पंद्रह अगस्त को नौ दिन रह गए हैं...लेकिन इस बार देश को सोलह अगस्त का भी इंतज़ार है...अन्ना हज़ारे की दूसरी आज़ादी की लड़ाई के आह्वान पर यूपीए सरकार क्या रवैया दिखाती है, इस पर दुनिया के हर भारतीय की नज़र है...
लेकिन आज इस पोस्ट में बात ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की...चर्चिल ने 64 साल पहले भारत के राजनीतिक भविष्य पर कहा था-
सत्ता ठग, चोर, उच्चकों के हाथ में चली जाएगी...सारे भारतीय नेता निम्न कोटि के होंगे...वो मीठी जुबान और मूर्ख दिल वाले होंगे...वो सत्ता के लिए आपस में लड़ेंगे...राजनीतिक द्वेष और झगड़ों में भारत की अच्छाइयां छुप जाएंगी...एक दिन ऐसा आएगा जब देश में हवा-पानी पर भी टैक्स होगा...
वाकई हमारे नेताओं ने साढ़े छह दशक में बड़ी मेहनत की है, विंस्टन चर्चिल को सही ठहराने के लिए...
देखिए इस लिंक पर सबसे बड़ा शाहकार...LOOT LO INDIA
उस दिन रिपोर्टिंग डयूटी पर मक्खन और ढक्कन को लगाईयेगा खुशदीप भाई !
जवाब देंहटाएंइन नेताओं को नेता बनने का मौका किसने दिया खुशदीप भाई ?
जवाब देंहटाएंजैसा बोयेंगें,वैसा काटेंगें.
हर दिन का अपना ही सस्पेंस है.
ना जाने कौन सा पल मौत की अमानत हो
हर एक पल की खुशी को गले लगा के जियो.
समीर जी आये,सतीश जी आये,ताऊ भी आये.
खुशी का दीप मेरी पोस्ट को कब प्रकाशित करेगा ?
तो क्या ६४ साल पहले भी यही हाल था ?
जवाब देंहटाएंया फिर अंग्रेजों के दिमाग ने तो देश का बंटाधार किया ही , दिल से भी यही मनोकामना थी !
कुछ भी हो , किसी ओर को दोष देने का भी क्या फायदा ।
आज के इंग्लैण्ड के हालातों पर भी गौर करना आवश्यक है.
जवाब देंहटाएंदीप लेकर तो आये जरूर आप खुशदीप भाई,पर बिना प्रजवल्लित किये आप क्यूँ चले आये.
जवाब देंहटाएंआपके मुखारविंद से निकली बातों के लिए ही तो तरस रहा था मैं.
आपके निश्छल दिल से निकली सच्ची बातों का इंतजार है मुझे.
कुछ नहीं होगा... रामदेच का हाल देख लिया न..
जवाब देंहटाएंमित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
चर्चिल साहेब तो भविष्यवक्ता निकले।
जवाब देंहटाएंचर्चिल का सदी का सबसे बड़ा ज्योतिष अवार्ड मिलना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंचर्चिल साहेब
जवाब देंहटाएंविवेकानन्द ने भी कहा था कि जब तक भारतीय चरित्र में सुधार नहीं होगा तब तक सत्ता कुछ लोगों के चंगुल से निकलकर दूसरे हाथों में चले जाएगी। इसलिए स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय चरित्र को सुधारों।
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