पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर पर हमले के 85 आरोपी 10 दिन की पुलिस हिरासत में


शिनाख्त परेड के बाद आरोपियों को बहावलपुर एंटी टेरेरिज्म कोर्ट के सामने पेश किया गया, पहचान नहीं होने की वजह से 10 को छोड़ा गया

Source: Temple grab from Reforming Punjab video

नई दिल्ली (2 सितंबर)।

पाकिस्तान के पंजाब में एक हिन्दू मंदिर में हमला करने वाले आरोपियों को गुरुवार को स्पेशल एंटी टेरेरिज्म कोर्ट के सामने पेश किया गया. 5 अगस्त को सोशल मीडिया पर ऐसा वीडियो वायरल हुआ था जिसमें लोगों की भीड़ को मंदिर में तोड़फोड़ करते देखा गया था. ये घटना रहीम यार खान के भोंग इलाके में हुई थी. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पर हमला करने वालों को तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे.

पंजाब पुलिस की ओर से शिनाख्त परेड पूरी होने के बाद आरोपियों को बहावलपुर में कोर्ट के सामने पेश किया गया. समा टीवी न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कोर्ट को बताया कि शिनाख्त परेड में कुल 85 लोगों की पहचान की गई. इनके अलावा दस लोगों की पहचान नहीं हो पाई. कोर्ट ने 85 आरोपियों को दस दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया. बाक़ी दस लोग जिनकी पहचान नहीं हो पाई, कोर्ट ने उन्हें निर्दोष मानते हुए रिहा करने के आदेश दिए.

पुलिस रिमांड के दौरान 85 आरोपियों से आगे सवाल कर सकेगी. जिन लोगों ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी उनमें से हर एक को कम से कम 10,000 रुपए मंदिर के रिपेयर के लिए देने होंगे. उन्हें 4 सितंबर तक ये रकम देनी है.


13 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जमाल खान मांडोखाएल ने पुलिस को हमलावरों की पहचान कर चालान जारी करने के आदेश दिए थे. जज ने ये भी कहा था कि ट्राएल कोर्ट को बिना कोई देरी किए चार महीने में अंतिम फैसला सुनाना होगा. कोर्ट ने प्रोसीक्यूशन को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि सभी गवाह कोर्ट में मौजूद रहें.

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलज़ार अहमद और प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंदिर पर हमले की घटना का संज्ञान लेते हुए गंभीर चिंता जताई थी.

बीते मंगलवार को रहीम यार खान जिले के डिप्टी कमिश्नर खुर्रम शहज़ाद, पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स के अधिकारियों ने भोंग का दौरा किया. साथ ही मंदिर की चाबियां स्थानीय हिन्दू नेताओं को सौंपी.

डिप्टी कमिश्नर शहज़ाद के मुताबिक मंदिर के चारों और बाउंड्री वॉल खड़ी करने के साथ मरम्मत का काम पूरा हो चुका है, साथ ही इस काम पर जो रकम खर्च हुई है वो हमलावरों से वसूली जाएगी.

जिला प्रशासन ने मंदिर और उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए एक सुरक्षा प्लान भी तैयार किया है.

हिन्दू काउंसिल के प्रवक्ता लाल दास सोनी के मुताबिक मंदिर में खंडित हुई मूर्तियों को दोबारा तैयार करने में कुछ वक्त लगेगा, इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. सोनी ने उम्मीद जताई कि मंदिर का पूरी तरह रिनोवेशन पूरा होने में कम से कम दो महीने लगेंगे और उसी के बाद हिन्दू यहां पूजा शुरू कर सकेंगे.

सोनी के मुताबिक मंदिर पर हमला एक अहम चुनौती है जिसे एक ही दिन में नहीं निपटा जा सकता. सोनी ने कहा, हम सब, हिन्दू और मुस्लिम, यहां भाइयों की तरह रहते हैं. जिन्होंने मंदिर पर हमला किया, उनका धर्म से कोई लेना देना नहीं था.

पुलिस के मुताबिक मंदिर पर हमले से 10 दिन पहले मदरसे के एक टीचर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एक गैर मुस्लिम लड़के ने मदरसे में घुसकर कथित तौर पर नापाक हरकत की. पुलिस ने केस दर्ज कर लड़के को गिरफ्तार कर लिया था. कुछ दिन बाद उसे जमानत पर छोड़ा गया. इसके विरोध में भीड़ ने बंद कराने के साथ एक हाइवे पर जाम भी लगाया.

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