ट्विटर पर #BCCI_Promotes_Halal मंगलवार दिन भर होता रहा ट्रेंड, कानपुर में 25 नवंबर से न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच शुरू होने से पहले विवाद, खिलाड़ियों के मेन्यू में हलाल मीट को लेकर यूज़र्स उठा रहे सवाल, UPCA ऑफिशियल ने कहा- फालतू ट्रेंड कराके BCCI को बदनाम करने की कोशिश
नई दिल्ली (23 नवंबर)।
#BCCI_promotes_Halal ...यह हैशटैग ट्विटर पर मंगलवार 23 नवंबर को सुबह से ही ट्रेंड होता रहा. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई को इस हैशटैग के साथ कई यूजर्स निशाना बनाने लगे. दरअसल 25 नवंबर से कानपुर के ग्रीन पार्क पर न्यूज़ीलैंड के साथ भारत का पहला टेस्ट मैच शुरू होना है. इससे पहले खिलाड़ियों के डाइट चार्ट को लेकर सोशल मीडिया पर तूफ़ान मचा हुआ है. इस संबंध में मेनू की एक कथित फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जाती रही.
दोनों टीमों के खिलाड़ियों की होटल लैंडमार्क टॉवर के बायो-बबल में रहने की व्यवस्था है. दोनों टीमें कानपुर पहुंच चुकी हैं. कथित डाइट चार्ट के जरिए ये बात सामने आई कि खिलाड़ियों को मेन्यू में हलाल मीट सर्व करने के लिए कहा गया है. बता दें कि मुस्लिम समुदाय जहां हलाल मीट खाना पसंद करता है, वहीं सिखों और अधिकतर हिन्दुओं में झटका मीट खाने का प्रचलन है.
टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए जो खाने का कथित मेन्यू
जारी किया है उसमें ऑल डे काउन्टर
उपलब्ध रहने के अलावा स्टेडियम
में मिनी ब्रेकफास्ट, लंच, टी टाइम स्नैक और रात में
डिनर शामिल है, इस मेन्यू से पोर्क और बीफ बाहर रखे गए हैं. नॉनवेजेटेरियन मीट में
हलाल मीट को शामिल किया गया है.
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी हिंदू हैं तो फिर हलाल मीट की अनिवार्यता क्यों रखी गई है.
Team India now being forced to have Halal Food after showing the knee by the woke BCCI
— Guruprasad Gowda (@Gp_hjs) November 23, 2021
Is BCCI bending back to Halal lobby ? #BCCI_Promotes_Halal pic.twitter.com/XM8gYfhT1M
#BCCI is putting country in trouble by giving halal meat to Indian cricketers !
— Mrunali Dharme (@mrunali_dharme) November 23, 2021
🤔Whose conspiracy is this ? This should be explored !#BCCI_Promotes_Halal@SGanguly99 pic.twitter.com/Vo4OTRg6sH
Dear @BCCI, Say No To Halal. India is a Secular Democratic Country, not an Islamic Country.
— AgentVinod (@AgentVinod03) November 20, 2021
कुछ
मीडिया रिपोर्ट्स में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की एपेक्स कमेटी से जुड़े
ऑफिशियल अहमद अली के हवाले से कहा है कि ये फालतू के ट्रेंड्स चल रहे हैं और इसके
पीछे बीसीसीआई को बदनाम करने की कोशिश है. बीसीसीआई और यूपीसीए ऐसे संस्थान हैं जो कभी किसी के प्रति भेदभाव नहीं
करते है।
इस बीच, BCCI के
वरिष्ठ अधिकारी ने एक न्यूज चैनल को बताया कि ऐसा कोई सर्कुलर बोर्ड की ओर से जारी
नहीं किया गया है, और शाकाहारी, मांसाहारी खाना और हलाल या गैर हलाल मीट सब एक
खिलाड़ी का पूरी तरह अपना चुनाव है. बोर्ड कभी इस मामले में निर्देश जारी नहीं
करता है.