मक्खन स्वामी जी के सत्संग से घर वापस आया...
उसके चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी...
वो लगातार राधे-राधे गाए जा रहा था...
घर में पैर रखते ही मक्खन मक्खनी से बड़े प्यार से मिला...
फिर उसने मनमोहक मुस्कान के साथ मक्खनी को बाहों में उठा कर नाचना शुरू कर दिया...
ये सब देखकर मक्खनी हैरान-परेशान...
कहां हमेशा घर में करेले जैसा सड़ा सा मुंह लेकर बैठे रहने वाला मक्खन...
और कहां मक्खन का ये नया रोमांटिक अंदाज़...
मक्खनी से रहा नहीं गया, आखिर पूछ ही बैठी...
क्या स्वामी जी ने आज रोमांटिक होने की घुट्टी पिलाई है...
मक्खन...राधे-राधे, ये बात नहीं है प्राण-प्यारी...
मक्खनी...फिर क्या बात है...
मक्खन...दरअसल स्वामी जी ने आज सिखाया है.. कि हमें...
...
...
...
...हमें अपने बोझ और दुखों को भी खुशी-खुशी उठा कर जीना सीखना चाहिए...राधे-राधे...
बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंहा हा हा ……………फिर तो सही किया मक्खन ने।
जवाब देंहटाएंहा हा हा...राधे-राधे...
जवाब देंहटाएंइसमे एक समस्या ये भी आ जाती है की शादी के बाद बोझ अक्सर overweight हो जाता है !
जवाब देंहटाएंराधे राधे ! राधे राधे !
जवाब देंहटाएंराधे राधे!
जवाब देंहटाएंमक्खन और मक्खनी के चित्र पहली बार देखे, बहुत खूबसूरत हैं। बिलकुल विदेशी से लगते हैं।
मक्खन ने बाबा से पूछा बाबा शराब?
जवाब देंहटाएंबाबा- हरी हरी, हरी हरी
और मीट?
बाबा - सिरी सिरी, सिरी सिरी
हा हा हा !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंमक्खन के बहाने किसका दर्द बांट रहे हैं आप....हीहीहीहीहीही..लगता है आपके घर आना ही पड़ेगा......
जवाब देंहटाएंराधे राधे!
जवाब देंहटाएं:-)
bahut sundar
जवाब देंहटाएंmaja aa gaya
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
bahut badhiya
जवाब देंहटाएंjai ho swami ji ki
राधे राधे....
जवाब देंहटाएंतस्वीर मख्खन मख्खनी की त नहीं है न!! :) ऐसे ही लगा दी होगी उदाहरण के लिए. हा हा!
बढिया है।
जवाब देंहटाएंहास्य मे भी जीवन दर्शन? वाह बहुत खूब। जीओ मेरे लाल
जवाब देंहटाएंआशीर्वाद।
हा हा...बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंबोझ तो उठाना ही है .... चाहे मक्खन पर ढक्खन हो न हो :)
जवाब देंहटाएंहाहा.. क्या सीख दी है स्वामी जी ने.. बिलकुल सच :)
जवाब देंहटाएंमक्खन मक्खनी की तस्वीर पहली बार देखी !!
जवाब देंहटाएंऔर ढक्कन कहाँ गया ....?? शुभकामनाएं !!
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