बॉयज़ आर आलवेज़ बॉयज़...खुशदीप
23
शनिवार, अगस्त 21, 2010
लड़कों से ज़्यादा इस दुनिया में और कोई बिज़ी नहीं होता...
वो कैसे भला...
वो ऐसे...
एक हाथ स्टेयरिंग पर...
एक हाथ गियर पर...
एक टांग ब्रेक पर...
एक टांग एक्सलेटर पर...
एक कान म्यूज़िक पर...
एक कान मोबाइल पर...
एक आंख सड़क पर...
एक आंख लड़कियों पर...
नाक सांस लेने पर...
मुंह सिगरेट के कश लेने पर...
और फिर भी कहा जाता है लड़कों के पास निठल्ले बैठे रहने के अलावा और कोई काम नहीं...
स्लॉग ओवर
मैथ्स टीचर दिमाग में गोल गुल्ली को समझाते हुए...
तुम्हारे पास 12 चॉकलेट्स हैं...5 तुमने लवलीना को दे दीं...3 टीना को...और 4 हिना को...अब तुम्हारे हिस्से में क्या आया...
गुल्ली कुछ देर सोचने के बाद...
...
...
...
तीन नई गर्ल फ्रैंड्स हसीना...
सुबह-सुबह ताजा चाय जैसी है यह पोस्ट।
जवाब देंहटाएंha ha ha ...
जवाब देंहटाएंbahut accha hai ji...aap busy hain..tabhi to darshan nahi hote aapke...!
ha ha ha...
बारह चाकलेट के बदले तीन गर्लफ्रेंड्स!
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा सौदा हम भी कर पाते। :)
बहुत ही बदमाश है आपका यह गुल्ली ! जरूर अपने इस चाचा पर गया है ! ;-)
जवाब देंहटाएंजय हिंद !!
boys are always boys..............sahi hai aur kuch ho bhi nahi sakte...........hahahaha.
जवाब देंहटाएंgood going gulliiiiiiiiiii
लगता है "गुल्ली" बडा हो गया और बिजी भी
जवाब देंहटाएंमक्खन से ज्यादा समझदारी की बातें करने लगा है :)
प्रणाम स्वीकार करें
तीन नई बाल कटी गर्ल फ़्रैंड्स ... उस चुटिया वाले गुल्ली के :)
जवाब देंहटाएंगुल्ली ही समझदार बंद निकला,उसका हिसाब फ़िट है।
जवाब देंहटाएंमुझे ट्रेन में एक नवयुवा मिला, उसके गले में पेन ड्राईव,कानों पर ईयर फ़ोन, कंधे पर लैपटॉप, हाथ में वैलेट, तीन मोबाइल फ़ोन, जब वैलेट खोला तो उसने, सिर्फ़ कार्ड ही कार्ड रखे हुए थे, डेबिट एन्ड क्रेडिट, लगभग सारे ही बैंको कें। अब कपड़ों के बारे में आप खुद ही समझ सकते हैं।
ये हाल है हमारी नयी पीढी का-जमाने से आगे चल रही है।
क्या बात है..बिलकुल सही लिखा है..
जवाब देंहटाएंआभार..
Now i read the comments on your posts too. encouragin response.
जवाब देंहटाएंIn context of my just watched movie peepli live, i am surprised to see how one can produce something meanigfull as well as entertaining. Message with entertainment. Ur posts are very close to this compliment.keep it up sir. Pramod Rai.
ha ha ha ha :D
जवाब देंहटाएंkash hame bhi aisa kuchh mil pata, Gulli ki tarah...:D
हे हे हे हे हे ........... गुल्ली तो बिलकुल मुझ पर गया है....
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
गुल्ली तो बडा समझ दार है, लेकिन इतनी ज्यादा चकलेट क्यो बांट रहा है एक से ही काम चल जाता......छोरो वाला भी मस्त है जी
जवाब देंहटाएंगुल्ली मियां अभी छोटे है, तजुर्बा हो जाए तो एक से भी तौबा कर लेंगे!
जवाब देंहटाएंअरे ! ऐसा तो हम अभी भी करते हैं ! बस लास्ट वाला काम छोड़कर ।
जवाब देंहटाएं...और लडकियां फ़ोकट........हॉर्न बजे तब नीचे उतरे ....गेट खुले तब बगल मे बैठे ......गनीमत है लडको की एक आँख सडक पर रहती है .....वरना.....वैसे एक बात तो है ----बिना हाथ से पकडे सिगरेट पीने मे मजा तो आता ही होगा .......
जवाब देंहटाएंअब से गुल्ली के किस्से में ये तीनों गर्लफ्रैंड्स भी जुडेंगी क्या ??
जवाब देंहटाएंसही मैं बहुत बिजी होते हैं....ये भी कोई कहने की बात है....चाकलेट वाला मामला अपना गड़बड़ रहा....अपन को खुद ही चाकलेट खाने का इतना शौक था कि पूछो मत..
जवाब देंहटाएंवास्तव में ...घायल की गति घायल जाने ...
जवाब देंहटाएंक्या खूब पहचाना है आपने अपने साथियों को और खुद को भी ...:):)
बात तो सही है...
जवाब देंहटाएंमान गए गुरु ...क्या चीज हो ??
जवाब देंहटाएंहा हा! बहुत सटीक... मजा आ गया.
जवाब देंहटाएंगज़ब का गणित ।
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