ये हमसे नहीं होगा...खुशदीप

ये हमसे नहीं होगा...बिल्कुल नहीं होगा...हमने किया और ग़लत हो गया तो क्या होगा...लोग क्या कहेंगे...ये सवाल हम कभी न कभी अपने आप से करते ही रहते हैंकिसी बड़ी चुनौती को मानने से पहले ही हम हाथ पीछे खींच लेते हैं...सिर्फ इस आशंका में कहीं उलटा-सीधा हो गया तो...

तो फिर हम क्या करते हैं...यही सोचते हैं कि ऐसे किसी फट्टे में हाथ डाला ही ना जाए...यानि कुछ नया करने के लिए खुद को आज़माने से पहले ही हार मान ली जाए...ये सोच ही हमें साधारण से ऊपर उठने नहीं देती...हाथ-पैर सब सलामत होते हुए भी साहस ना दिखाना, असफल होने के डर से ग्रस्त रहना...यानि हम वो मैटीरियल ही नहीं है जो हमें असाधारण बना सके...

ये पढ़ लिया....अब नीचे वाले लिंक पर ये वीडियो देखिए...शायद नज़रिया बदल जाए...


अब बताइए अपाहिज़ कौन है....ये बंदा या अपने ही दायरे में सीमित रहने वाले हट्टे-कट्टे हम....


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13 टिप्पणियाँ
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  1. वाह! क्या बात है! जियो जाहिद!
    जहां इस बहादुर का एक्सीडेंट हुआ उसके पास ही मेरा गांव है। रावतपुर, जहां इसका इलाज हुआ , कानपुर में मेरे घर से कुछ दूरी पर है। बंदे का हौसला देखकर मजा आ गया। महादेवी जी कविता पंक्तियां याद आ गयीं:
    अन्य होंगे चरण हारे,
    और हैं जो लौटते
    दे शूल को संकल्प सारे।

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  2. ये वीडियो दिखाने के लिये अलग से शुक्रिया- खुशदीप!

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  3. कल ही देखा था मैंने भी इसे ...दाद देनी ही होगी !

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  4. बड़ा ही प्रेरक है, जिन्‍दादिली इसी का नाम है।

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  5. प्रभावित कर गया जाहिद, जीने को और क्या चाहिये भला..

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  6. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (26-1-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  7. जीना इसी का नाम है -मुर्दादिल ख़ाक जिया करते हैं !

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  8. सलाम इस बन्दे को .....
    कुछ दिनों पहले विकलांगों के लिए एक कविता लिखी थी ....

    बुरी है विकलांगता मन की ...

    अभिशाप नहीं तुम
    न हो कोई सजा
    पूर्व जन्म के पापों की
    करो अगर यकीं खुद पे
    जीत सकते हो तुम भी
    पा सकते हो मंजिल
    तुम भी कामयाबी की .....

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  9. खुशदीप भाई, क्या गज़ब की क्लिप दिखाई है । पता नहीं कैसे ढूंढ निकालते हो समन्दर में से मोती ।।। हिला दिया जाहिद की बातों ने । हालात की हालत से जल्दी हलाक होने वाले लोगों के लिए जाहिद की बातें, उनका आत्मविश्वास और कुछ कर गुजरने की प्रतिबद्धता एक कारगर दवा का काम कर सकती है । कमाल की बात कही जाहिद ने - मैं लंगड़ा हूं अपाहिज नहीं । सलाम है इस शख्सियत को ।
    - सी पी बुद्धिराजा

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  10. ये नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा.. देखना तो बनता है बॉस...

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