जबलपुर में 14 मार्च को लाल टी शर्ट में सजे महफूज़ मियां स्थानीय सम्मानित ब्लॉगर्स के साथ
दरअसल महफूज़ ने जबलपुर से ही मुझे ये मुंह मीठा करने वाली ख़बर दी है...अरे अरे वो नहीं जो आप समझ रहे हैं...महफूज़ मियां घोड़ी भी चढ़ जाएंगे...फिलहाल तो वो कामयाबी के ऐसे घोड़े पर सवार है जिसे अंकल सैम यानि अमेरिका भी सैल्यूट कर रहा है...अब ज़्यादा पहेलियां न बुझा कर आप को असली बात बताता हूं....
महफूज़ की एक अंग्रेजी कविता 'Fire is still alive' अमेरिका के मैडिसन स्टेट के Wisconsin University के Emeritus professor John L. Nancy Diekelmann ने T-Shirt पर प्रकाशित की है... यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका व यूरोपियन, भारत समेत एशियन देशों में बेची जाएंगी... इस कविता को Wisconsin University के क्लिनिकल डिपार्टमेंट में सब्जेक्ट में जोड़ लिया गया है...यानि यह कविता अमेरिका के सिलेबस में पढाई जाएगी.... John L. Nancy diekelmann विश्व के जाने माने लेखक, एकेमेडिशियन और पर्यावरणविद हैं...साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार मंडल में chief advisor व senate के nominated member हैं...उन्होंने जैसे ही टी-शर्ट का पहला पीस प्रोड्यूस हुआ ...वैसे ही चार टी-शर्ट महफूज़ को priority postal mail से भेज दीं...इस पोस्ट के ज़रिए विश्व में कहीं भी तुरंत दो दिन में डाक पहुंच जाती है... महफूज़ की ये कविता एक सामाजिक संदेश देती है. और साथ ही पर्यावरण को सहेज कर रखने की नसीहत भी...
यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका में उत्पादित हो चुकी है और तीन दिन में डेढ़ लाख टी-शर्ट बिक चुकी हैं और हर बिकी हुई टी-शर्ट पर महफूज़ को रॉयल्टी मिलेगी...यह रोयल्टी इस साल जून से मिलना शुरू हो जाएगी...
महफूज़ को यूनिवर्सिटी की ओर से इस उपलब्धि के बारे में पिछले साल सितंबर में मेल मिला था...तब उसने एक पोस्ट भी लिखी थी...आप इस लिंक पर जाकर उस मेल को देख सकते हैं...
महफूज़ के पिता कर्नल साहब और मम्मी आज इस दुनिया में बेशक न हो लेकिन वो जिस जहां में भी है, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा...चलिए आज कर्नल साहब की तरफ से मैं ही अपने ट्रेडमार्क स्टाइल में गा देता हूं...
तुझे सूरज कहूं या चंदा
तुझे दीप कहूं या तारा
मेरा नाम करेगा रौशन
जग में मेरा राज दुलारा...
महफूज़...शाबाश...
ब्लॉगवुड का, लखनऊ का, गोरखपुर का, मेरा और सबसे ऊपर भारत का नाम दुनिया में रौशन करने के लिए...
भैया आपने लिखा तो ब्लोगवाणी ने सर आँखों पे बिठाया... मैंने लिखा तो एक दिन बाद ही सदस्यता ही बर्खास्त कर डाली... वह रे ब्लोगवाणी तू कब बनेगी मीठीवाणी...
जवाब देंहटाएंमेरा लेख यहाँ पढ़ें
http://laraibhaqbat.blogspot.com/
ये खबर आज के दिन देकर संशय में डाल दिया ...कल करूँ टिपण्णी तो चलेगा क्या?
जवाब देंहटाएंapril fool banane ka dar aisee khabar ke sath 'khushdeep'ke post ho to ho bhi jaye to koi bat nahi ...badhayee aap ko khabar dene ki ..aur mahfooz bhai ko is buland kamyabi ke liye....
जवाब देंहटाएंअब खबर चाहे सच हो या झूट (I mean Ist april ) लेकिन मैं इसे सच ही मानता हूँ और महफूज भाई को ढेरों बधाई !
जवाब देंहटाएंक्या खुशदीप जी,
जवाब देंहटाएंआप को यह ख़बर आज नहीं देनी चाहिए थी...अब आप इस पोस्ट को कल भी रखियेगा...ये बिलकुल सच्ची बात है...
महफूज़ मिय्याँ को दिल से दुआ देती हूँ...दिन दूनी रात चौगुनी ऐसे ही तरक्की करें वो...
फायर कर दिया जी आपने तो. बन्दा खूद कहता तो सीधे सीधे बधाई पाता, वरना वाया बधाई...मुबारक हो.
