'JAI BHIM': मूवी में हिंदी बोलने वाले को तमाचा जड़ फंसे प्रकाश राज




2 नवंबर को रिलीज जय भीम के एक सीन को लेकर कंट्रोवर्सी, सीन में हिन्दी बोलने पर एक शख्स को तमाचा जड़ देते हैं प्रकाश राज, सोशल मीडिया पर यूज़र्स का आरोप- इससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा




नई दिल्ली (3 नवंबर)।

जानेमाने अभिनेता प्रकाश राज सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे हैं. वजह है 2 नवंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म जय भीम का एक सीन. इस फिल्म को पांच भाषाओं में रिलीज किया गया है. फिल्म को तमिल भाषा में शूट किया गया. फिर इसे तेलुगु, मलयालम, कन्नड और हिंदी में डब करके रिलीज किया गया. इसी फिल्म का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस क्लिप में दिखाया गया है कि बुजुर्ग के रोल में दिख रहा एक किरदार जांच आयोग के प्रमुख बने प्रकाश राज से हिन्दी में बात करना शुरू करता है तो वो उसे तमाचा जड़ देते हैं, साथ ही कहते हैं तमिल में बात करो.

वहीं फिल्म के तेलुगु संस्करण में प्रकाश राज उस शख्स को तेलुगु में बात करने के लिए कहते हैं. हालांकि हिन्दी भाषा में डब किए संस्करण में प्रकाश राज तमाचा जड़ने के बाद उस शख्स को सच बोलने के लिए कहते नज़र आते हैं.

सोशल मीडिया पर इसी क्लिप को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि इस तरह का सीन क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाला है. साथ ही इस तरह की बातों को दिखाने  से अलग अलग भाषा बोलने वालों के बीच दूरी बढ़ती है.

एक यूजर ने सवाल किया कि हिंदुस्तान में हिंदू और हिंदी भाषी होना अपराध है.

 एक अन्य यूजर ने कहा, “इस तरह के वीडियो तमिलनाडु में रहने वाले उत्तर भारतीयों के लिए खतरा हैं, क्योंकि यह हिंदी बोलने वालों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता है।”

एक यूज़र ने प्रकाश राज से सवाल किया है कि कैसे उन्होंने क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने वाले इस तरह के दृश्य मे काम करना मंज़ूर किया.

एक ट्विटर यूजर ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं को टैग करते हुए पूछा है कि क्या वो ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रकाश राज जब भी मुंबई में हों तो मराठी में ही बोलें.  

नब्बे के दशक की एक असल घटना पर आधारित फिल्म जय भीम में दक्षिण के सुपरस्टार सूर्या एक वकील के तौर पर नज़र आ रहे हैं जो एक आदिवासी महिला को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं.  

56 साल के प्रकाश राज बॉलिवुड की कई फिल्मों में विलेन के तौर पर नज़र आ चुके हैं. साउथ के चारों राज्यों की फिल्मों में प्रकाश राज एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के तौर पर बड़ा नाम हैं. अब तक वे पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं. वाम राजनीति की तरफ झुकाव रखने वाले प्रकाश राज ने 2017 में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग जस्ट आस्किंग के साथ मुहिम शुरू की थी. 2019 में बेंगलुरू साउथ सीट से उन्होंने निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा.

जय भीम से पहले भी हिन्दी फिल्म सिंघम में बोले गए एक डॉयलॉग के लिए प्रकाश राज को अपने गृह राज्य कर्नाटक में विरोध का सामना करना पड़ा था. इस फिल्म के एक सीन में प्रकाश राज को पुलिस अफसर बने अजय देवगन से ये कहते दिखाया गया था कि वो उन्हें पीटने के लिए कर्नाटक बॉर्डर से हज़ार लोगों को ले आएंगे. वहीं बाजीराव सिंघम बने अजय देवगन को फिल्म में कहते दिखाया गया था कि हज़ार कुत्तों को भगाने के लिए एक शेर ही पर्याप्त है. विवाद बढ़ने पर उस सीन को फिल्म से हटा दिया गया था और प्रकाश राज समेत फिल्म की टीम ने कन्नडभाषियों से माफी मांगी थी.

अब देखना है कि जय भीम फिल्म के सीन को लेकर हो रहे विवाद पर प्रकाश राज और फिल्म के निर्माण से जुडी टीम की ओर से क्या जवाब आता है.


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