दोस्तों,
हिंदी और गूगल के रिश्ते पर आप से कुछ अति आवश्यक बातों के लिए ये पोस्ट लिख रहा हूं।
जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले कुछ समय से ये अनुभव किया जा रहा है कि हिंदी ब्लॉगिंग के लिए लोगों का उत्साह कम होता जा रहा है। हिंदी ब्लॉगिंग ने आज से चार-पांच साल पहले जो स्वर्णिम काल देखा था वो कहीं पीछे छूट सा गया लगता है। अगर हम में से अधिकतर ऐसा सोचते हैं तो ये अकारण नहीं हैं। ब्लॉगवाणी या चिट्ठाजगत जैसे एग्रीगेटर की कमी, ब्लॉगर्स का फेसबुक, ट्विटर में अधिक रुचि लेना, नामचीन ब्लॉगर्स का लिखना बंद करना या बहुत कम लिखना, टिप्पणियों का अभाव, आर्थिक रूप से कोई प्रोत्साहन ना मिलना, गुटबंदी, नए ब्लॉगर्स का उत्साहवर्धन ना होना आदि ऐसी अनेक वजहें रहीं जिन्होंने ब्लॉग के मंच को विरक्त कर दिया। दूसरों की क्या कहूं, प्रतिदिन एक पोस्ट लिखने वाला मेरे जैसा व्यक्ति भी अब ब्लॉग पर यदा-कदा ही लिखता है।
लेकिन ये स्थिति अब अधिक दिन नहीं रहने वाली है। इसके लिए पहल की है गूगल ने। वही गूगल जो हमारे जीवन का ऐसा अहम हिस्सा बन गया है, जिसके सर्च इंजन के बिना हम स्वयं को अधूरा समझने लगते हैं। अब इसी गूगल ने हिंदी उत्साहियों को समुदाय के रूप में अपने साथ जोड़ने के लिए एक वृहत्ती योजना को हाथ में लिया है। बीती 4 अगस्त को ये देखकर आपको सुखद आश्चर्य हुआ होगा कि गूगल ने हिंदी सिनेमा के महान गायक किशोर कुमार को उनकी 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए भारत में अपने मुखपृष्ठ पर उनका चित्र लगाया।
अभी कुछ दिन पहले हिंदी उत्साहियों को अपने साथ जोड़ने के लिए गूगल ने एक फॉर्म उपलब्ध कराया। गूगल के इस नए मंच से जो लोग जुड़ चुके हैं, उन्होंने अनुभव किया होगा कि अब वो अपनी समस्याओं या सुझावों के लिए गूगल टीम से सीधे संवाद कर सकते हैं। हिंदी ब्लॉगर्स ऐसे मंच के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे।
गूगल इसी दिशा में अब कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि ऐसे सार्थक प्रयासों को ठोस और मूर्त रूप देने में कुछ समय लगता है, इसलिए हम सभी हिंदी उत्साहियों को थोड़े धैर्य से काम लेना होगा। यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि गूगल स्वयं के किसी आर्थिक लाभ के लिए हिंदी उत्साहियों को अपने साथ नहीं जोड़ना चाह रहा। ऐसे में किसी के मस्तिष्क में भी ये प्रश्न उठ सकता है कि गूगल फिर ये सब क्यों कर रहा है?
