औरत और उसके आंसू क्यों ख़ास होते हैं...खुशदीप

एक छोटा बच्चा मां से पूछता है...मां, तुम रो क्यों रही हो...



मां...क्योंकि मैं एक औरत हूं...



बच्चा...मुझे समझ नहीं आया...



मां बच्चे को गले से लगा कर कहती है...बेटा तुम कभी नहीं समझोगे...





बाद में बच्चा अपने पिता से पूछता है...मां बिना कोई वजह क्यों रोती  है...



पिता...सारी औरतें बिना वजह रोती हैं...



वो बच्चा बड़ा होकर पुरुष बन गया, लेकिन अब भी उसे समझ नहीं आया कि औरतें क्यों रोती है...



आखिरकार उसने भगवान को फोन मिलाया...जब भगवान फोन पर आए तो उसने पूछा...भगवन, औरतें इतनी जल्दी क्यों रोने लगती हैं...



भगवान...जब मैंने औरत को बनाया, ये सोचा कि वो विशेष हो...






मैंने उसके कंधे इतने मज़बूत बनाए कि वो दुनिया का बोझ उठा सके...






तब भी दिल से इतनी मुलायम कि सबके आराम का ख्याल रख सके...






मैंने उसे अंदर से इतनी दृढ़ता दी कि वो नए जीवन को जन्म दे सके...और फिर नया जीवन लेने वाला बच्चा बड़ा होकर मां का दिल दुखी करे तो वो उसे भी बर्दाश्त करने की शक्ति रखे...






मैंने उसे इतनी हिम्मत दी है कि जब सब थक कर हार मान ले, वो चट्टान की तरह अपने परिवार के लिए खड़ी रहे, बिना कोई शिकायत करे...बीमारी या मुसीबत में अपनों का ख्याल रखे....






मैंने उसे वो संवेदना दी है कि अपने बच्चों को हर हाल में प्यार करे, चाहे उसके जिगर के टुकड़े उसका दिल कितनी बुरी तरह ही क्यों न दुखाएं...






मैंने औरत को इतनी शक्ति दी है कि वो अपने पति की गलतियों के बावजूद उसे साथ लेकर चले...






मैंने उसे ये समझने की ताकत दी है कि अच्छा पति कभी पत्नी का दिल नहीं दुखाता, लेकिन कभी कभी उसकी खूबियों का इम्तिहान लेता है...जानना चाहता है कि उसका साथ खड़े रहने का प्रण कितना मज़बूत है...


.


और अंत में, मैंने उसे आंसू दिए...ये उसका विशेषाधिकार है कि कब उसकी आंखों से आंसू बाहर आए...






देखो मेरे बच्चे...औरत की खूबसूरती उन कपड़ों में नहीं होती जो वो पहनती है...आकर्षक फिगर जिसकी वो मालकिन होती है...या सुंदर केश जिन्हें वो बड़े जतन से संवार कर रखती है...






औरत की खूबसूरती उसकी आंखों में देखनी चाहिए...यही दरवाज़ा उसके दिल तक ले जाता है...दिल जिसमें प्यार रहता है...






मेरी इस बात को उन सब औरतों तक पहुंचाओ जिन्हें तुम जानते हो...अगर ऐसा करोगे तो कुछ अच्छा घटेगा...तुम किसी का हौसला और मज़बूत करोगे...






मेरी इस बात को उन सब पुरुषों तक भी पहुचाओ जो सच में एक औरत के जीवन के मायने जानना चाहते हैं...और जानना चाहते हैं, क्यों वो औरों से अलग और खास होती है...




(ई-मेल से अनुवाद)



स्लॉग ओवर


एक दिन मक्खन बड़ी तेज़ी से मेरे घर आकर बोला....भाई जी, हथौड़ा और कुछ कीलें हैं तो दे दो...



मैंने कहा...देता हूं भाई, लेकिन ऐसी क्या ज़रूरत आ गई...




मक्खन....भाई जी, आज ही नया कंप्यूटर लाया हूं, उसमें WINDOWS लगानी है...

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23 टिप्पणियाँ
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  1. आपका धन्यवाद...
    आपने हमें सम्मान दिया ...

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  2. गज़ब के भाव व्यक्त किया है आपने,अगर ये बात सभी पुरुषों को समझ आ जाए तो कभी कोई माँ,कोई बहन या फिर पत्नी के कभी आँसू नहीं बहेंगे,और यदि बहेंगे तो वो खुशी के होंगे ..

