24 जनवरी की
शाम कई मायनों में बड़ी खुशगवार गुज़री...इंडीब्लॉगर्स की ओर से नोकिया-ल्यूमिया
के आयोजन में शिरकत का न्योता था...इंडीब्लॉगर्स की दिल्ली में पहले हुई ब्लॉगर्स मीट
में हिस्सा ले चुका था...इसलिए आश्वस्त था कि आयोजन शानदार ही होगा...दूसरा कारण
ये भी था कि इंडीब्लॉगर्स ने पिछले साल देशनामा को पॉलिटिकल न्यूज़ की कैटेगरी में
अवॉर्ड से नवाज़ा था...
एक ओर सबसे बड़ी बात कि मेरा बेटा सृजन जो यदा-कदा
अंग्रेज़ी में ब्लॉग लिखता है (www.enlightedmind.blogspot.in), उसने भी इस आयोजन में शिरकत लेने की इच्छा
जताई..सृजन दिल्ली के सेंट
स्टीफंस, कालेज में बीएससी ऑनर्स (फिजिक्स) के सेकंड इयर में है, उसे पढ़ाई से ही
फुर्सत नहीं मिलती...लेकिन इस कार्यक्रम में सृजन के पंसदीदा टेक गुरु राजीव मखनी आ
रहे थे, इसलिए वो इसमें हिस्सा लेना चाहता था...ख़ैर हम बाप-बेटे की जोड़ी ने
कार्यक्रम में भागीदारी के लिए इंडीब्लॉगर्स में रजिस्ट्रेशन करा दिया...मैंने
सतीश सक्सेना जी और शाहनवाज़ भाई से भी रजिस्ट्रेशन के लिए फोन पर कहा था, लेकिन
वो दोनों ही शायद अपनी व्यस्तता के चलते ऐसा नहीं कर पाए...
कार्यक्रम दिल्ली के
ओबरॉय होटल में शाम को सात बजे शुरू होना था...लेकिन मैं और सृजन वहां करीब साढ़े
सात बजे पहुंचे...तब तक ओबरॉय का बॉल रुम खचाखच भर चुका था...इंडीब्लॉगर्स का करीब
साढ़े तीन सौ ब्लॉगर्स को न्योता था लेकिन हॉल में इससे कहीं ज़्यादा लोग नज़र आ
रहे थे...किसी तरह हॉल में सबसे पीछे हमने भी अपने बैठने लायक दो सीट ढूंढ ली...
मंच पर एंकरिंग की
ज़िम्मेदारी राजीव मखनी ने संभाल रखी थी...उनके साथ भोली सूरत वाले इंटरनेशनल फेम
शेफ़ विकास खन्ना और उद्यमी-एंजेल इन्वेस्टर विशाल गोंदाल भी मंच पर मौजूद
थे...(ये एंजेल इन्वेस्टर क्या होता है, कोई मुझे बताएगा क्या भाई)...
हम आधा घंटा देर से
पहुंचे थे, पहले क्या हो गया था पता नहीं, लेकिन उस वक्त राजीव नोकिया के ‘यूअर विश इज़ माई एप सीज़न 2’ के बारे में बता रहे थे...यही समझ आया कि आप को अपनी
इच्छा के अनुसार मोबाइल एप्लीकेशन (एप) के लिए आइडिया बताना है...अगर आप का आइडिया
पंसद आ गया तो समझो कि आप की बस पौं बारह है...
कार्यक्रम में आगे
क्या हुआ, इससे पहले आप को ये बता दूं कि ‘नोकिया- यूअर विश
इज़ माई एप’ का आयोजन पिछले साल भी हुआ था...भारत समेत दुनिया
के इस पहले एप रियल्टी टीवी शो के लिए करीब 38 हज़ार आइडिया आयोजकों को मिले थे,
इस बार सीज़न 2 के लिए ये लक्ष्य करीब 50 हज़ार आइडिया जुटाने का है...इस हंट को
इस बार करने वाले जज़ेस में राजीव मखनी, विकास खन्ना और विशाल गोंदाल के अलावा
नौकरी डॉट कॉम के एक्जेक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजीव भीखचंदानी और एक्ट्रेस कल्की
केकला (चौंकिए मत, इस नाम का रहस्य भी आगे खोलता हूं)...
