वक्त बदलते देर नहीं लगती...जो आज है वो कल नहीं था...जो आज है वो कल नहीं रहेगा...
अमेरिका...दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र...
भारत...दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र...
अमेरिका को विश्व में सबसे बड़ी शक्ति माना जाता है...भारत विकसित देश बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है...ये स्थिति उलट भी सकती है...कैसे भला...वो ऐसे...
अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मशहूर कॉलमनिस्ट थामस फ्रेडमैन ने एक स्पीच में कहा...
कल
जब हम बच्चे थे तो अमेरिका में हमें डिनर में सब्ज़ियां खाने की सलाह दी जाती थी...ये भी कहा जाता था कि खाने में जूठ न छोड़े...इसके लिए हमें भारत में भूख से मरने वाले बच्चों का हवाला दिया जाता था...
और आज
आज मैं अपने बच्चों से कहता हूं...अपने स्कूल का होमवर्क पूरा करो...ज़रा भारत के स्कूलों के तेज़तर्रार बच्चों का ध्यान करो...अगर तुम होमवर्क ढंग से नहीं करोगे तो भारत के यही बच्चे कल तुम्हे भूखा मरने के लिए मजबूर कर देंगे...
वक्त वक्त की बात है...खुशदीप
28
सोमवार, अप्रैल 12, 2010
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जवाब देंहटाएंहम होंगे कामयाब एक दिन.....
जवाब देंहटाएंहो...हो मन में है विश्वास...
पूरा है विश्वास ...
हम होंगे कामयाब एक दिन
हा हा ...... ये अमेरिकन दिमाग से पैदल होते हैं....हम भारतीय किसी विदेशी खासकर गोरी चमड़ी को भुख से मरता नही देख सकते. इसलिए कोई वहां काम करने नहीं जाएगा...भले ही भारत में कई लोग भुख से मर जाते हैं....और हम अपना हाथ नहीं बढ़ा सकते हैं उनकी मदद के लिए . जबकि भारत में इतना अन्न है कि सभी को पर्याप्त ऱुप से मिल सकता है..पर हम नहीं सुधारेंगे अपना डिस्ट्रब्यूसन सिस्टम.....कोई मरे तो मरे..
जवाब देंहटाएंअरे नहीं दीपक ऐसा मत कहो..होम वर्क होता है और बहुत होता है....लेकिन हाई स्कूल में...
जवाब देंहटाएंइसमें क्या शक भारतीय बच्चों से इनका कोई मुकाबला नहीं...हमारे बच्चे हर हाल में इनसे बेहतर हैं...अपने घर में ही देख चुकी हूँ...मयंक, मृगांक और प्रज्ञा, तीनों को..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...मज़ा आगया...
बहुत कुछ लिखने को दिल कर रहा है ..लेकिन नहीं लिखती ..वर्ना लोग कहेंगे शेखी बघार रही है...
हाँ नहीं तो...!!
गर्व है हमें अपने बच्चों पर वे दुनिया भर में छा रहे हैं.
जवाब देंहटाएंवह दिन दूर नहीं ---
ऐसे ही दिन बदलते हैं. :)
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएं@दीपक,
जवाब देंहटाएंअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी बार-बार अमेरिकी बच्चों को आगाह कर रहे हैं कि पढ़ाई में मेहनत करें नहीं तो भारतीय बच्चे उनसे कहीं आगे निकल जाएंगे...खास तौर पर मैथ्स, कंप्यूटर्स में...
जय हिंद...
समय का चक्र ......घुमेगा ही....
जवाब देंहटाएंविशेष---- सुधार कार्य पिछली पोस्ट पर बताया गया है ।
सही कहा आपने! कल जहाँ अट्टालिकाएँ थीं वहीं आज खंडहर हैं और आज जहाँ खंडहर हैं वहीं कल फिर से विशाल भवन होंगे। समय का चक्र ऐसे ही चलता है।
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंअमेरिका...दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र...
जवाब देंहटाएंइस वाक्य की व्याख्या करें। अमेरिका में लोकतंत्र कब आया? क्या इससे पूर्व किसी अन्य देश में लोकतंत्र नहीं था? कहीं गडबड लग रही है इसलिए लिखा है।
अजित जी,
जवाब देंहटाएंआपने अच्छा सवाल उठाया, मेरी रिसर्च ये कहती है-
•The Native American people of the Six Nations, also known by the French term Iroquois and who know themselves as the Hau De-no Sau-nee (People of the Long Houses) claim to be the oldest living participatory democracy. Their homeland, country, nation or however you'd like to classify it as, was in the region now known as New York State, between the Adirondack Mountains and Niagara Falls. The other tribes included in the Six Nations also included the Mohawks, Oneidas, Onondagas, Cayugas, and Senecas, joined in the 18th Century by the Tuscaroras, who did not have a vote. Archeological evidence indicates the Iroquois had lived on their lands for a very long time, with the earliest longhouses dated to at least 1100 A.D. Although there is no precise date for the establishment of the league, The Six Nations claim to have enjoyed a system of consensus government for over 800 years, well established long before the arrival of the Europeans. Founded to maintain peace and resolve disputes between its members, the Six Nations primary law was the Kainerekowa, the 'Great Law of Peace' which stated, simply, that Iroquois should not kill each other. They had a written constitution, laws dealing with ownership and trade routes and a funeral rite that allowed shared mourning at the passing of leaders from other tribes. From 1660, the nations combined to form a united front in negotiations with the European settlers. With the focus on maintaining peace with their neighbours, the Iroquois tribes were free to develop their predominantly agragian society. Their leaders were chosen, by their women, for their knowledge of the earth and their skills at providing for their villages.