    विकास पाण्डेय

    www.vicharokadarpan.blogspot.com

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  3. बहुत अच्छी पोस्ट लगी आज की। आंसूओं का विशेषाधिकार तो औरत को दे दिया भगवान ने, मर्दों को तो आंसू पहचानने की ताकत भी नहीं दी।
    आभार।

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  4. मेल बहुत मर्मस्पर्शी है।
    आप ने मक्खन को हथौड़ा और कीलें दे तो नहीं दीं?

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  5. अति उत्तम लेख... अदा जी व विकास जी की टिप्पणीयों से सहमत हूँ और साथ ही यह कुछ quotes आप सब के साथ शेयर करना चाहूँगा.......

    "God could not be everywhere, so he created mothers." ~Jewish Proverb

    "A woman's whole life is a history of the affections." ~Washington Irving

    "Sure God created man before woman. But then you always make a rough draft before the final masterpiece." ~Author Unknown

    जय हिंद

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  6. जान गये....


    ८ कील से विंडोज लगाना मख्खन!!

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  7. है तो एकदम सही बात लेकिन ऐसा नहीं लगता भैया कि औरत को हम शाबाश-शाबाश कह के अपने स्वार्थों की पूर्ती करते हैं?
    ये मक्खन भी बड़ी 'बटरीली' बातें करता है.. हा हा हा

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  8. बहुत सटीक बात
    window लगाना है तो कील हथौडा चाहिये ही

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  9. बहुत अच्छी पोस्ट लगी आज की। आंसूओं का विशेषाधिकार तो औरत को दे दिया भगवान ने, मर्दों को तो आंसू पहचानने की ताकत भी नहीं दी।
    आभार।

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  10. जिस बच्चे ने बड़े होकर ईश्वर को फ़ोन मिलाया ...खुदा का जवाब उसने सिर्फ अपने पास नहीं रखा ...सभी स्त्रियों और पुरुषों को दिया ...पहली बार स्त्रियों के आंसू को इनता सम्मान दिलाने के लिए आपका बहुत आभार ...!!

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  11. Sachmuch Aurat ke dil main sirf pyar hota hai. chahe aurat kisi bhi roop main kyon na ho.

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  12. अब ज़माना बदल गया है । अब ये महरत मर्दों के जिम्मे आ गयी है।

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  13. बहुत सार्थक और सही बात जननी के लिए एक एक वचन दिल में रखने और मनन करने योग्य है..औरत जननी होती है और उन्हे किसी भी प्रकार का कष्ट देना बहुत बड़ा अपराध है जिसके लिए भगवान उस शक्स को कभी माफ़ नही करेगा...सार्थक पोस्ट के लिए आभार...और स्लॉग ओवर तो पहले की तरह बढ़िया...मजेदार भी

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  14. अच्छा लगा पढ़कर....किसी को भी अपने बारे में अच्छा पढ़कर अच्छा ही लगेगा! वैसे रोना महिलाओं का विशेषाधिकार ही है!

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  15. waah .........bahut hi uttam lekh ...........aabhar.
    vaise aaj windows lagana to aa hi gaya......hahahaha

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  16. और अंत में, मैंने उसे आंसू दिए...ये उसका विशेषाधिकार है कि कब उसकी आंखों से आंसू बाहर आए...खूबसूरत पोस्ट

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  17. शुक्र मनाइये खुशदीप भाई

    उसने चूहा पकड़ने का पिंजरा नहीं माना

    जबकि उसका माउस बेवायर था

    कहीं भाग न जाये

    उसको आप पिंजरा खुद ही दो भिजवाय।

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  18. मेल आई वो भी फीमेल के बारे में ही

    सिर्फ फीमेल ही नहीं उसके आंसुओं के बारे

    नमकीन पानी के संवेदनशील वही तो हैं द्वारे

    वो कितना ही पुकारे पर सुनता नहीं कोई पुकार रे।

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  19. बहुत अच्छी लगी ये बात. सच में किसी औरत के बारे में कुछ जानना हो तो उसकी आँखों में देखना चाहिये. वही उसकी खूबसूरती भी होती है.

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  20. पहले यह बताइये कि जिस भगवान ने यह कहा वह पुरुष है या स्त्री ? अपने दिमाग की विंडोज़ काम नही कर रही ।

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