जवाब देंहटाएं@ खुशदीप सहगल
जवाब देंहटाएंअंतिम पंक्ति में करेक्शन
जग में मेरा महफूज दुलारा
और कर रहा है महफूज
हिन्दी ब्लॉग जगत का नाम आलोकित।
खुशदीप का दिल हुआ है बाग बाग
मेरा दिल बागबां हुआ
गार्डन गार्डन हुआ और
हुआ जंगल जंगल
यानी अब हो रहा है
जंगल में मंगल
जंगल अमेरिका
मंगल महफूज भाई।
उस कविता का अंग्रेजी-हिन्दी रूप
बदल डालेगा पर्यावरण का स्वरूप
ऐसी कामना है
मन में मुबारकबाद
देने की भावना है।
कुछ मंगलकामनाएं ऐसी होती हैं जिनके लिए कभी ख्याल भी नहीं आता कि यह ऐसे दिन भी मिल सकती हैं जिस दिन कोई इन पर विश्वास न करे। परंतु सच्चाई सनातन है और इसीलिए अप्रैल फूल एक और बेफूल अनेक नेक हैं।
एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुबारकबाद पूरे हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से, नुक्कड़ समूह की ओर से, मानव मन की ओर से - महफूज भाई को इस आशीर्वाद के साथ कि सफलता के परचम यूं ही लहराते रहें और आप ऐसे ही नए-नए इतिहास बनाते रहें।
भाई मेरा मशहूर हो गया इतना तभी बहना को भुलाये बैठा है ...
जवाब देंहटाएंबधाई कल तक के लिए स्थगित ...!!
बहुत खुशी महसूस हो रही है जी इस खबर को जानकर
जवाब देंहटाएंमहफूज भाई को हार्दिक शुभकामनायें
और आपका का धन्यवाद
प्रणाम
अरे महफ़ूज भाई जब तक हमें फ़ोन पर खुद न बतायें हमें तो बिल्कुल यकीन ही नहीं होगा।
जवाब देंहटाएंBritishers were advertising outside India that "Indians are uncivilized. Therefore we are making them civilized. Therefore we should stay there. Don't object." Because United Nations, they were asking, "Why you are occupying India?"
खुशखबरी !!! संसद में न्यूनतम वेतन वृद्धि के बारे में वेतन वृद्धि विधेयक निजी कर्मचारियों के लिये विशेषकर (About Minimum Salary Increment Bill)
क्या खुशदीप जी,
जवाब देंहटाएंआप को यह ख़बर आज नहीं देनी चाहिए थी...अब आप इस पोस्ट को कल भी रखियेगा...ये बिलकुल सच्ची बात है..
बहुत खुशी महसूस हो रही है जी इस खबर को जानकर
जवाब देंहटाएंइसकी खबर तो थी ऐसा कुछ होने वाला है...
जवाब देंहटाएंबढ़िया FIRE हुआ है आज.
बहुत बहुत बहुत बधाई!!!!!
महफूज़ जी और आपको भी.
@वाणी जी,
जवाब देंहटाएंआज बहुत ही अच्छा लगा आपको देख कर..
अच्छा किया आज के दिन आपने अपनी तस्वीर लगा दी....
आपके दर्शन के व्याकुल नैयनों को बहुत चैन मिला है..
बस तस्वीर थोड़ी पुरानी लग रही है...
हाल-फिलहाल की कोई नहीं है आपके पास ..?
:):)
आपका आभार ....
बधाई तो देने को दिल चाहता है । लेकिन अभी तो फूल खिले हैं गुलशन गुलशन।
जवाब देंहटाएंअप्रेल फूल नहीं हैं महफूज भाई को जबलपुर में रखा गया है कल परसों तक अपने मूल स्थान पर प्रगट हो जायेंगे .. मेरी पोस्ट देखें कृपया ...
जवाब देंहटाएंhttp://mahendra-mishra1.blogspot.com
bahut bahut badhai ho mehfooz miyan ko.
जवाब देंहटाएंअब ये खबर आज ही देनी थी 24 घंटे रुक लिए होते।
जवाब देंहटाएंकहानी में जरा ट्विस्ट है. आप एक मिनट रुकिये मैं २४ घंटे बाद आता हूं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी
यह ट्विस्टी कहानी नहीं है
जवाब देंहटाएंसच है
हंड्रेड परसेंट सच है
मुबारक हो मह्फूज
महफूज़ भाई को ढेरों बधाई ... आपकी खबर पढ़ कर मज़ा आ गया ...
जवाब देंहटाएंसौ फीसदी खबर सही ही होगी। बधाई देने में क्या हर्ज है। वैसे कविता का इंडिया में प्रकाशित होना जरूरी है। महफूज भाई से ऐसी ही उम्मीदें हैं।
जवाब देंहटाएंमहफूज़ जी गर्व है आप पर .....ढेरों बधाई .......!!
