Watch: नसीरुद्दीन शाह ने आख़िर कहा क्या-क्या?



नसीरुद्दीन शाह बोले- ‘हरिद्वार की धर्मसंसद में उकसावे वाले बयान देश को सिविल वॉर की ओर ले जाने की कोशिश, मुग़ल शरणार्थी थे जिन्होंने अमिट धरोहरें देने के साथ देश के लिए बहुत योगदान दिया; मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए हो रही है संगठित कोशिश’ 



नई दिल्ली (30 दिसंबर)।

एक्टर नसीरुद्दीन शाह अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं. उन्होंने एक ताजा इंटरव्यू में हरिद्वार में हुई कथित धर्मसंसद को लेकर जो कहा वो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा है. इस इंटरव्यू को लेकर देश-विदेश में काफी प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. नसीर ने द वायर के लिए जानेमाने पत्रकार करन थापर को यूट्यूब चैनल के लिए ये इंटरव्यू दिया. इसमें हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को हुई विवादित धर्मसंसद से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा कि मुस्लिमों को लेकर जिस तरह के उकसावे वाले बयान वहां दिए गए वो एक तरह से देश को सिविल वॉर यानि गृह युद्ध की ओर ले जाने वाला है. इसी इंटरव्यू में नसीर ने ये भी कहा कि मुगल शरणार्थी थे जिन्होंने देश के लिए बहुत योगदान दिया.

नसीर के बयान पर मुगलों को हमलावर बता कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. वहीं पाकिस्तान में उनके बयान का हवाला देकर भारत की केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. 

आइए पहले जान लेते हैं नसीर ने इस इंटरव्यू में क्या क्या कहा- 

सिविल वॉर की ओर धकेलने की कोशिश’

 कथित धर्मसंसद में उकसावे वाले बयानों पर नसीर का कहना था- “मुझे हैरानी होती है कि ये लोग जानते भी हैं कि वो क्या बात कर रहे हैं. वो जो भी आह्वान कर रहे हैं, उसका मतलब फुल स्केल सिविल वॉर यानि गृह युद्ध है. हम बीस करोड़ लोग इतनी आसानी से नष्ट नहीं होने जा रहे. हम बीस करोड़ फाइट बैक करेंगे. हम बीस करोड़ लोग दावा करते हैं कि ये हमारी होमलैंड है. हम बीस करोड़ लोग यहीं के हैं. हमारा जन्म यहीं पर हुआ है। हमारे परिवारों की कई पीढ़ियां यही रहीं और इसी मिट्टी में मिल गईं. मैं इस बात को लेकर निश्चित हूं कि अगर कोई भी इस तरह का अभियान शुरू होता है, तो इसका कड़ा विरोध होगा और भारी नाराजगी होगी.’

'मुस्लिमों को दिया जा रहा दोयम दर्जा’

नसीरुद्दीन शाह ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, ‘मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है. ऐसा करके मुसलमानों के बीच डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है लेकिन मुसलमान हार नहीं मान लेंगे. मुसलमान इस स्थिति का सामना करेंगे. हमें अपने घर और अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी है. हम लोगों को अपने परिवार और अपने बच्चों को बचाना है. मैं यहां पर अपनी आस्थाओं की बात नहीं कर रहा क्योंकि ये तो आसानी से खतरे में पड़ जाती हैं.’

'सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अलगाववाद एक पॉलिसी'  

नसीर ने अपनी बातें रखने के साथ केंद्र की मौजूदा सरकार पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि 'जो कुछ भी किया जा रहा है वो सभी काम मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने का ठोस तरीका है. ये टॉप से शुरू होता है और औरंगजेब का आह्वान होता है. सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अलगाववाद एक पॉलिसी बन गया है. मैं जानने को इच्छुक हूं कि इन लोगों (जिन्होंने हेट स्पीच दीं) का क्या होता है. तथ्य ये है कि उनका कुछ नहीं होना हैरान नहीं करता क्योंकि उस शख्स का कुछ नहीं हुआ जिसके बेटे ने किसानों को कुचला.ये पूरी तरह हैरान करने वाला नहीं है. ये चिंताजनक है लेकिन कमोवेश वही है जैसा कि हमने सोचा. मैं डरता था कि ऐसा होगा लेकिन जिस तरह चीज़ें हो रही हैं वो किसी की खराब उम्मीद से भी ज्यादा खराब हैं. हमारा एक नेता है जो इस तरह के उकसावों के बावजूद मौन रहता है.'


'मुग़ल शरणार्थी थे जिन्होंने देश को बहुत कुछ दिया'   

सोशल मीडिया पर नसीर की मुगलों पर टिप्पणी की जो क्लिप शेयर की जा रही है उसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि 'मुगलों के तथाकथित अत्याचारों को हमेशा हाईलाइट किया जाता है. लेकिन हम भूल जाते हैं कि मुगल वो लोग थे जिन्होंने देश के लिए योगदान दिया. ये वो लोगों हैं जिन्होंने देश में अमिट धरोहरों को छोड़ा. जिन्होंने नृत्य, संगीत, पेंटिंग साहित्य की परंपरा को छोड़ा. मुगल यहां आए इसे अपनी होमलैंड बनाने के लिए. आप चाहें तो उन्हें रिफ्यूजी कह सकते हैं.'

नसीर ने आगे जो कहा वो वायरल क्लिप में शामिल नहीं किया गया. इसमें नसीर ने कहा- 'कोई भी तैमूर की बात नहीं करता, कोई भी गज़नी के महमूद की बात नहीं करता, न ही कोई नादिर शाह की बात करता है. मैं नहीं समझता कि ये लोग इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ हैं. वो हत्यारे थे जो आए और लूटकर चले गए.'

पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल पीटीवी न्यूज (PTV News) ने नसीर के बयान को लेकर कई ट्वीट किए, एक ट्वीट में पीटीवी न्यूज ने लिखा, 'जाने-माने पत्रकार करन थापर के साथ एक इंटरव्यू में भारतीय अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि भारत में मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है और यह हर क्षेत्र में हो रहा है.'

यहां ये बताना ज़रूरी है कि कुछ अर्सा पहले जब तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी हुई तो नसीर ने भारत में मुस्लिमों के एक वर्ग की ओर से खुशी जताए जाने पर चिंता जताई थी. नसीर ने तब कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है और बर्बर लोगों के लिए भारतीय मुस्लिमों के एक वर्ग की ओर से जश्न मनाना भी कम खतरनाक नहीं है.

 



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