उंगली करेगे, उंगली करेंगे...खुशदीप



ओए हम ब्लॉगर्स फन्नेखांओं का झुंड,
सुनसानी हाट, अब ऐसी हाट,
रख दिल पे हाथ,
हम साथ-साथ बोलो क्या करेंगे,
उंगली करेंगे, उंगली करेगे, उंगली करेंगे...

ओए जीव जंतु सब सो रहे होंगे,
भूत प्रेत सब सो रहे होंगे,
ऐसी रात ब्लॉगिंग कर रख दिल पे हाथ,
हम साथ साथ, बोलो क्या करेंगे,
उंगली करेंगे, उंगली करेंगे, उंगली करेंगे...

हुर्र, हुर्र, हुर्रर्र...
जलता, फुंकता, जलता, फुंकता, कुढ़ता,
सारी पोस्ट, सारे स्टेट्स बजाता,
तभी तो ब्लॉगर कहलाता,
परेड थम...

जलता, फुंकता, कुढ़ता आहो,
सारी पोस्ट बजाता आहो,
तभी तो ब्लॉगर कहलाता,
परेड थम...
होए लिख लिख के पोस्ट अपना,
हो लिख लिख के पोस्ट अपना,
लिख लिख के पोस्ट अपना,
नाम करेंगे, नाम करेंगे, उंगली करेंगे...

ओए जीव जंतु सब सो रहे होंगे,
भूत प्रेत सब सो रहे होंगे,
ऐसी रात ब्लॉगिंग कर रख दिल पे हाथ,
हम साथ साथ, बोलो क्या करेंगे,
उंगली करेंगे, उंगली करेंगे, उंगली करेंगे...

ओ जंगली आग़ सी भड़कती होगी,
ओए लकड़ी दिल की भी सुलगती होगी,
ओ जंगली आग़ सी भड़कती होगी,
ओए लकड़ी दिल की भी सुलगती होगी,
ऐसी रात ब्लॉगिंग कर रख दिल पे हाथ,
हम साथ साथ, बोलो क्या करेंगे,
उंगली करेंगे, उंगली करेंगे, उंगली करेंगे...
अब सुनिए ये गाना, डबल मज़ा आएगा-
   





एक टिप्पणी भेजें

44 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. वाकई यार ..
    और हम क्या कर पायेंगे
    उंगली करेंगे !

    हमारे साथ आकर बैठे हो
    तो हम क्या करेंगे
    उंगली करेंगे !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सतीश भाई,

      आप तो यारों के यार हैं...

      आप उंगली करने वालों के उंगली करते हैं...

      जय हिंद...

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. मुकेश भाई,

      आपका भैयाजी कहने का स्टाइल बड़ा चकाचक है...

      जय हिंद...

      हटाएं
    2. भैया जी श्माइल प्लीज़ :)

      जय हिंद...

      हटाएं
  3. शुभकामनायें। ऊंगली सलामत रहे बहुत दिन तक।

    जवाब देंहटाएं
  4. वैसे गाने के साथ वाकई में डबल मज़ा आ गया ....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पोस्ट तीन चीज़ों से हिट होती है-

      एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट...

      जय हिद...

      हटाएं
  5. ये स्टाईल बढिया है अंगुली करने का
    ऐसे ही अंगुलियाते रहिये

    प्रणाम स्वीकार करें

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. अन्तर भाई,

      उंगली तो उंगली है, उंगली ही करेगी...

      जय हिंद...

      हटाएं
  6. ऊँगली करेंगे.. हम राजनीति के लिये उपयोग करते हैं..

    बढ़िया है.. आपको बधाई है खुशदीप भाई..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. विवेक भाई शुक्रिया...

      राजनीतिज्ञों के पीछे सारे ब्लॉगर लगा दो...राजनीति भूल जाएंगे...

      जय हिंद...

      हटाएं
  7. खुशदीप साब, बस ऐसे ही बजाते रहो... बधाई और शुभकामना...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. संजय जी,

      बजने-बजाने की इस दुनिया में आपका स्वागत है...

      जय हिंद...

      हटाएं
  8. उंगली करना ना छोड़ेंगे
    उंगली करेंगे उंगली करेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  9. द्विवेदी सर आप ने तो उस गाने की याद दिला दी...

    आज ना छोड़ेंगे हम हमजोली, खेलेंगे हम होली...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  10. ब्लॉग कुंड,
    ब्लॉगों का झुण्ड
    ब्लॉगर्स के साथ,
    हम दिन और रात,
    बोलो क्या करेंगे...

    ऊँगली करेंगे...


    साधू-संत सब सोते होंगे
    जलने वाले रोते होंगे
    ब्लॉगर्स के साथ,
    हम दिन और रात,
    बोलो क्या करेंगे...

    ऊँगली करेंगे...

    जवाब देंहटाएं
  11. ग़ालिब ख़याल अच्छा है :-) हा हा !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. अरविंद जी के हंसते ही महफिल पर हंसी छा गई...छा गई...

      जय हिंद...

      हटाएं
  12. उंगलियाँ करते रहेSSSS सारी रात हमSSSSS आपकी कसम!!

