अब आप का सवाल होगा पद्म सम्मान तो गबन, हमले, शिकार जैसे गंभीर आरोपों वाले भद्रपुरुषों को भी दिए जा सकते हैं...तो फिक्र नॉट, कानूनी नोटिस जैसी धमकियां तो ब्लॉगवुड में भी शुरू हो गई हैं...बस जल्द ही ऐसा दिन भी आएगा जब ब्लॉगवुड के विवाद बेशर्मी की इतनी ऊंचाइयां छूने लगेंगे कि अपराध से हाथ मिलाने में भी उन्हें कोई हिचक महसूस नहीं होगी...आखिर उम्मीद पर दुनिया कायम है...के भईया, ऑल इज़ वैल...
मैं तो सिर्फ आपको सद् गति के इस मार्ग पर चलने के लिए दो प्रेरणास्रोतों का ही हवाला दे सकता हूं...इन दोनों परमपूजनीय, प्रातस्मरणीय विभूतियों को इस साल भारत सरकार पद्म सम्मानों से विभूषित कर खुद को सम्मानित महसूस कर रही है...आप भी इन महान आत्माओं के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास करें...जघन्य न सही, साइबर अपराध ही सही, कुछ तो पुण्य अपने नाम के साथ जोड़ें...तभी तो आपका नाम, आपके नेक अपराध के अनुसार ब्लॉग रत्न, ब्लॉग विभूषण, ब्लॉग भूषण या ब्लॉग श्री की सूचियों में डाला जा सकेगा...
लीजिए अब पद्म सम्मान पाने वाली दो विभूतियों से परिचय पाकर खुद को कृतार्थ करें...
1. पद्मभूषण संत सिंह चटवाल
संत सिंह चटवाल अपने पुत्र के विवाह समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ- फाइल फोटो
परिचय...
होटल व्यवसायी, न्यूयॉर्क और दिल्ली मे बॉम्बे पैलेस के नाम से होटल
विशिष्ट योगदान...
सीबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की न्यूयॉर्क शाखा से नब्बे लाख डालर कर्ज न चुकाने के मामले में मुकदमा चलाया था, 1996 में गिरफ्तार किया गया, जमानत पर छूटे, बाद में सीबीआई ने मुकदमा वापस ले लिया...क्लिंटन परिवार के नज़दीकी, डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए चंदा जुटा कर देने में माहिर, अमेरिका में खुद को दो बार बैंकों का कर्ज न चुकाने के लिए दीवालिया घोषित कर चुके हैं...
2. पद्मश्री सैफ़ अल़ी ख़ान
परिचय...
अभिनेता और मंसूर अली ख़ान पटौदी-शर्मिला टैगोर के साहबजादे
विशिष्ट योगदान...
A....फोटो-जर्नलिस्ट हमला केस
पटियाला में 29 सितंबर 2008 को दो फोटो-जर्नलिस्ट पर हमला करने के आरोप में रेलवे पुलिस में मामला दर्ज, आईपीसी की धारा 506 (हत्या की धमकी), 341 (हमला), 536 (संपत्ति का नुकसान) के उल्लंघन की शिकायत
B...1998 में जोधपुर काला हिरण शिकार मामला
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 52 (शिकार के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज, 1998 में राजस्थान में फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान के साथ सह अभियुक्त...
ब्लॉगर बिरादरी अब भी सोचना बाकी है...अपराध की राह पर बढ़िए, सम्मान पाइए, यशस्वी बनिए...
स्लॉग चिंतन
हम तूफ़ान से लाए है कश्ती निकाल के...
मेरे बच्चों, चटवाल को पद्यभूषण देना संभाल के...
(डिस्क्लेमर...पोस्ट को निर्मल हास्य की तरह लें और कृपया और कोई निहितार्थ न निकालें...)
चटवाल को सम्मानित होता देख खुद पर गुस्सा आ रहा है कि एक ठो गबन तक नहीं कर पाये..वरना आज सम्मानित हो रहे होते. खैर, अब भी देर नहीं हुई है. जब जागो, तब सबेरा.
जवाब देंहटाएंकोई फ़ायदा नहीं जी... पुरस्कार बांटने वाले तो नाम घोषित करने के तुरंत बाद ही कानों में हेडफोन लगा के धिंक चिंक पॉप गाने सुनने में मस्त हो जाते हैं आँखों पे काली पट्टी लगा के... बिलकुल गांधी जी के बंदरों की तरह ना बुरा सुनते हैं, ना बोलते और ना देखते.... और समीर जी आप कहे परेशान हैं आप तो वैसे भी ब्लोग् रत्न हैं हम सब लोगों के लिए... :)
जवाब देंहटाएंजय हिंद... जय बुंदेलखंड...
Nihtarth Niklane Ki kia jarrot hai ......
जवाब देंहटाएंDesh ko kafi aage jana hai....
Saif ji Ke saath Karishma ji ko Padam de dete........
अब तो ये रिवाज़ सा ही हो गया है की..ऐसे लोगों को ही चुना जाता है जो सबसे भ्रष्ट हो...अच्छी पोस्ट!