सीज़न 2 के लिए पहले
तीस आइडिया शार्ट लिस्ट किए जाएंगे...मार्च के मध्य में इन आइडिया पर आधारित नौ
कड़ियों वाला रियल्टी शो एनडीटीवी प्राइम चैनल पर प्रसारित होगा...विजेता को दस
लाख रुपये और दो उप-विजेताओं को क्रमश: पांच लाख और दो लाख रुपये की राशि इनाम में दी
जाएगी...इसके अलावा तीन और भाग्यशाली लोगों को नोकिया-ल्यूमिया 1520 मोबाइल दिया
जाएगा...
इंटरनेशनल आडियंस से
आइडिया आमंत्रित करने के साथ ही शो को देश
भर में भागीदारी के लिए युवाओं के पास ले जाया जाएगा...फरवरी में इसके लिए दिल्ली,
मुंबई और बैंगलोर के कॉलेजों में फेस्टिवल होंगे...इन फेस्टिवल के ज़रिए तीन लोगों
को वाइल्ड कॉर्ड के ज़रिए अंतिम तीस कंटेस्टेंट्स में जगह मिलेगी...
इसके अलावा 17 से 21 फरवरी तक सोशल मीडिया वीक का आयोजन बैंगलोर, बार्सिलोना, कोपेनहेगन, हैम्बर्ग, लागोस, मिलान, न्यूयॉर्क और टोक्यो में होगा...चार हज़ार टॉप आइडिया को नोकिया DVLUP में प्रकाशित किया जाएगा...इस पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य विंडोज़ फोन स्टोर के लिए एप्स विकसित करना है...आप इच्छुक हैं तो आप भी अपने फेसबुक वॉल पर या ट्विटर हैंडलर पर एप के लिए आइडिया दे सकते हैं, इसके लिए आपको आइडिया से पहले बस #YWMA टाइप करना होगा...नोकिया फिर खुद ही आपको ट्रैक कर आपकी भागीदारी सुनिश्चित कर देगा...
चलिए ये तो था कार्यक्रम का उद्देश्य...अब आपको बताता हूं कि वहां हुआ क्या-क्या...जैसा कि पहले ही बता चुका हूं कि जब हम पहुंचे तो मंच पर राजीव मखनी, विकास खन्ना और विशाल गोंदाल मौजूद थे...
राजीव बता रहे थे कि
आइडिया देते वक्त लोगों की वाइल्ड इमेजिनेशन कहां-कहां तक जा सकती है...जैसे कि
पिछले साल एप्स के लिए मिले आइडियाज़ में एक सज्जन का कहना था कि ऐसा एप विकसित
होना चाहिए, जिससे कि कुत्ते, बिल्ली, कीड़े-मकोड़ों की आवाज़ को पहले वो इनसानों
के समझने लायक भाषा में बदल दे और फिर इनसान की भाषा को इसी तरह कुत्ते, बिल्ली और
कीड़े-मकोड़ों के पास पहुंचा दे...
राजीव के मुताबिक एक
आइडिया पर हमेशा कूल रहने वाले मास्टर शेफ विकास खन्ना भी बहुत भड़क गए थे...ये
आइडिया था कि किसी भी डिश की फोटो को देखकर मोबाइल एप के ज़रिए उसकी पूरी रेसिपी
सामने आ जाए...विकास का कहना था कि एक रेसिपी को बनाने में शेफ को ना जाने कितने
महीनों तक मशक्कत करनी पड़ती है और ये जनाब सिर्फ फोटो के ज़रिए रेसिपी जानना
चाहते थे...
कार्यक्रम में
हिस्सा लेने वाले ब्लॉगर्स से भी एट रेंडम स्टेज पर बुलाकर आइडिया पूछे जा रहे
थे...एक ऐसा किशोर भी स्टेज पर आया जिसका ब्लॉग LOVE पर ही
आधारित था...इस किशोर के लिए मैंने राजीव मखनी को चिट पर लिख कर सुझाव दिया कि इसे
‘मटुकनाथ ऑफ ब्लॉगिंग’ का टाइटल दिया जाना चाहिए...और लव पर कोई एप
विकसित होता है तो उसे भी पटना के प्रोफेसर (लवगुरु) मटुकनाथ को ही समर्पित करना
चाहिए...
