Watch: फिल्म अमीरा पर फिलिस्तीनी क्यों आग़ बबूला?


जॉर्डन ने फिल्म अमीरा को ऑस्कर में भेजने के फ़ैसले से हाथ वापस खींचे, सोशल मीडिया पर एक्टिविस्ट्स का आरोप- फिल्म के प्लॉट से फिलिस्तीनी कैदियों का मखौल, फिलिस्तीनी कैदियों की स्पर्म स्मगलिंग से पैदा होने वाले बच्चों के थीम पर बेस्ड फिल्म



नई दिल्ली (12 दिसंबर)। 

मिस्र के निर्देशक मोहम्मद दियाब की फिल्म अमीरा को जॉर्डन ने ऑस्कर की रेस से वापस ले लिया है. जॉर्डन के रॉयल फिल्म कमीशन ने अमीरा को 2022 में ऑस्कर में ऑफिशियल एंट्री के तौर पर भेजने के लिए चुना था. लेकिन फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट्स की ओर से सख्त ऐतराज़ जताए जाने के बाद जॉर्डन ने फिल्म को ऑस्कर में न भेजने का फैसला किया.

अमीरा को इंटरनेशनल फीचर ऑस्कर रेस में हिस्सा लेना था. सोशल मीडिया पर फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट्स आरोप लगा रहे हैं कि फिल्म में फिलिस्तीनियों की व्यथा को गलत ढंग से पेश किया गया है. इजरायल की जेलों में बद फिलिस्तीनी कैदियों के रिश्तेदारों को भी फिल्म को लेकर आपत्ति है. उनका कहना है कि इस फिल्म से फिलिस्तीनी कैदी मखौल का पात्र बन रहे हैं. फिल्म की शूटिंग जॉर्डन में हुई है. इसकी बैकग्राउंड फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक की है.

फिल्म का तानाबाना इजरायली जेल में बंद फिलिस्तीनी एक्टिविस्ट नुवार की बेटी अमीरा के किरदार को लेकर बुना गया है.  नुवार की 17 साल की लड़की अमीरा को यही पता था कि वो अपने पिता के जेल से स्मगलिंग करके लाए गए स्पर्म से पैदा हुई है. लेकिन अस्पताल में नुवार के स्पर्म की जांच से एक ऐसे सच का खुलासा होता है जिससे अमीरा की ज़िंदगी में तूफ़ान आ जाता है. स्पर्म की जांच से पता चलता है कि नुवार में पिता बनने की क्षमता कभी थी ही नहीं. 

नुवार के परिवार के लोग हर उस आदमी का डीएनए टेस्ट कराते हैं जिसपर अमीरा के बाप होने का शक है. अमीरा हिम्मत के साथ स्थितियों का सामना करती है और उसे पता चलता है कि एक इजरायली नागरिक उसका पिता है जो फिलिस्तीन लिबरेशन फ्रंट के लिए मुखबिर का काम करता था. अमीरा के चाचा उसका पासपोर्ट बनवा कर सलाह देते हैं कि वो मिस्र जाकर बस जाए. लेकिन अमीरा नहीं सुनती और फेसबुक पर अपने बायोलॉजिकल पिता को ढूंढ कर ही दम लेती है.

इजरायली खून होते हुए भी वह सच्चे देशभक्त की तरह एक फिलिस्तीनी की तरह जीना चाहती है. आखिरकार वो गैर कानूनी ढंग से इजरायल की सीमा में दाखिल होने की कोशिश में मारी जाती है. फिल्म अमीरा को मिस्र के अल गुना फिस्म फेस्टिवल और वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों और क्रिटिक्स ने काफी सराहा. वेनिस में अमीरा को लेंटेर्ना मैजिक अवार्ड और इंटरफिल्म अवार्ड से नवाजा गया. फिल्म में 17 साल की अमीरा का किरदार जॉर्डन की युवा एक्ट्रेस तारा अब्बाउद ने बेहद खूबसूरती से निभाया है.

फिल्म के निर्देशक मोहम्मद दियाब का कहना है अमीरा को लेकर उन्हें और साथी फिल्मकारों को धमकियां मिली थीं, इसके बाद उन्होंने रेड सी फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को न दिखाने का फैसला किया. अमीरा से जुड़े फिल्मकारों ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा है कि जब से अमीरा का वेनिस फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुआ है, इसे कई फेस्टिवल्स में दिखाया गया है. इसे हजारों अरब, फिलस्तीनी और दुनिया के दूसरे हिस्सों के दर्शक भी देख चुके हैं. सभी का यही कहना रहा कि कैदियों के केस को सकारात्मक और मानवीय ढंग से दिखाया गया, साथ ही इजरायली कब्जे की साफ तौर पर निंदा की गई. इस पोस्ट में कहा गया है कि फिल्म के प्लॉट में इज़रायी स्पर्म की स्मगलिंग को दिखाना पूरी तरह काल्पनिक है और ऐसा नहीं हो सकता. 

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