जवाब देंहटाएंलगता है कुछ बड़ा सा हैकिंग जैसा करना पड़ेगा, जिसमें बड़ी से संस्थाएँ जाँच करें सी.बी.आई. जैसी और उनकी औकात नहीं हो जाँच करने की तो वो सी.आई.ए. या फ़ेडरल ब्यूरो को बुलायें मदद के लिये।
जवाब देंहटाएंतब हम भी किसी राष्ट्रीय सम्मान की उम्मीद कर सकते हैं।
मैं अपने दोस्तों से कहता हूं कभी-कभी--इनाम हमेशा छंटे हुये लोगों को दिये जाते हैं। यह पोस्ट पढ़कर फ़िर से यही लगा।
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई-योग्यता के पैमाने बदल गए है।
जवाब देंहटाएंइससे यही प्रमाणित होता है।
अयोग्यता ही सबसे बड़ी योग्यता है।
और छंटे हुए लोगों द्वारा कभी कभी टिप्पणी भी कर दी जाती है,मौज लेते हुये,अहसान की तरह
जवाब देंहटाएंइस शीर्षक पर मेरा कोपी राईट है . मै इस के लिये विरोध जताता हू .और अभी किसी फ़र्जी नाम से ऎसी की तैसी करुन्गा . [यह निर्मल हास्य भी हो सकता है लेकिन है नही]
जवाब देंहटाएंबड़े इनाम पाने के लिए बड़े काण्ड करने का गुर्दा भी होना चाहिए...ऊँचा...और ऊँचा उठने के लिए आँखें बंद कर...लोगों के सरों को रौंदते हुए आगे बढ़ना पड़ता है....क्या है आप में इतना दम?...
जवाब देंहटाएंहुंह!...मक्खी तो मारी नहीं जाती और बात करते हैं...
अंधा बाँटे रेवड़ी ...
जवाब देंहटाएंएक मेरे लिए रख लो
जवाब देंहटाएंऔर एक अपने लिए
बाकी सारे बांट दो।
परोपकार से भी
करते रहो सदा प्यार।
कर रहा हूं
उस पोस्ट का इंतजार
जिसमें सूची करोगे जारी
सारे विभूषण जो बनाये हैं
उन्हें बेकार न जाने दें।
राजीव जी ने सही कहा है और आप कभी भी ये स्म्मान इस लिये नही पा सकते कि छोटी सी बात पर दूसरों के दुख मे आँखें नम कर लेते हैं अगर सम्मान पना है तो सब संवेदनायें ताक पर रख कर कुल्ला खेल खेलो। वैसे बडे काम की जानकारी ले कर आये हैं शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंअब तो बदमाश टाइप के लोग ही सम्मान पाते हैं ..... काश! मैं भी एक आध घोटाले कर सका होता.... एक आध हिरन नहीं तो कुत्ता ही मार दिया होता... तो कुछ ना कुछ तो मिल ही गया होता.....
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
क्या कहें...अँधा बांटे रेवड़ी...
जवाब देंहटाएंनीरज
मुझे कोई आश्चर्य नहीं। जानता हूँ हमारी व्यवस्था कहाँ पहुँच गई है। और भी बहुत लोग जानते हैं लेकिन जानते हुए स्वीकार नहीं करना चाहते।
जवाब देंहटाएंलो बोलो ये कोई बात हुई. ताऊ ने चोरी डकैती बेईमानी के ब्लाग जगत मे सबसे ज्यादा कारनामे किये. पूरे ब्लाग फ़ेमस लुटेरे ताऊ का अपमान है ये.
जवाब देंहटाएंइतने घपलों के बाद भी कोई ब्लाग पदम अवार्ड का ना मिलना...विरोधियों की साजिश है.
लगता है कि सिर्फ़ घपलों से ही अवार्ड नही मिलते...पहले घपले करो और फ़िर उंची पहुंच हो तो ही अवार्ड मिल सकते हैं. बेचारे ताऊ में सारे गुण हैं बस उंची पहूम्च ही नही है. क्या किया जा सकता है?
रामराम
बड़े घोटाले हैं इस राह पे
जवाब देंहटाएंहर शाख पे घोटालेबाज बैठे है
उन्ही की मर्जी से पुरस्कार बंटते हैं
असल के भागीदार बंगले झाकते हैं
घोटालेबाजों की दुनिया में
असल हकदार की आवाज दब जाती है.
सही लिखा आपने। ठीक है। देश के ईमानदारों का हर साल खून खौलाने की यह सरकारी कवायद है।
जवाब देंहटाएंदेखें कब छलकता है धीरज...
अरे अभी तो अवार्ड के नामो(ब्लॉग) की ही घोषणा हुई और इतना बवाल :)
जवाब देंहटाएंहम तो भैया पहले ही कह चुके हैंकि इस फ्रौडगीरी पर रोक लगे.
जवाब देंहटाएंजैसे जनता पार्टी की सरकार ने 1977 में लगायी थी.
सारे रेवड़िया बांटने के प्रायोजित कार्यक्रम बन्द होने चाहिये.