मंच से साथ ही सवाल
पूछ कर नोकिया की ओर से इनाम भी बांटे जा रहे थे...जैसे विकास खन्ना ने सवाल पूछा
कि घर के मक्खन का रंग सफेद लेकिन अमूल मक्खन का पीला क्यों होता है...जो ट्विटर या
फेसबुक पर सबसे पहले जवाब देता, उसे ही इनाम मिलता...एक ब्लॉगर समरदीप सिंह ने जवाब
दिया...YELLOW…इस पर विकास ने चुटकी ली कि तू दिमाग में मुझसे
भी बड़ा है...खैर हॉल में से एक आवाज़ आई कि ANNATO की वजह
से अमूल मक्खन पीला होता है...विकास ने फिर एक्सप्लेन किया कि ANNATO पीले रंग का बड़े अच्छे फ्लेवर वाला मसाला होता
है...ये सवाल भी पूछा गया कि एक्ट्रेस KALKI KOECHLIN के नाम का सही उच्चारण क्या होता है...कोई कोएचलिन तो कोई कोएशलिन बता रहा था...इस पर राजीव मखनी ने बताया कि कल्की ने उन्हें खुद अपने नाम का सही उच्चारण बताया है- कल्की केकला (चौंके ना आप भी सुनकर, यही सही है)
मुज़फ्फरनगर से आए
एक बच्चे ने एप के लिए आइडिया दिया कि जो लोग डॉयबिटीज की वजह से रसगुल्ला नहीं खा
सकते, उनके लिए एप दबाते ही रसगुल्ले की पूरी खुशबू महसूस होनी चाहिए...इन सबके बीच कुछ बहुत अच्छे आइडियाज़ भी सामने आए जैसे कि अंग दान (ORGAN DONATION) के लिए हमें पता नहीं होता कि कहां जाकर ऐसा किया
जा सकता है...इसके लिए एप के जरिए आपके शहर या नजदीकी अंगदान केंद्रों की लिस्ट
उपलब्ध कराई जा सकती है...
एक आइडिया ये भी था कि मूक-बधिर की साइन-लैंग्वेज़ को
देखकर उसे भाषा में बदलने वाला एप विकसित होना चाहिए...एक ओर बड़ा अच्छा
आइडिया सामने आया कि महिलाओं को घर से बाहर होने पर लघु-शंका के लिए वॉशरूम्स (लू)
ढ़ूंढने में बड़ी परेशानी होती है...इसके लिए लू-लोकेटर के नाम से ऐसा एप विकसित
होना चाहिए, जिससे आप किसी भी शहर में हों, वहां आपको पास में मौजूद सार्वजनिक
वॉशरूम्स (लू) की जानकारी मिल जाए...
कार्यक्रम की एक और
खास बात थी कि विकास खन्ना, राजीव मखनी और विशाल सभी लोगों से बहुत आत्मीयता के
साथ मिल रहे थे....लग ही नहीं रहा था कि विकास खन्ना इतनी बड़ी सेलेब्रिटी है...इस
कार्यक्रम में विकास की माताजी भी आई हुई थीं...मोस्ट ऐलिजेबल बैचलर विकास से
मैंने पूछा कि अभी आपको आपकी काजोल मिली या नहीं...इस पर विकास ने पंजाबी में
उत्तर दिया कि मैंने तो इंटरव्यू में सिमरन जैसी लड़की को जीवनसाथी बनाने की इच्छा
व्यक्त की थी...लोगों ने काजोल वैसे ही बना दिया...
ऐसे ही हंसी-मजाक के
पलों के साथ खाने का वक्त आ गया...खाना शानदार था...जो लोग बोल-बोल कर थक गए थे, उनके
लिए गला तर करने का भी इंतज़ाम था...चलिए पूरा आंखो देखा हाल सुना दिया...अब दस
लाख रुपये जीतने के लिए एप्स का आइडिया सुझाने के लिए भिड़ाइए अपना दिमाग...वाइल्ड
इमेजिनेशन वाले आइडिया यहां टिप्पणियों में भी व्यक्त कीजिए तो पोस्ट और मज़ेदार
हो जाएगी...
जैसे कि यहां मैं एप
के लिए अपना आइडिया देता हूं...
