मक्खन का इंटरव्यू...खुशदीप
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सोमवार, अगस्त 02, 2010
एक युवक मल्टीनेशन कंपनी का इंटरव्यू देने गया...बोर्ड में उससे पूछा गया...भारत को आजादी कब मिली...
युवक...प्रयास तो बहुत पहले शुरू हो गए थे लेकिन सफलता 1947 में मिली...
बोर्ड...आज़ादी दिलाने में किन्होंने अहम भूमिका निभाई...
युवक...इसमें कई लोगों का योगदान रहा...किसका नाम बताऊं...किसी एक का नाम लूंगा तो अन्याय होगा...
बोर्ड...क्या भ्रष्टाचार देश का सबसे बड़ा दुश्मन है...
युवक...इस बारे में शोध चल रहा है...सही उत्तर मैं रिपोर्ट देख लेने के बाद ही दे पाऊंगा...
इंटरव्यू बोर्ड युवक के उत्तरों से काफ़ी प्रभावित हुआ...साथ ही युवक को हिदायत दी गई कि बाहर इंटरव्यू की बारी का इंतज़ार कर रहे किसी भी प्रतिभागी को इन सवालों के बारे में न बताए...
जब युवक बाहर आया तो कई उम्मीदवारों ने उससे पूछा कि क्या क्या सवाल पूछ रहे हैं...युवक ने सवाल बताने से इनकार कर दिया...उम्मीदवारों में मक्खन भी था...मक्खन ठहरा मक्खन...वो युवक के पीछे हो लिया...युवक बाहर आया तो मक्खन ने फिर उससे सवाल बताने के लिए कहा...युवक ने कहा कि वो अंदर कसम देकर आया है कि किसी को सवाल नहीं बताएगा...
मक्खन ने दिमाग (?) से काम लिया...बोला...सवाल न बताने की कसम खाई है न, जवाब बताने की तो नहीं...मुझे जवाब ही बता दो...मक्खन के ज़ोर देने पर युवक ने उसे सवालों के जवाब बता दिए...
मक्खन अपनी बारी आने पर पूरे कॉन्फिडेंस के साथ इंटरव्यू बोर्ड रूम में दाखिल हुआ...मक्खन ने जवाब तो रट लिए ही थे...
मक्खन से अंग्रेज़ी में पहला सवाल पूछा गया...आपकी जन्मतिथि क्या है...
मक्खन ने सवाल तो ढंग से सुना नहीं, जल्दी में रटा-रटाया जवाब दिया...प्रयास तो बहुत पहले शुरू हो गए थे लेकिन सफलता 1947 में मिली...
इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य थोड़े हैरान-परेशान...अगला सवाल दाग़ा...आपके पिता का क्या नाम है....
मक्खन...इसमें कई लोगों का योगदान रहा...किसका नाम बताऊं...किसी एक का नाम लूंगा तो अन्याय होगा...
बोर्ड वाले हक्के-बक्के...एक सदस्य बोला...क्या तुम्हारा दिमाग़ तो नहीं फिरा हुआ...
मक्खन...इस बारे में शोध चल रहा है...सही उत्तर मैं रिपोर्ट देख लेने के बाद ही दे पाऊंगा...
मान गये मख्खन ।
जवाब देंहटाएंखुदा खैर करें !
जवाब देंहटाएं3 ई़डियट वाला चतुर रामलिंगम बन गया बेचारा
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ...
जवाब देंहटाएंmakkhan se mujhe to yahi ummeed thi...pata nahi aaplog kaise hairaan hain..
haan nahi to...!!
वाह भई जिस किसी ने भी चित्र बनाया है, बहुत ख़ूब बनाया है.
जवाब देंहटाएंहा हा हा .....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंहा हा...मख्खन का क्या कहें.
जवाब देंहटाएंएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
यार खुशदीप भाई ! कहीं यह मक्खन आपके पड़ोस में तो नहीं रहता ....?
जवाब देंहटाएंha ha ha ...!
जवाब देंहटाएंहा हा हा……………यही तो मक्खन की हद है।
जवाब देंहटाएं@सतीश भाई,
जवाब देंहटाएंशोध चल रहा है, मक्खन पास में रहता है या नहीं, ये मैं रिपोर्ट देख लेने के बाद ही बताऊंगा...
जय हिंद...
maan gaye sarkar...........aapka dimag 1947 se pahle ka lag raha hai ha ha ha ha :D
जवाब देंहटाएंअपना मक्खन तो इंटेलिजेंट है ही.... मैं तो पहले से ही कहता था...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
aachi rachna. badhai svikar kare.
जवाब देंहटाएंजय हो ...जरूर मक्खन का ही सेलेक्शन हुआ होगा .....सवालों के ऐसे जवाब और कौन दे सकता था भला ..वो कहते हैं .....इट वाज सो मौलिक ..
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंजय हो ।
जवाब देंहटाएंवाह...क्या बात है, मजा आ गया :) मक्खन बाबु की जय हो :)
जवाब देंहटाएंहा हा ... बहुत मजेदार
जवाब देंहटाएंहाहाहाहा.....
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