Watch: इमरान के मंत्री ने हिन्दू सांसद को दी गाली

 


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के स्पेशल असिस्टेंट डॉ शाहबाज गिल ने नेशनल टीवी पर रमेश कुमार के लिए कहे अपशब्द; इमरान ख़ान की कुर्सी ख़तरे में, 28 मार्च को संसद में आना है No Confidence Motion, इमरान को खुद विपक्षी नेताओं के लिए डाकू जैसे शब्द इस्तेमाल करने पर कोर्ट से फटकार



नई दिल्ली (19 मार्च)।

क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की कुर्सी 28 मार्च को जाने वाली है?  2018 से अल्पमत की सरकार चलाते आ रहे इमरान को क्या इसका अहसास हो गया है. जहां विपक्ष एकजुट है वहीं इमरान को समर्थन देते आ रहे सहयोगियों ने भी उनका साथ छोड़ना शुरू कर दिया है. तभी इमरान खुद और उनके अहम सलाहकार बौखलाहट में विपक्षी नेताओं के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने पर उतर आए हैं. 

पहले इमरान ख़ान की कैबिनेट में शामिल पॉलिटिकल कम्युनिकेशन पर स्पेशल असिस्टेंट डॉ शाहबाज़ गिल के इन शब्दों को सुनिए जो उन्होंने एक नेशनल न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान पाकिस्तान के हिन्दू सांसद डॉ रमेश कुमार वंकवानी के लिए कहे. सिंध माइनॉरिटी सीट से सांसद रमेश कुमार अभी तक इमरान खान सरकार को समर्थन देते आ रहे थे लेकिन अब उनके भी पाला बदलने की ख़बर है.


शाहबाज गिल की इस तरह की भाषा के लिए पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन ने एक बयान में कड़ी निंदा की है.


सोशल मीडिया पर यूजर्स इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल के लिए शाहबाज गिल को जमकर लताड़ लगा रहे हैं.


एक यूज़र ने इमरान ख़ान के डाउनफाल के लिए फवाद चौधरी, डॉ शाहबाज गिल और शेख रशीद जैसे उनके सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया.

 


इससे पहले इमरान ने खुद भी 11 मार्च को खैबर पख्तूनख्वा के बालमबाट रैली में विपक्ष के नेताओं के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उसे इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी गैर मुनासिब करार दिया है. इमरान ने इस रैली में शहबाज़ शरीफ, मौलाना फजलुररहमान और आसिफ ज़रदारी के लिए शोबाज़ शरीफ़, डीज़ल और डाकू जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. 

बता दें कि 2018 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद से इमरान ख़ान को इन दिनों एकजुट विपक्ष की ओर से सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. 28 मार्च को उनके खिलाफ पाकिस्तान की संसद में नो कॉन्फिडेंस मोशन आने वाला है. इससे पहले ही इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानि पीटीआई के कुछ सांसदों ने कथित तौर पर पाला बदलना शुरू कर दिया है.

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली यानि संसद में 342 सीटें हैं और बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्कता है. पीटीआई के अपने खुद के 155 सांसद है. बाकी सहयोगी पार्टियों के समर्थन से इमरान अब तक सरकार चलाते आ रहे हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के अलावा महंगाई भी रिकॉर्ड स्तर पर है. 

अब पाकिस्तान में हर शख्स के मुंह पर यही सवाल है कि क्या इमरान 28 मार्च को बचा पाएंगे अपनी सरकार?


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