मुझे कैसे बुलाएं- सर, भैया या फर्स्ट नेम से...खुशदीप

 


मैंने जब तक मेनस्ट्रीम मीडिया की नौकरी की, अपने हर सीनियर को 'सर' कह कर ही बुलाया. ओल्ड स्कूल से होने की वजह से कभी फर्स्ट नेम से बुलाने वाली Corporate Culture को नहीं अपना सका. इस संस्कृति में हर किसी को उसके फर्स्ट नेम से ही बुलाया जाता है, जैसे कि मेरा नाम कहें तो खुशदीप.


लेकिन मैं अपने किसी भी सीनियर के लिए ऐसा नहीं कर सका. पुरातन संस्कृति का भी कह सकते हैं मुझे. लेकिन मैं कोशिश करने पर भी ऐसा नहीं कर सका. हर सीनियर के लिए फर्स्ट नेम से बुलाने की जगह सर ही कहा.


27 साल के करियर में इस मामले में बस एक अपवाद रहे. जिन्हें मैंने सर की जगह भाईसाब कहा. ये मेरे साथ हुआ अमर उजालाग्रुप में 1996 से 2003 के आखिर तक जॉब करने के दौरान. इस ग्रुप को अकल्पनीय ऊंचाई तक ले जाने वाले स्वर्गीय अतुल माहेश्वरी जी के लिए मैंने हमेशा भाईसाब शब्द का इस्तेमाल किया. दरअसल, मैंने जब वहां जॉब शुरू किया था तो हर किसी को अतुल जी के लिए भाईसाब शब्द का इस्तेमाल ही करते देखा था. मैंने भी ऐसा करना शुरू कर दिया.


लेकिन मेरे करियर में अतुल जी ने जो किया वो वाकई बड़े भाईसाब वाला ही काम था. उन्होंने मुझे बहुत जल्दी ही चीफ सब एडिटर बनाया. जब डिजिटल पत्रकारिता का श्रीगणेश ही हुआ था तो उन्होंने मुझे अमर उजाला डॉट कॉम के लिए मेरठ से नोएडा भेजा.


अमर उजाला में उन दिनों चाहे कोई कितना भी जूनियर क्यों न था, अतुल जी को भाईसाब बुलाने की वजह से उसका अपनत्व सा रिश्ता जुड़ जाता था. लाख कोशिश की जाए ये रिश्ता सर कहने से नहीं जुड़ सकता.


मुझे खुद भी जॉब में रहने के दौरान या बाहर भी कई युवा साथी सर कह कर बुलाते रहे हैं या अब भी बुलाते हैं. उनसे मैं कहूंगा कि मुझे भाई या भैया कह कर ही बुलाएं. खास तौर पर उन युवा साथियों से मेरा ये अनुरोध है जो #Khush_Helpline से जुड़ रहे हैं. यहां जो भी जुड़ रहा है उसे मैं अपना परिवार ही मान रहा हूं. सब मेरे छोटे भाई-बहन की तरह हैं. मैं अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान हूं. इसलिए मुझे अपने से छोटे भाई-बहन न होने की कमी हमेशा खली. लेकिन ऊपर वाले ने मुझे अब इतने सारे छोटे-भाई बहनों से मिलाना शुरू कर दिया है.


आशा है युवा साथी मेरे इस अनुरोध पर गौर करेंगे...


मधुकर त्रिपाठी के सवाल पर जो पोस्ट लिखने का वादा किया है वो संडे वाली विशेष पोस्ट में शुमार है, इसलिए तब तक इंतजार कीजिएगा.

(खुश😊हेल्पलाइन को मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. आप भी मिशन से जुड़ना चाहते हैं और मुझसे अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो यहां फॉर्म भर दीजिए)

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