इस बारे में किसी और ब्लॉगरजन के पास कुछ और रिसर्च हो तो कृपया ज़रूर उल्लेख करें..
जय हिंद...
बढ़िया प्रस्तुति....समय चक्र अपनी गति से चलता रहता है...वक्त बदलते देर नहीं लगती...भारत के बच्चे बुद्धि में सबसे आगे हैं...इसमें कोई संदेह नहीं..
जवाब देंहटाएंevery dog has a day
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही है...आज भारत की प्रतिभा का लोहा हर देश मान रहा है...और थोड़ा आतंकित भी है..
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई मैं किसी और की टिप्पणी पर टिप्पणी नहीं करना चाहती...पर धीरू जी का ये कहना "every dog has a day" कुछ जमा नहीं..ये dog किसे कह रहें हैं ???
भाई जी , बेशक हमारे बच्चे अमेरिका जैसे देशों में जाकर भी अव्वल आते हैं। और उन्हें हम से खतरा भी है ।
जवाब देंहटाएंलेकिन हमारा देश विकासशील है और हमेशा विकासशील ही रहेगा । यह निश्चित है । ११७ करोड़ लोगों में कितने बच्चे ऐसे हैं जो अमेरिकंस को मात दे सकते हैं ? २०२५ में आबादी में चीन से आगे जाकर शायद हम संसार के देश नंबर एक हो जायेंगे --गरीबी में ।
सही कहा है सहगल जी!
जवाब देंहटाएं@ अजित गुप्ता जी,
जवाब देंहटाएंजहाँ तक मेरी जानकारी है... भारत में ही बहुत पहले लोकतंत्र था वैशाली में, (तब १६ महाजनपद थे) है दुनिया ने लोकतंत्र का पाठ भी सबसे पहले यहीं से पढ़ा...
लोकतंत्र सम्बन्धी यह जानकारी सत्य है... पर महाजनपद में वैशाली था या नहीं इस को चेक करें... कुछ जनपद के नाम यूँ हैं : काशी, कोसल, अंग, मगध... आगे याद नहीं...
खुशदीप सर ही रिसर्च कर के बता सकेंगे...
हाँ ये रहे १६ महाजनपद:-
जवाब देंहटाएंKasi
Kosala
Anga
Magadha
Vajji (or Vriji)
Malla
Chedi
Vatsa (or Vamsa)
Kuru
Panchala
Machcha (or Matsya)
Surasena
Assaka
Avanti
Gandhara
Kamboja
Thanx to Google.
सागर जी ने बिल्कुल सही लिखा है। विश्व का प्रथम गणराज्य होने का श्रेय वैशाली को ही प्राप्त है। आज के बिहार में जहाँ वैशाली थी वहाँ आज भी वैषाढ़ नामक गाँव या बस्ती है। अधिक जानकारी आचार्य चतुरसेन के उपन्यास "वैशाली की नगरवधू" पढ़ने से मिल जायेगी।
जवाब देंहटाएंसही कहा वक्त वक्त की बात है। आज अमेरिका महाशक्ति है कल भारत भी हो सकता है। वैसे हम दुआ करें कि भारत जल्द से जल्द महाशक्ति बनें।
जवाब देंहटाएंsorry bhaia, bachche sunkar main sirf highschool se neeche class ke bachchon ko samajh gaya tha.. apne shabd wapas leta hoon.. :)
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जवाब देंहटाएंOldest Democracy ?
Its well within your reach..
Try to find and read " Discovery of India ! "
Regarding the claim from Americans ?
They claim even the credit of First HINDI Story by a missionary priest, yeah ? No kidding.. Its true to their core !
मीठी बातें उनकी तुम बात पे मत जाना
जवाब देंहटाएंये ज़ख़्म तो गहरे हैं आघात पे मत जाना (शायर -शरद कोकास )
सही कहा है सहगल जी!
जवाब देंहटाएंkhushdeep sahgal ji aapka article bahut hi accha laga.par ye Americans yah nahin jante ki Bharat desh ke bacche pahle se hi budhhimatta me bahut aage the karan aadhyatmic shiksha pranali we aarthik ke bajay natikta aur aatmgyan par jyada dhyan dete the.angrejon ke aane se pahle desh sone ki chidiya thi.
जवाब देंहटाएंto sabse pahle angrejon ne hamari education pranali par pahle prahar kiye.
dekhiye lord macaulay kya kahta hai....
"Lord Macaulay’s Address to the British Parliament 2 February, 1835
“I have traveled across the length and breadth of India and I have not seen one person who is a beggar, who is a thief, such wealth I have seen in this country. Such caliber, that I do not think we would ever conquer this country, unless we break the very backbone of this nation, which is her spiritual and culture heritage, and, therefore, I propose that we replace her old and ancient education system, her culture, for if the Indians think that all that is foreign and English is good and greater than their own, they will lose their selfesteem, their native culture and they will become what we want, a truly dominated nation”
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ab yah baat alag hai khushdeep ji ki unki chal hi un par aur un jaise sochwale par hi ulte pad gaii..
par aaj bhi yah baat vichar karne yogy hai ki aaj hamari education system kya utpann kar rahi hai pade likhe majdoor?
Khushdeep ji aaj hamne skill ko hi samjh man kar baithe hain...
is Maculay ke bhoot ko hamare sir se utarana hi padega...
aabhar
roshani
समय समय की बात है ... बहुत अच्छी पोस्ट ... दिल फूल कर कुप्पा हो गया ...
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