जैसा कि आप जानते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफार्म को भारत में एक अंग्रेज़ी समृद्ध प्लेटफार्म के हिसाब से जाना जाता है। हालांकि बाकी देशो में लोग ऑनलाइन अंग्रेज़ी के अलावा अपनी मातृभाषा में भी बातें करते हैं। लेकिन भाषा और क्षेत्र के हिसाब से भारत इतनी विविधताओं वाला देश है कि यहां ऐसा होना कठिन चुनौती है। लेकिन अब समय आ गया है इस स्थिति को बदलने का। एक अनुसंधान के परिणाम के अनुसार देश में अंग्रेज़ी के बाद तक़रीबन 80% लोग ऑनलाइन हिंदी का प्रयोग करते हैं। निकट भविष्य में ऑनलाइन आने वाले 30 करोड़ लोग और ऑनलाइन अंग्रेज़ी का प्रयोग नहीं करेंगे। इसलिए पूरा भरोसा है कि शीघ्र ही अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन हिंदी का प्रयोग करने लगेंगे।
भविष्य की इसी सुखद आशा के साथ गूगल ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना चाहता है कि जिसमें हिंदी के अधिक से अधिक रचनाकार जुड़ सकें। सब के साथ मिलकर अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण हिंदी ऑनलाइन कंटेट का सृजन किया जा सके। हिंदी को देश-विदेश में प्रचारित करने के उद्देश्य से मैं आपसे अपील करता हूं कि इस भागीरथ कार्य को सफल बनाने में गूगल का साथ दें। मुझे भरोसा है कि गूगल अच्छे दोस्त की तरह हर घड़ी आपके साथ रहेगा।
यहां मैं ये जानकारी देना भी अपना दायित्व समझता हूं कि गूगल के साथ काम करने से हिंदी ब्लॉगर्स को क्या-क्या मिलने जा रहा है-
1. हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ी किसी भी समस्या या शंका की स्थिति में गूगल टीम से सीधी सहायता।
2. एक ऐसा व्यवस्थित और समर्पित प्लेटफॉर्म जहां सभी हिंदी उत्साही आपस में और गूगल से बात कर सकते हैं।
3. गूगल + की ओर से आपके ब्लॉग की दृश्यता (पहुंच) को बढ़ाना
4. गूगल जानता है कि हिंदी ब्लॉगर्स की हिंदी में एडसेंस को लेकर बहुत जिज्ञासाएं हैं। गूगल आपको आश्वस्त करता है कि हिंदी के लिए एडसेंस जब भी आरंभ होगा, सबसे पहले आपको ये जानकारी मिलेगी, साथ ही इसका उपभोग करने की सुविधा
5. Open Source Rich देवनागरी फॉन्ट के बारे में जानकारी
पोस्ट के अंत में आप से फिर अनुरोध करता हूं कि आप या आपके परिचितों में से जो कोई भी गूगल के इस समूह का हिस्सा बनना चाहता है वो कृपया यह फॉर्म भरे। गूगल शीघ्र उनसे संपर्क करने की कोशिश करेगा।
(नोट- फॉर्म भरते समय ये ध्यान रखें कि वहां आपको समूह में उत्सुकता रखने वाले के नाम की जगह अपना नाम लिखना है और जहां आपका नाम लिखा है वहां मेरा नाम यानि खुशदीप सहगल लिखना है।)
आपका
खुशदीप सहगल
हिंदी और गूगल के रिश्ते पर आप से कुछ अति आवश्यक बातों के लिए ये पोस्ट लिख रहा हूं।
जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले कुछ समय से ये अनुभव किया जा रहा है कि हिंदी ब्लॉगिंग के लिए लोगों का उत्साह कम होता जा रहा है। हिंदी ब्लॉगिंग ने आज से चार-पांच साल पहले जो स्वर्णिम काल देखा था वो कहीं पीछे छूट सा गया लगता है। अगर हम में से अधिकतर ऐसा सोचते हैं तो ये अकारण नहीं हैं। ब्लॉगवाणी या चिट्ठाजगत जैसे एग्रीगेटर की कमी, ब्लॉगर्स का फेसबुक, ट्विटर में अधिक रुचि लेना, नामचीन ब्लॉगर्स का लिखना बंद करना या बहुत कम लिखना, टिप्पणियों का अभाव, आर्थिक रूप से कोई प्रोत्साहन ना मिलना, गुटबंदी, नए ब्लॉगर्स का उत्साहवर्धन ना होना आदि ऐसी अनेक वजहें रहीं जिन्होंने ब्लॉग के मंच को विरक्त कर दिया। दूसरों की क्या कहूं, प्रतिदिन एक पोस्ट लिखने वाला मेरे जैसा व्यक्ति भी अब ब्लॉग पर यदा-कदा ही लिखता है।
लेकिन ये स्थिति अब अधिक दिन नहीं रहने वाली है। इसके लिए पहल की है गूगल ने। वही गूगल जो हमारे जीवन का ऐसा अहम हिस्सा बन गया है, जिसके सर्च इंजन के बिना हम स्वयं को अधूरा समझने लगते हैं। अब इसी गूगल ने हिंदी उत्साहियों को समुदाय के रूप में अपने साथ जोड़ने के लिए एक वृहत्ती योजना को हाथ में लिया है। बीती 4 अगस्त को ये देखकर आपको सुखद आश्चर्य हुआ होगा कि गूगल ने हिंदी सिनेमा के महान गायक किशोर कुमार को उनकी 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए भारत में अपने मुखपृष्ठ पर उनका चित्र लगाया।
अभी कुछ दिन पहले हिंदी उत्साहियों को अपने साथ जोड़ने के लिए गूगल ने एक फॉर्म उपलब्ध कराया। गूगल के इस नए मंच से जो लोग जुड़ चुके हैं, उन्होंने अनुभव किया होगा कि अब वो अपनी समस्याओं या सुझावों के लिए गूगल टीम से सीधे संवाद कर सकते हैं। हिंदी ब्लॉगर्स ऐसे मंच के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे।
गूगल इसी दिशा में अब कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि ऐसे सार्थक प्रयासों को ठोस और मूर्त रूप देने में कुछ समय लगता है, इसलिए हम सभी हिंदी उत्साहियों को थोड़े धैर्य से काम लेना होगा। यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि गूगल स्वयं के किसी आर्थिक लाभ के लिए हिंदी उत्साहियों को अपने साथ नहीं जोड़ना चाह रहा। ऐसे में किसी के मस्तिष्क में भी ये प्रश्न उठ सकता है कि गूगल फिर ये सब क्यों कर रहा है?
