ममता दी ने जब से लालू जी का रेलवे मंत्रालय छीना है, बेचारे बेरोज़गार हो गए...लेकिन उनका हावर्ड में मैनेजमेंट सिखाने का पोर्टफोलियो किस काम आता..
.लालू जी को नौकरी मिल ही गई...वो भी ऐसी वैसी नहीं, दुनिया के नंबर दो के अमीर बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन में...लालू जी को रेल मंत्रालय से छुट्टी होने की भनक पहले से ही लग गई थी...इसलिए उन्होंने अपना बॉयोडाटा पहले से ही बिल गेट्स को भेज दिया था...थोड़े दिन बाद लालू जी को बिल गेट्स की कंपनी से जवाब मिला...
डियर मिस्टर लालू प्रसाद,
यू डू नॉट मीट अवर रिक्वायरमेंट्स, प्लीज़ टू नॉट सेंड एनी फरदर कॉरेसपॉन्डेंस, नो फोन कॉल शैल भी एंटरटेन्ड...
थैंक्स
बिल गेट्स
लालू जी ने जैसे ही जवाब पढ़ा खुशी के मारे बल्लियों उछलने लगे...फौरन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई...बोले...
भाइयों और बहनों, आप को ये जानकर खुशी होगी कि हमका अमेरिका में नौकरी मिल गई है...
सब बड़े खुश हुए और लालू जी को बधाइयां देने लगे...
लालू...
अब हम आपको अपना एपांइटमेंट लेटर पढ़ कर सुनाएंगे...नहीं तो ये विरोधी दल वाले बुडबक इसमें भी कोई दोष निकाल कर कह देंगे कि ललवा झूठ बोलता है....लेटर अंग्रेज़िवा में है, इसलिए तुम सब की सुविधा खातिर हम इसका अनुवाद भी साथ-साथ करते जाएंगे...
डियर मिस्टर लालू प्रसाद....प्यारे लालू प्रसाद भैया
यू डू नॉट मीट...आप तो मिलते ही नहीं
अवर रिक्वॉयरमेंट... हमको तो ज़रूरत है
प्लीज़ डू नॉट सेंड एनी फरदर कॉरेस्पोन्डेंस....अब लेटर वेटर भेजने की कौनो ज़रूरत नाही...
नो फोन कॉल....फूनवा की भी ज़रूरत नहीं है
शैल भी एंटरटेन्ड....आपकी जी खोल के ख़ातिरवा होगी...
थैंक्स....आपका बहुत बहुत शुक्रिया...
बिल गेट्स...तोहार बिलवा...
डिस्क्लेमर...हो सकता है लालू जी का ये एपांइटमेंट लेटर आपको पहले भी पढ़ने के लिए हाथ लगा हो...लेकिन अप्रैल की पहली तारीख को इसे फिर पढ़ने का अलग ही मज़ा है....
स्लॉग ओवर...
मक्खन मुंबई चौपाटी घूमने गया...मक्खन है तो मक्खन....बैठे बिठाए पंगा लेने की आदत....समुद्र के बिल्कुल किनारे की दीवार पर खड़ा होकर हवा खाने लगा...चक्कर आया और मक्खन जी सीधे समुद्र में...डूबने लगे कि हाथ में एक मछली आ गई...मक्खन ने दरियादिली दिखाते हुए मछली को समुद्र से बाहर फेंकते हुए कहा....
जा, तू तो अपनी जान बचा....क्या याद करेगी किस नेकदिल इंसान से पाला पड़ा था...
लालू जी को नौकरी मिल ही गई...
जवाब देंहटाएंare wah naukri mil gai...
nice !
जवाब देंहटाएं.कृपया निम्न लेख पढ़ें आपका नाम प्रयुक्त किया है , आपका ईमेल चाहिए !
http://lightmood.blogspot.com/2010/04/blog-post.html
चलो अच्छा हुआ लालूजी की नौकरी लग गयी, अब वे भी मछलियां पानी से बाहर फेंकेंगे आपके मक्खन सिंह की तरह। हा हा हा हा।
जवाब देंहटाएंलालू ने अब तक जोइन नहीं किया। क्या वीजा संकट है?
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया, क्या बात है, वाकई मक्खन तो गजब ही हैं।
जवाब देंहटाएंखुशखबरी !!! संसद में न्यूनतम वेतन वृद्धि के बारे में वेतन वृद्धि विधेयक निजी कर्मचारियों के लिये विशेषकर
लालू जी का न्युक्ति पत्र बढ़िया था...और मक्खन की संवेदनशीलता भी...बेचारी मछली
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...आनंद आ गया जी आपके मक्खन की कारस्तानी देख कर
जवाब देंहटाएंमक्खन जी तो ,,एक दम हट के हैं,,बाकि लालू जी को आखिर नौकरी मिल ही गयी,बहुत अच्छा लेख ..
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
मक्खन को ताऊ के पास भेजा जाये. लालूजी को बधाई.
जवाब देंहटाएंरामराम.
nice..
जवाब देंहटाएं" यहाँ कुछ लिखा है ।"
Dear Mr. Laloo Prasad ..... प्यारे लालू परसाद भईय्या
We are sorry ......हमसे गलती हो गयी
to intimate you that ......... आपको ई बताना हय के
You do not meet ---- आप तो मीलते हि नहिं हो
our requirement ---- हमको जरूरत हय.. नोट करीए ई लीखे हँय.. इनको जरूरत हय
Please do not send any further correspondence ---- अब आगे से लेटर वेटर भेजना के कोनो जरूरत नहिं
In future no phone call ---- भबिशय में फूनवा करने का भि जरूरत नहिं
shall be entertained ---- बहूत खातीर की जाएगी.. माने हमरा .. याने भारत देस का एगो चरवाहा का .. देखिए कि बहूत खातीर की जाएगी
Thanks ----आपका बहूतै धनबाद
जवाब देंहटाएं" अउर हियाँ भी इम्पोर्ट कीए हैं । "
मेरा अनुवाद लालू जी हे हाथ कैसे लग गया ?...
जवाब देंहटाएंलगता है १ अप्रैल को हम भी भकुआ गए हैं....जहाँ तहां लेटरबा रख के भूल जाते हैं....
लालू जी की अंग्रेजी पर हम कोई कमेन्ट नहीं कर सकते क्यूंकि हमारी भी ऎसी ही है ..
जवाब देंहटाएंमक्खन तो दिन प्रतिदिन बहुत समझदार होता जा रहा है ...
nice.
जवाब देंहटाएंजय हो।
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