वहीदा रहमान
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1957 और 2009 का फ़र्क...खुशदीप
आते है लोग, जाते है लोग, पानी में जैसे रेले, जाने के बाद, आते हैं याद, गुज़रे हुए वो मेले... यादें मिटा रही है. यादें…
शुक्रवार, दिसंबर 04, 2009आते है लोग, जाते है लोग, पानी में जैसे रेले, जाने के बाद, आते हैं याद, गुज़रे हुए वो मेले... यादें मिटा रही है. यादें…