फुदके दिन को
आज इस ब्लॉग तो कल उस ब्लॉग ठीकाना
ब्लॉग जगत से न टाँका भिड़ाना
ब्लॉग जगत से है इक दिन जाना
बढ़िया गाने की बढ़िया पेरोडी.
जवाब देंहटाएंवाह वाह का प्रेम गीत गाए हैं महाराज............सुपर हिट ..आपको इस साल का ग्रैमी दिया जा रहा है ...अरे गाने के लिए नहीं ..ब्लॉगियाने के लिए ...
जवाब देंहटाएंwow! :)
जवाब देंहटाएंकुछ हद तक ठीक ही कहा है आपने लेकिन इस मर चुके मिडिया के युग में यही एक माध्यम है जिसमे थोरी बहुत जान है सच्चाई से अभिव्यक्ति के लिए .....बशर्ते हमलोग एकजुट होकर इसका सदुपयोग करें तो ..!
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग को देखा तो ऐशा नशा छाया। हम करने लगे अपना वक्त यहीं जाया॥ ब्लॉगिंग को……… बढ़िया पैरोडी खुशदीप साहब की। मज़ा आ गया।
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा!
जवाब देंहटाएंसही है खुशदीप भाई....
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जवाब देंहटाएं@ 'अदा'
हाय हाय हाय यह बेलागिंग न हो बेगाना
कर दे नशेड़ी उसे चाहे जिसे चाहे वो तो भूल जाये राहें
रात अपनी और सारा ये ज़हाँ है
( आगे..आप इसे खुद पूरा करिये मेरे पास समय कहाँ है )
हो हो.. हो हो.. ही ही
गज़ल की भी पैरोड़ी?
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