जवाब देंहटाएंइस टी शर्ट की चर्चा तो आपके ब्लॉग में पहले ही पढ़ी थी .....आप नहीं गए वहाँ ....??
महफूज़ जी को ढेरों बधाई...................
जवाब देंहटाएंजय हिंद
ये तो बेहतरीन खबर दिया आपने...अपने महफूज भाई पर हम सभी को गर्व है..अपने भारत देश का नाम और भारत की रचना विदेशों में इस तरह धूम मचाएगी.....इस खबर के लिए आपको बहुत बहुत बधाई साथ ही साथ इस सफलता के लिए महफूज भाई को भी ढेरों सारी बधाई..
जवाब देंहटाएंआज के दिन तो सच को भी स्वीकारना मुश्किल होता है .. पर यह खबर सच्ची लग रही है .. आपको और महफूज भाई को बधाई !!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंटिपण्णी कल ही करूंगा , महफूज़ के साथ कोई सांठ गांठ है क्या ? कोई शुभकामना नहीं, विश्वास का सवाल ही नहीं , तारीफ़ की टिप्पड़ी डिलीट !
जवाब देंहटाएंBadhaai Ho Mahfuz Bhai!!
जवाब देंहटाएंKya ye sahi bat hai................... Mubarak ho
जवाब देंहटाएंहम तो बधाई देंगे ही...नाम रोशन कर दिया..भले ही तारीख कोई भी हो!!
जवाब देंहटाएंबधाई है साहब
जवाब देंहटाएंमहफूज़ की एक अंग्रेजी कविता 'Fire is still alive' अमेरिका के मैडिसन स्टेट के Wisconsin University के Emeritus professor John L. Nancy Diekelmann ने T-Shirt पर प्रकाशित की है... यह टी-शर्ट पूरे अमेरिका व यूरोपियन, भारत समेत एशियन देशों में बेची जाएंगी... इस कविता को Wisconsin University के क्लिनिकल डिपार्टमेंट में सब्जेक्ट में जोड़ लिया गया है...यानि यह कविता अमेरिका के सिलेबस में पढाई जाएगी.... John L. Nancy diekelmann विश्व के जाने माने लेखक, एकेमेडिशियन और पर्यावरणविद हैं...साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार मंडल में chief advisor व senate के nominated member हैं...उन्होंने जैसे ही टी-शर्ट का पहला पीस प्रोड्यूस हुआ ...वैसे ही चार टी-शर्ट महफूज़ को priority postal mail से भेज दीं...इस पोस्ट के ज़रिए विश्व में कहीं भी तुरंत दो दिन में डाक पहुंच जाती है... महफूज़ की ये कविता एक सामाजिक संदेश देती है. और साथ ही पर्यावरण को सहेज कर रखने की नसीहत भी...
जवाब देंहटाएंबधाई है साहब
वास्तव में इस हिस्से को टिप्पणी के साथ लगाना चाहा था। पेस्टिंग में गड़बड़ी हो गई।
बहरहाल देर आयद दुरुस्त आयद
हमने तो खबर आज ही पढ़ी है तो बधाई भी आज ही दे रहे हैं। हम तो मानकर चल रहे हैं कि यह खबर शतप्रतिशत सत्य है। लेकिन महफूज भाई ने पोस्ट लिखना क्यों बन्द कर रखा है? यह कारण भी तो बताइए।
जवाब देंहटाएंमहफ़ूज़ मियां यूं तो नहीं इतराते ..अरे खुशदीप भाई अपने इस बांके छोरे में कुछ तो बात है ही..वर्ना कौन कह सकता है ये उनके सिवा
जवाब देंहटाएंyou can love me, you can hate me , but you can not ignore me , उनको बधाई बहुत बहुत
अजय कुमार झा
Bahut bahut Badhai.
जवाब देंहटाएंयही खबर छपने पर मैंने उस पर पहली अप्रैल की तारीख और खुशदीप भाई की मस्तमौला आदत मानते हुए उस पर यकीन ही नहीं किया ! मगर अब तो सबूत सामने हैं सो खुशदीप भाई की गलती मानूं एक अपरैल वाली अथवा खुशदीप भाई की खुशियों में शामिल होने पर अपने आपको गाली दूं !
जवाब देंहटाएंखैर महफूज़ वाकई बेमिसाल है सोचता हूँ एक पोस्ट लिखूं इस बेहतरीन व्यक्तित्व पर ! फिलहाल मुबारकबाद !
एक बार फिर से बधाई, शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंमहफूज़ ने यह खबर मुझे भी फोन पर दी । मै उस दिन मुम्बई मे था । इसे यहाँ पढकर अच्छा लगा । चलो जश्न मनायें ।
जवाब देंहटाएंशायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ!