पतियों का दर्द न जाने कोए...खुशदीप
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शनिवार, अक्टूबर 02, 2010
नई नई शादी होने पर पति ने कार के पिछले शीशे पर लिखवाया-
"NEWLY MARRIED, DO NOT DISTURB"
कुछ साल बाद उसी शीशे पर लिखा था-
"DO NOT DISTURB, ALLREADY DISTURBED"
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कुछ शाश्वत सत्य...
1...
पहला बच्चा आपको पेरेंट बनाता है...
दूसरा बच्चा आने पर आप रेफ्री बन जाते हैं...
2...
शादी वो रिश्ता है जिसमें एक हमेशा सही होता है और दूसरा हमेशा पति होता है...
3...
पति-पत्नी की हर तकरार का एक ही नतीजा निकलता है...समझौता...पति कबूल करता है कि वो गलत था और पत्नी इस बात पर पति से पूरी तरह सहमत होती है....
4...
आप जिस भाषा को बोलते हुए बचपन से बड़े होते हैं, उसे मातृ-भाषा क्यों कहा जाता है...पिता को बोलने का मौका मिला हो तो इस सवाल पर सोचा जाएगा न...
स्लॉग ओवर
पत्नी के साथ रहना होता है...A PART OF LIVING
पत्नी के साथ रहते हुए भी गर्लफ्रैंड को मैनेज करना...
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THE ART OF LIVING
aaj kee post halkee pulkee aur lips par muskurahat laane walee rahee.......
जवाब देंहटाएंAabhar !
अब क्या कहें कि हमें कितनी हमदर्दी है आपसे...:):)
जवाब देंहटाएंहाँ नहीं तो..!!
शादी वो रिश्ता है जिसमें एक हमेशा सही होता है और दूसरा हमेशा पति होता है...हम्म तो समझ ही गए आप भी.
जवाब देंहटाएंऔर हाँ ये THE ART OF LIVING वाली नसीहत अच्छी नहीं :)
शाबाश घबराना नहीं ....
जवाब देंहटाएंआर्ट ऑफ़ लिविंग यही है यही है यही है .......
हमारी पूरी सहानुभूति है ...!
जवाब देंहटाएंमियां कल अजय झा के साथ रहे थे क्या ?
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! चौंकिए मत , आज दोनों की पोस्ट में सेम मसाला है ।
आज मुझे अमृत लाल नागर का कथन याद आ रहा है, उन्होंने एक जगह लिखा था कि हम पति और पत्नी में कभी झगड़ा नहीं होता। यदि मेरी गल्ती होती है तो मैं माफी मांग लेता हूँ और उसकी गल्ती होती है तो भी मैं ही माफी मांग लेता हूँ। बहुत बढिया पोस्ट, ऐसे ही लिखते रहें।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति .आभार
जवाब देंहटाएंगांधी जयंती है जनाब, कुछ तो अहिंसक लिखा होता ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन .. जारी रखिये ....
क्यों उजागर करते हो अपने दुख ?
जवाब देंहटाएंमैं तो THE ART OF LIVING अपनाना ज्यादा पसंद करूँगा .... वैसे क्या यह कम टैलेंट नहीं है... कि एक गर्ल फ्रेंड के रहते दूसरी , तीसरी, चौथी को मैनेज करना.....
जवाब देंहटाएंहा हा हा……………मज़ेदार ……………ऐसे ही लिखते रहें।
जवाब देंहटाएंहा हा हा………मज़ेदार्।
जवाब देंहटाएंचलो पति युनियन बनाये, आप उस के प्रधान होंगे जी, अजय जी सेकेट्री, ओर ताऊ जी खजांनची, ओर महफूज़ अली साहब शिकायत सुनेगे, ओर जज होंगे हमारे डॉ टी एस दराल ...
जवाब देंहटाएंयुनियन का नाम होगा **पत्नि पीडित पति युनियन**
राज जी,
जवाब देंहटाएंआप अपनी भूमिका तो गोल ही कर गए...आप इस यूनियन के फाइनेंसर और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे...
समीर लाल समीर जी और अनूप शुक्ल जी...आजीवन संरक्षक...
अवधिया जी प्रेरणास्रोत...
राज जी के बेशकीमती सुझाव पर बनने वाली इस यूनियन के लिए सदस्यता खुली है...अपने अमूल्य विचार टिप्पणियों
के ज़रिए अतिशीघ्र भेजें...
जय हिंद...
राज जी,
जवाब देंहटाएंमहफूज़ का जहां तक सवाल है, वो तो अनुभव के हिसाब से सिर्फ कुंवारों की ही शिकायतें सुनता है...इसलिए उसे यूनियन की तरफ़ से आदेश दिया जाता है कि शीघ्र अति शीघ्र सिर पर सेहरा बांध कर हमारी इस यूनियन का सदस्य बनने की योग्यता हासिल करें...
जय हिंद...
खुशदीप भाई बहुत सहानुभूति मिल गई है, थोड़ी सी मेरे लिए बचा के रखना।
जवाब देंहटाएंमेरे दर्द को आपने शब्द दिए , इसके लिए मैं आपके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
जवाब देंहटाएंहा हा..बेचारे पति...उनके मन का दर्द बता दिया...:)
जवाब देंहटाएंजहाँ न पहुंचे कवि - वहाँ पहुंचे रवि...........
जवाब देंहटाएंखुशदीप सर, कमाल कर दिया आपने...........
"डी आर्ट ऑफ लिविंग" का कोर्स हमें भी करना पड़ेगा.....??
राम राम साहिब.