    जवाब देंहटाएं
  13. बड़ी मोटी चमड़ी के होते हैं ये उँगली करने वाले..शर्मो हया से कोसों दूर
    ब्लॉग लेखन के प्रति पूरी कर्मठता से लगे रहें एक बार फिर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  14. इक बारी ते लग्ग्या , ऐ खुशदीप नु की हो ग्या !
    तां पता चल्ल्या , टीचर्स नाळ पैठ गे सी. :)

    उन्गलिमाल दी जय !

    जवाब देंहटाएं
  15. आपकी इस प्रतिभा को देखकर इंडी ब्लॉगर वाले भी धन्य हो गए होंगे:)
    .
    .इतनी शिष्ट भाषा में लेखन को देखकर लगता है कि ब्लॉग्गिंग का भविष्य उज्ज्वल है।
    करते रहिये आपको जो अच्छा लगे।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. वैसे संतोष भाई, सतीश सक्सेना जी ने अपनी फेसबुक वॉल पर ईंडीब्लॉगर को लेकर मेरे ऊपर जो पोस्ट लिखी थी, उसमें आपकी इस टिप्पणी में शिष्टाचार कूट-कूट कर भरा था...

      संतोष त्रिवेदी- "खुशदीप भाई चाहें तो यह सम्मान राखी पर 'नारी'को भेंट कर दें"

      इस पर मेरा जवाब था- "संतोष भाई- जाकि रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी ...वैसे मज़ाक मेरे तक ही सीमित रहना चाहिए"...

      ये वार्तालाप यहां पढ़ा जा सकता है-https://www.facebook.com/satish1954?fref=ts&ref=br_tf

      दूसरों पर मज़ाक किया जाए तो उसे सहना भी आना चाहिए...

      जय हिंद...

      हटाएं
    2. खुशदीप जी....वह व्यंग्य या humar था पर अश्लील शब्द नहीं था। मेरी आपत्ति केवल विशेष शब्द से है बाकी आप किसी की भी आलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं। उसका बुरा मैं भी नहीं मानता।

      हटाएं
    3. संतोष जी,

      सेंस ऑफ ह्यूमर को समझना और आलोचना को स्वीकार करना दोनों ही अच्छी बात है...आपने ऐसा किया, इसके लिए शुक्रिया...

      वैसे मेरी पोस्ट में क्या अश्लील है, अगर आपका आशय 'उंगली' से है तो पूरी हिंदी बेल्ट में 'उंगली करना'एक मुहावरे के तौर पर प्रचलित है जिसका आशय पंगा लेना समझा जाता है...

      वो कहते हैं ना..."beauty lies in the eyes of the beholder "

      जय हिंद...

      हटाएं
    4. भाई माफ़ करना। मुझे अटपटा लगा इसलिए बोल दिया। यह शैली छुटभैये (हम जैसों को) भले ही सूट करे,आप जैसे वरिष्ठ से यह उम्मीद नहीं रहती।

      हटाएं
    5. चलिए अंत भला तो सब भला...वैसे मुझे वरिष्ठ कह कर ज़बरन रिटायरमेंट की तरफ़ मत ढकेलिए...मैं भी छुटभैया ही भला...

      जय हिंद...

      हटाएं
    6. मगर ध्यान रखिये ,अब आप सम्मानित हैं:)

      हटाएं
  16. उत्तर
    1. शाश्त्र का मत है कि मध्यमा उंगली ही अच्छा उपचार करती है.:)

      रामराम.

      हटाएं
  17. जलता, फुंकता, कुढ़ता आहो,
    सारी पोस्ट बजाता आहो,
    तभी तो ब्लॉगर कहलाता,
    परेड थम...

    :) ... क्या बात है खुशदीप भाई जी :)

    जवाब देंहटाएं
  18. सब एक -से एक धुरन्धर .... "अमर" जी की याद आई ..बहुत बेहतरीन कहते .... आप सबके बीच ...

    जवाब देंहटाएं
  19. अर्चना जी,

    डॉ अमर जी जैसा ज़िंदादिल व्यक्तित्व ना इस दुनिया में पहले कोई हुआ है, ना है और ना ही आगे कभी होगा...कल उनकी दूसरी पुण्यतिथि है...उन्हें शत-शत नमन...अर्चना जी ये लिंक भी देखें...

    https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10201762282720571&set=a.2475389725873.2139382.1286365147&type=1&theater

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  20. हमारे पास और कुछ तो है नही, ले दे के बिचारी उंगली ही तो है जिसे एक्सरसाईज करवानी पडती है वर्ना गठिया वायु से ग्रसित हो सकती है.:)

    जब भी करो बस उंगली ही करो.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  21. वैसे खुशदीप भाई, आपने जो लिंक लगाया है, यह गाना तो मैंने अभी सुना, यह गाना चुराया हुआ है। क्योंकि स्कूल के दिनों में यह गाना हमारे दोस्तों में बहुत मशहूर था ;-)

    और मैंने ऊपर की लाइन उसी को याद करके बनाई थी ;-)

    जवाब देंहटाएं
  22. क्यों? अंगूठे का क्या किए ?
    द्रोणाचार्य को दे आए? :-)

    जवाब देंहटाएं