मौका...मौका...मौका...पाकिस्तान पिछले 46 साल से वर्ल्ड कप में भारत को नहीं हरा सका, PCB चेयरमैन रमीज़ राजा ने कहा- भारत अगर ICC को फंडिंग बंद कर दे तो PCB चरमरा जाएगा इसलिए आत्मनिर्भर होना बहुत ज़रूरी
नई दिल्ली (8 अक्टूबर)।
पाकिस्तान
क्रिकेट के वजूद को बचाए रखने के लिए यह मैच कितना अहम है इसका खुलासा और किसी ने
नहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानि पीसीबी के चेयरमैन रमीज राजा ने किया है.
पाकिस्तान
क्रिकेट बोर्ड यानि पीसीबी के चेयरमैन रमीज राज़ा का कहना है कि एक मज़बूत
इंवेस्टर ने उनसे कहा है कि अगर पाकिस्तान यूएई में खेले जाने वाले टी 20 वर्ल्ड
कप में भारत को हरा देता है तो पीसीबी के लिए ब्लैंक चेक तैयार रखा हुआ है.
दरअसल
रमीज राजा ने जो भी कहा उसमें करीब 46 साल की कसक भी झलकती है. वर्ल्ड कप का वनडे
फॉर्मेट हो या टी-20, अभी तक इसमें भारत और पाकिस्तान जितनी बार भी भिड़े हमेशा
बाजी भारत के हाथ ही रही. यहां तक कि 1992 में पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री
इमरान ख़ान की अगुवाई में पाकिस्तान वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन भी बना लेकिन उस
टूर्नामेंट में भी खेले गए मैच में पाकिस्तान को भारत से मात खानी पड़ी थी. अब तक
वर्ल्ड कप में वनडे फॉर्मेट में 7 बार और टी-20 फॉर्मेट में 5 बार भारत और
पाकिस्तान आमने सामने हुए और सभी 12 मैचों में भारत को जीत मिली. पाकिस्तान बस
भारत को हराने के लिए मौका मौका ही करता रहा लेकिन वो मौका उसे भारत ने कभी नहीं
दिया. इसी लिए अब रमीज राजा की ओर से दुबई में होने जा रहे टी-20 वर्ल्ड कप में
भारत से भिंडंत में जीत के लिए ब्लैंक चेक तैयार होने की बात की जा रही है.
ट्रिब्यून
पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक रमीज राज़ा ने पाकिस्तान की एक संसदीय कमेटी के
साथ बैठक में कहा कि देश में क्रिकेट इकोनमी के फलने फूलने की जरूरत है. राजा ने
इस बात पर भी जोर दिया कि फंडिंग के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के आसरे रहने
की जगह आत्मनिर्भर बनना अहम है.
रमीज
राजा ने ये भी कहा कि पीसीबी को 50 फीसदी फंड आईसीसी से मिलता है. वहीं आईसीसी को
90 फीसदी फंड भारत से आता है. मुझे डर है कि अगर भारत आईसीसी को फंडिंग देना बंद
कर दे तो पीसीबी पूरी तरह चरमरा जाएगा क्योंकि वो आईसीसी को जीरो फीसदी फंडिंग
देता है.
हाल
में न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड की ओर से पाकिस्तान के क्रिकेट टूर रद्द होने पर रमीज
राजा ने कहा कि ऐसी सूरत नहीं पेश आती अगर पीसीबी के पास मजबूत वित्तीय आधार होता.
अगर हमारी क्रिकेट इकॉनमी मजबूत होती तो बाहरी टीमों के इस तरह दौरे रद्द करने की
हिम्मत नहीं होती. बेस्ट क्रिकेट टीम के साथ साथ बेस्ट क्रिकेट इकॉनमी बनाना दो
सबसे बड़ी चुनौतियां हैं.
राजा
ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पे पैकेज बढ़ाने पर भी जोर दिया. साथ ही कहा कि ये
प्लेयर कम से कम 40 लाख रुपए हर साल कमाएं. इसके लिए पीसीबी स्पॉन्सर्स तलाश रहा
है.
बहरहाल, अब सब की नज़रें दुबई में 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले पर है. विराट कोहली के जांबाज़ों के सामने पाकिस्तान को एक बार फिर मायूसी हाथ लगेगी और रमीज़ राजा का ब्लैंक चैक धरा ही रह जाएगा या इस बार बाबर आज़म एंड कंपनी मौके को जीत में बदल देगी, जानने के लिए इंतज़ार कीजिए कुछ दिन बस और.