क्या कहूं...क्या लिखूं...कहां से शुरू करूं...शायद पहली बार हो रहा है कि लिखने के लिए शब्द मेरा साथ नहीं दे रहे हैं...कल अदा जी वाली मेरी पोस्ट पर आपने जो बेशुमार प्यार दिया..जिस अ्पनेपन, जिस हक से मुझे गाने के लिए कहा...उसे देखते हुए जी तो बस यही कर रहा है कि अभी ही जोर-जोर से गाना शुरू कर दूं...
कोई रोको न...दीवाने को,
मन मचल रहा कुछ गाने को...
लेकिन क्या करूं मजबूर हूं...एक तो Karaoke पर मुझे गाने का बिल्कुल ज्ञान नहीं है...दूसरा मेरा ब्लॉग भी अभी इतना techno-savy नहीं है...अब सोच रहा हूं किसी वेब-एक्सपर्ट से अपने ब्लॉग को सजा-संवार ही लूं...ये काम हो जाने के बाद आपसे वादा करता हूं कि आपने जो हुक्म दिया है, उसे पूरा ज़रूर करूंगा...तब तक मेरा साथ दीजिए...आखिर में बस इतना ही कहूंगा...
एहसान मेंरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो,
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो..
हां, जब अपना बना ही लिया है तो एक गुज़ारिश और...वैसे तो स्लॉग ओवर का स्टॉक मेरे पास बहुत है...लेकिन मुझे लगता है कि आप भी इस काम में मेरी मदद कर सकते हैं...अगर आप कोई नई मस्त बात सुनते हैं ( चुटकुला, मैसेज, एसएमएस, सलाह, कुछ भी) और आपको लगता है कि वो स्लॉग ओवर लायक है तो मुझे मेरे ई-मेल sehgalkd@gmail.com या फोन नंबर 09873819075 पर एसएमएस कर दीजिएगा...कोशिश करूंगा कि कुछ नए अंदाज़ के साथ आपकी बात को ब्लॉग जगत के सामने पेश करूं...यकीनन आपकी क्रेडिट लाइन के साथ....
स्लॉग ओवर
मक्खन ने दीवाली से पहले घर पर सफ़ाई-पुताई कराई...पुताई वाला ज़्यादा उम्र का नहीं था...उसने बड़ी मेहनत से काम किया...घर को चमका दिया...काम खत्म हुआ तो मक्खन ने खुश होकर तय मेहनताने के अलावा 200 रुपये और ईनाम के तौर पर दिए और कहा... जाओ ऐश करो...शाम को बीवी को पिक्चर-विक्चर दिखा लाना...
शाम को पांच बजे मक्खन के घर की कॉल-बेल बजी...मक्खन ने दरवाजा खोला तो पुताई वाला ही खड़ा था...सुबह से बिल्कुल अलग ही हुलिया...टिप-टॉप, बाल-वाल शैम्पू किए हुए..परफ्यूम लगाया हुआ...मक्खन ने पूछा...क्या बात है... कुछ रह गया था क्या...
लड़का शर्माते हुए बोला...नहीं...बस मैडम को भेज दीजिए...आपने ही सुबह कहा था न कि शाम को बीवी को पिक्चर-विक्चर दिखा लाना...
भाई इसी लिये हम घर की सफ़ाई ओर पुताई खुद ही करते है:)
जवाब देंहटाएंफ़िर भी आप का धन्यवाद, यह सलाह ओरो के काम आयेगी
ha ha ha, ye to googly ho gai bhai ji...
जवाब देंहटाएंJai Hind
आप भी न !!!
जवाब देंहटाएंवैसे शायद इसी को कहते हैं "चूना लगाना !!!"
हा हा हा हा हा
हमने जय हिंद !!....बोलने का प्रण किया था लेकिन हमेशा हम भूल ही जाते हैं ....अब से हमेशा याद रहेंगे...
जवाब देंहटाएंजय हिंद
जी चाहता है सफाई के धन्धे मे खुद आ जाऊँ
जवाब देंहटाएंजी हाँ !
जवाब देंहटाएंहमें भी यह साफ-सफाई अच्छी लगी!
क्यों झूठ बोलते हैँ खुशदीप जी?...आपके मक्खन की तरह मैँने भी तय मेहनताने के अलावा अपने पुताई वाले को दो सौ के बजाए तीन सौ रुपए थमाए कि ..."जा!...ऐश कर...शाम को बीवी के साथ पिक्चर-विक्चर देख लैईयो "...लेकिन वो पट्ठा तो साफ मुकर गया..
जवाब देंहटाएंशायद!...उसने मेरा सूजा हुआ चौखटा और घर में पड़ा ..टूटा हुआ बेलन देख लिया था :-(
जय हिन्द
स्लोग ओवर मस्त है हमेशा की तरह ...और आपकी और अदाजी की गीतों की मारामारी का फायदा सभी संगीत प्रेमियों को होने वाला है ...आपके गीत के लिए अग्रिम शुभकामनायें ...!!