जैसा कि आप जानते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफार्म को भारत में एक अंग्रेज़ी समृद्ध प्लेटफार्म के हिसाब से जाना जाता है। हालांकि बाकी देशो में लोग ऑनलाइन अंग्रेज़ी के अलावा अपनी मातृभाषा में भी बातें करते हैं। लेकिन भाषा और क्षेत्र के हिसाब से भारत इतनी विविधताओं वाला देश है कि यहां ऐसा होना कठिन चुनौती है। लेकिन अब समय आ गया है इस स्थिति को बदलने का। एक अनुसंधान के परिणाम के अनुसार देश में अंग्रेज़ी के बाद तक़रीबन 80% लोग ऑनलाइन हिंदी का प्रयोग करते हैं। निकट भविष्य में ऑनलाइन आने वाले 30 करोड़ लोग और ऑनलाइन अंग्रेज़ी का प्रयोग नहीं करेंगे। इसलिए पूरा भरोसा है कि शीघ्र ही अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन हिंदी का प्रयोग करने लगेंगे।
भविष्य की इसी सुखद आशा के साथ गूगल ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना चाहता है कि जिसमें हिंदी के अधिक से अधिक रचनाकार जुड़ सकें। सब के साथ मिलकर अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण हिंदी ऑनलाइन कंटेट का सृजन किया जा सके। हिंदी को देश-विदेश में प्रचारित करने के उद्देश्य से मैं आपसे अपील करता हूं कि इस भागीरथ कार्य को सफल बनाने में गूगल का साथ दें। मुझे भरोसा है कि गूगल अच्छे दोस्त की तरह हर घड़ी आपके साथ रहेगा।
यहां मैं ये जानकारी देना भी अपना दायित्व समझता हूं कि गूगल के साथ काम करने से हिंदी ब्लॉगर्स को क्या-क्या मिलने जा रहा है-
1. हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ी किसी भी समस्या या शंका की स्थिति में गूगल टीम से सीधी सहायता।
2. एक ऐसा व्यवस्थित और समर्पित प्लेटफॉर्म जहां सभी हिंदी उत्साही आपस में और गूगल से बात कर सकते हैं।
3. गूगल + की ओर से आपके ब्लॉग की दृश्यता (पहुंच) को बढ़ाना
4. गूगल जानता है कि हिंदी ब्लॉगर्स की हिंदी में एडसेंस को लेकर बहुत जिज्ञासाएं हैं। गूगल आपको आश्वस्त करता है कि हिंदी के लिए एडसेंस जब भी आरंभ होगा, सबसे पहले आपको ये जानकारी मिलेगी, साथ ही इसका उपभोग करने की सुविधा
5. Open Source Rich देवनागरी फॉन्ट के बारे में जानकारी
पोस्ट के अंत में आप से फिर अनुरोध करता हूं कि आप या आपके परिचितों में से जो कोई भी गूगल के इस समूह का हिस्सा बनना चाहता है वो कृपया यह फॉर्म भरे। गूगल शीघ्र उनसे संपर्क करने की कोशिश करेगा।
(नोट- फॉर्म भरते समय ये ध्यान रखें कि वहां आपको समूह में उत्सुकता रखने वाले के नाम की जगह अपना नाम लिखना है और जहां आपका नाम लिखा है वहां मेरा नाम यानि खुशदीप सहगल लिखना है।)
आपका
खुशदीप सहगल