इसलिए नहीं कि बुरे लोग हिंसा और उत्पात मचाते हैं...
बल्कि इसलिए कि अच्छे लोग मौन रहते हैं...
-नेपोलियन बोनापार्ट
नेपोलियन बोनापार्ट
1769-1821
स्लॉग ओवर
मक्खन ने धूम मचा दी वो भी मैथ्स के पेपर में...
मक्खन को प्रूव करने के लिए आया... sin x = 6 n
मक्खन ने दोनों तरफ से 'n' हटा दिया...
इसलिए six = 6
साथ ही प्रूव हो गया कि कभी मक्खनों के दिमाग़ से नहीं खेलना चाहिए..
ha ha ha makhan ji to chaa gaye...
जवाब देंहटाएंyah to bilkul naye dhang ka ganit bana diya makkhan ne....
जवाब देंहटाएंइसलिए ही तो लोगों के मक्खन ही लगाते हैं जिससे कुछ तो उनका दिमाग भी चले। कुछ दिन मक्खन को हमारे पास ही भेज दो, हम भी गणित सीख लेंगे। क्या सारी आप ही सीखेंगे?
जवाब देंहटाएंक्यूंकि अच्छे लोग चुप रहते हैं ....हम्म्म्म ...!!
जवाब देंहटाएंमक्खन का पता दीजिये ..थोड़ी बुद्धि उधार लेनी है ...
ठीक ही है समीकरण से दोनो पक्षो से समान चीज हटाने से समीकरनण के दोनों पक्ष संतुलित रहते हैं .... पर ये हटाने वाला तीसरा पक्ष कौन है ये भी तो देखना होगा.
जवाब देंहटाएं@दुनिया का दर्द
चुप रहेंगे तो लोग कहेंगे.
नेपोलियन बोनापार्ट . हमें भी जरुरत है नेपोलियन की मगर जिसकी जिंदगी में वाटरलू न आए। सोई जनता के वोटो की वाटरलू से बचा रहे वो। मेरी जाति, मेरा धर्म, जैसी क्षुद्र मानसिकता वालो के वोट ही हमारे देश के नेपोलियन बौनापार्ट के जीवन का वाटरलू बने हुए हैं। कब जागंगे ये लोग। या 21वी शताब्दी में भी मक्खन ही देश को चलाएगा।
जवाब देंहटाएंविचारणीय आलेख
जवाब देंहटाएंआभार
ब्लाग4 वार्ता प्रिंट मीडिया पर प्रति सोमवार
भाई आपके मख्खन तो गजब के निकले ....
जवाब देंहटाएंनेपोलियन बोनापार्ट के विचार अच्छे लगे .. और आपके मक्खन के दिमाग का तो जबाब नहीं !!
जवाब देंहटाएंअच्छे लोग चुप रहते हैं-अगर वो भी बोलने लगे तो दुनिया की हालत देखने लायक नहीं रह जायेगी!! बेहतरी इसी में है कि हल्का दर्द सह लिया जाये.
जवाब देंहटाएंबाकी मख्खन को तो गणित के लिए नोबल पुरुस्कार देने का मन है. हा हा!
नेपोलियन बोनापार्ट के विचार बढ़िया लगे और आपके मक्खन का तो जवाब ही नहीं होता है
जवाब देंहटाएंगणित के लिए नोबल पुरुस्कार नही उडन तश्तरी पुरुस्कार
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंवाह वाह ................जोर से बोलो ...................जय मक्खन की !
जवाब देंहटाएंha ha ha मक्खन का जबाब नहीं .
जवाब देंहटाएंयह मक्खन कही आप ही तो नहीं .....??
जवाब देंहटाएंनेपोलिअन का मूल्यांकन इतने तरीको से हुआ है जिसकी मिसाल नही ..फिर भी उसे समझा ही नही गया ।
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