जवाब देंहटाएंराजीव भाई, तभी मैं सोच रहा था कि आपके घर से हमेशा हंसी की आवाज़ें क्यों आती रहती हैं...अगर भाभी जी के बेलन का निशाना अभिनव बिंद्रा वाला रहा तो वो हंसती हैं और खुदा न खास्ता निशाना कभी चूक जाता है तो हमारे राजीव भेया हंसते हैं...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
खुशदीप जी,
जवाब देंहटाएंलोग कितना भी कहें पर गाना तो बिल्कुल मत गाना। एक बार स्टेज में हमसे यही गलती हुई थी कि गा दिया था। बस फिर क्या था बार बार 'वन्स मोर' 'वन्स मोर'! कई बार गाने के बाद जब हम थक गये तो कहा कि भाई दूसरों को भी तो सुनो। जवाब मिला था "स्साले जब तक ठीक से गा नहीं लेगा स्टेज से उतरने नहीं देंगे"।
खुशदीप कहाँ से कहाँ पहुच गए तुम यार स्लाग ओवर में...जाने किसके लिए खतरे की घंटी बजी है, मै तो अभी जवान (कुंवारा) हूँ...
जवाब देंहटाएंएहसान तो आपका भी खुशदीप जी।सुबह सुबह दिल खुश कर देते हो।वरना टेंशन इतने हैं कि कभी कभी लगता है कि सर फ़ट ही जायेगा।
जवाब देंहटाएंवर्मा जी का कहना ठीक ही लग रहा। :-)
जवाब देंहटाएंअदा जी की पोस्ट और आपका गाना!?
कुछ दिन दूर था ब्लॉग जगत से, लगता है पोस्टें देखनी पढ़ेंगी।
बी एस पाबला
चलो आपने हंसा ही दिया। मै हंस रहा था तो श्रीमति जी बोली-आज कल इतना कम्पुटर चलाते हो दिन रात, मुझे मालुम था एक दिन ये गति होने वाली ही है,छोड़ो इसको नही तो एक दिन पु्रे ही.... हो जाओगे, बताओ अब लोग अकेले हंसने पर भी पागल समझने लगे हैं आपके स्लाग ओवर ऐसे ही रहे तो ग्वालियर,रांची,आगरा सब हाउस फ़ुल डेली वेटिंग लिस्ट निकलेगी IIM की तरह। बधाई
जवाब देंहटाएं"जब कभी हम ऐसे ही हंस हंसा लिए
लोगो ने अपने हाथ मे पतथर उठा लिए"
Miss-Understanding totally. पुताई करने वाला शायद काफी पढा लिखा नौजवान था :)
जवाब देंहटाएंhahahahahahahahaha......... yeh slog over bada mazedaar raha..............
जवाब देंहटाएंJAI HIND
वाह क्या स्लॉग ओवर है :)
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब रहा स्लाग ओवर.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बढिया सलाह, स्लाग ओवर बहुते बढिया।
जवाब देंहटाएंजय भवानी।
badhiya likha hai aapane..........aabhar
जवाब देंहटाएंनवजोत सिंह सिद्धू स्टाइल में कहना चाहूंगा बहुत आगे तक जाओगे गुरू......
जवाब देंहटाएंस्लाग ओवर का तो प्रोफ़ेसर ही कहना चाहिये आप्को !
जय हिंद
:)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया इतनी मीठी आवाज़ सुनाने के लिए... एक अच्छा लिंक दिया आपने...
जवाब देंहटाएंओह - हो कितने तो स्वीट लग रहे हो कृतज्ञ होकर :)
खुशदीप जी मेरा कमेन्ट कहाँगया?
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी, आप भूल गए, आप ने जो कमेंट दिया था वो मेरी कल वाली पोस्ट पर था...रिपीट कर रहा हूं...
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी एक आध दिन कभी नेट से दूर रहूँ तो आते ही आपका एक नया अंदाज़ सामने आता है। तो अब गायक भी हो ये अदा जी से पता चला। आज न सही एक दिन जरूर आपकी आवाज़ भी सुन लेंगे। दो शब्दों के स्लाग ओवर मे संगीत की लम्बी दास्तां लिख दी बहुत खूब गागर मे सागर। शुभकामनायें
जय हिंद...
हम तो इन स्लोग ओवरों के मारे हैं खुशदीप भाई ....कहाँ कहाँ से ढूंढ लाते हैं आप इन्हें
जवाब देंहटाएंवा खुशदीप हमने तो इस साल पुताई ही नही करवाई ..और हाँ यह कराओके वाला शौक बढ़िया है .. कुछ तकनीकी सलाह चाहिये तो अल्पना वर्मा जी से ले लेना ..अपनी कराओके गुरू भी वही हैं ..।
जवाब देंहटाएंYe bhee khoob rahee...punch line aakhir tak samajh me nahee aayee...!
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