ऐसा एप बनना चाहिए
जिसे दबाते ही ऐसी फ्रीक्वेंसी निकलें जो अर्णब गोस्वामी की फ्रीक्वेंसी से मैच कर
उन्हें तत्काल चुप करा दें....
(नोट- आपका ये ब्लॉग देशनामा ब्लॉग अड्डा अवार्डस के लिए शार्टलिस्ट हुआ है...अगर आप इसे वोट देना चाहें तो इस लिंक पर जाकर फेसबुक लाइक या ट्वीट के ज़रिए दे सकते हैं)
मैं भी वहां पर था ...पिछली तीनो मीट अटेंड की हैं, अगली मीट में आपसे जरूर मिलना चाहूँगा |
जवाब देंहटाएंऔर इस बार ..मुझे भी कल्की केकला वाली बात काफी रोचक लगी ..और वो कुत्ते वाला आईडिया भी |
इस बार संख्या ज्यादा थी, तब भी अच्छी तरीके से मैनेज किया, इंडीब्लोगर टीम ने ..|
ज़रूर राहुल, मुझे भी आप से मिल कर बहुत खुशी होगी...
हटाएंजय हिंद...
खुशदीप भाई एक ऐसा एप ज़रूर बनना चाहिए जो पाठकों की संख्या खुद बा खुद जोड़ घटा के सबसे पोप्युलर ब्लॉगर्स को टॉप पर ट्रेंड करता रहे ;-) बहुत दिन हो गए ब्लॉग जगत के मठों को ध्वस्त हुए!
जवाब देंहटाएंअब तो एक ही डायलोग याद आता है
"इतना सन्नाटा क्यों है भाई!"
:-)
सच कह रहे हैं शाहनवाज़ भाई,
हटाएंइस मुर्दनी को दूर करने के लिए ब्लॉगरों का झुंड क्या करेंगे...
हवन करेंगे, हवन करेंगे, हवन करेंगे...
जय हिंद...
और हाँ, ऑफिस की अवार्ड नाईट में व्यस्तता के चलते कुछ करना छोडो, सोचने का भी टाइम नहीं मिला :-(
जवाब देंहटाएंऊपर से घर का नेट पिछले 2 हफ़्तों से खराब है :-(
ऑफिस की अवॉर्ड नाइट...कौन सा अवॉर्ड मिला...
हटाएंजय हिंद...
हा हा, बहुत ही रोचक विचारों की झड़ी।
जवाब देंहटाएंप्रवीण भाई,
हटाएंएंप्स के लिए अपने आइडिया नोकिया को ज़रूर भेजिएगा...
जय हिंद...
शुक्रिया सुशील भाई...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
डोरेमोन देखिए और नए नए गजेट पर प्रयोग करिए।
जवाब देंहटाएंदिल्ली में थे संपर्क न किया वाह वाह...
जवाब देंहटाएंये लाजवाब कही.
जवाब देंहटाएंरामराम.
Presented things very nicely.
जवाब देंहटाएंI am feeling like that evening's moviee is playing in front of me.
you mentioned above deaf and dumb sign language idea, I am the same guy who given that idea and I would like to meet you in next meet.
@Rahul Kumar शुक्रिया...ऐसा खूबसूरत आइडिया देने वाले से मैं आगे भी विचारों का आदान-प्रदान बनाए रखना चाहूंगा..अपना कॉन्टेक्ट दीजिए...
हटाएंजय हिंद...
@khushdeep g.. voh Yellow answer dene wala main hi tha.. ;) vaise pehle usne poocha tha k butter ka colour kya hai and aap toh speed ki daad dijiye.. :P
जवाब देंहटाएंrest, it has been a wonderful narrative for the day.. thums up from me. :D
शुक्रिया @Simardeep Singh, सेन्स ऑफ ह्यूमर आजकल लोगों में खत्म ही होता जा रहा है...ऐसे ज़िंदादिल लोगों से दोस्ती कर मुझे बहुत खुशी मिलती है...क्या करूं नाम ही खुशदीप है...इस महीने ऐसा ही कुछ और हंगामेदार भी दिल्ली में होने वाला वाला है...अपना कोई कॉन्टेक्ट दीजिए जिससे आपसे संपर्क कर सकूं...
हटाएंजय हिंद...