सारे योग्य उम्मेदवार हैं... सबको पुरस्कार मिलेगा...
जवाब देंहटाएंधन्य हो गुरु आँख कुल गई मेरी और जीवन का सार समझ गया मैं-
जवाब देंहटाएं’घोटाला और बवाल करके आओ
बड़ा बड़ा सम्मान पाओ”
कोई निहितार्थ न निकालें...
जवाब देंहटाएंचलिये नहीं निकाला. पुरस्कार तो मिलेगा न मुझे? नहीं नहीं...कोई केस वेस नहीं है मुझ पर. क्या कहा? तब नालायक हूँ?
पद्मभूषण ना बाबा ना हम तो इस के बिलकुल काबिल नही, इतने सारे गुण कहा से लाये, इतने सारे गुण तो हमारी सात पिढियो मे नही आ सकते... गबन तो दिल वाले करते है, हम ने एक पेसा भी देना हो तो नींद नही आती, सब मिला कर हम महा नालायक है.
जवाब देंहटाएंचट्वाल के संग हमारे ईमान दार जी खडे है.
lage raho munnabhai............aajkal inhi ka zamana hai ..........tabhi to desh ka ye haal hai........bahut badhya likha.
जवाब देंहटाएंbahut khoob.....aap itna sochte kaise hain...ideas kahan kahan se laate hain???
जवाब देंहटाएंयदि ब्लाग पर कोई सम्मान प्रारम्भ करते हैं तो मैं पहले ही कह देती हूँ कि पचास प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित रखने होंगे। यह नहीं कि सभी आपस में बाँट लो। भारत सरकार भी यही गलती करती है, अब सैफ को दिया तो करीना को क्यों नहीं? फिर विपाशा और राखी सावंत जैसो ने क्या बिगाड़ा था। जब नचनियों को ही देना है तो वे ज्यादा अच्छा नाचती हैं।
जवाब देंहटाएंDr.Smt.Ajit Gupta जी से सहमत, अमिताभ बच्चन को भी, जिन्होंने इस वर्ष बिग-बॉस में शानदार फ़ूहड़ता झिलाई भारत की जनता को…
जवाब देंहटाएंHA HA HA HA....SAHI KAHA JEE...EKDAM SAHI....
जवाब देंहटाएंब्लोगर के लबो पे फ़रियादे
जवाब देंहटाएंचोत्रो के लबो पे मुस्काने
चोरी पे टिप्पणी क्या कर दी
मुझे लीगल नोटिस मिल गया
ek baat kahun khushdeepji...blogging aapasi shyog se chalti hai, to zara hamare blog ka rukh bhi kar lijiye
जवाब देंहटाएंकहते हैं एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है। यहाँ तो आपने दो दो दिखा दी।
जवाब देंहटाएंअब बाकि मछलियों का क्या होगा।
वैसे ब्लॉग सम्मान कब घोषित हो रहे हैं?
यही वो कारण हैं जो अंतरराष्ट्रीय जगत में लोगों को भारत के पुरुस्कारों का तिरस्कार करने और उनपर उंगली उठाने का मौका देते हैं , अफ़सोस है कि ये पुरस्कार अब इतने निचले स्तर की राजनीति का शिकार हो गए हैं । सच है कि इन्हें अब बंद कर दिया जाना चाहिए
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
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जवाब देंहटाएं.
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खुशदीप जी,
जब लाख विवादों के बावजूद भारतरत्न, पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री सम्मान बांटे जाते हैं तो क्या ब्लॉगवुड अपने लिए ब्लॉग रत्न, ब्लॉग विभूषण, ब्लॉग भूषण, ब्लॉग श्री सम्मान शुरू नहीं कर सकता
शीघ्र करिये भाई, बस यह बता दीजिये कि इन्हें पाने के लिये मक्खन किसको लगाना पढ़ेगा।
(मक्खन से क्षमायाचना सहित)
म्हारे इलाके में घणे छोरे कंवारे रह जावे है क्यूंकि उनपे कोई फ़ौजदारी का मुकदमा न सै। छोरी आले भी न्यूं सोचे सै के जिस पे एक भी मुकदमा न चल रया सै उस गैल छोरी क्यूंकर ब्याह दें, फ़िर यो अवार्ड बांटनिये छोरी के बाप से भी गई गुजरे कोई न है के इनाम-शिनाम ऐसे-वैसे को दे दे जिसपे न कोई मुकदमा और न कोई आरोप। भाई-साहब, ब्लू-लाईन के पीछे देखा नहीं क्या - न्यूं ऐ चालैगी।
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक बात कही खुशदीप भाई।
जवाब देंहटाएंकसम से भैय्ये, चार पसन्द और पांच टिप्पणी रोज करूंगा बस ब्लाग भूषण के लिये मेरा नाम भिजवा दियो बस.
जवाब देंहटाएंइन पुरुस्कारों से विखिन्न मन ऐसे ही इस बाबत कुछ लिखने की सोच रहा था कि आपकी पोस्ट नजर आ गयी...
जवाब देंहटाएंfeel like abusing them with top of my voice