पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश में बौद्ध टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं.
इमरान चाहते हैं कि इसके लिए दूसरे देशों से भी टूरिस्ट पाकिस्तान में महात्मा
बुद्ध से जुड़ी प्राचीन निशानियों को देखने के लिए आएं. इसी पहल के तहत इमरान ने
17 अक्टूबर को स्वात घाटी में चट्टान पर नक्काशी से उकेरी हुई बुद्ध की प्रतिमा की
तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर अपलोड की. इमरान ने साथ में कैप्शन में लिखा- “बुद्ध की चट्टान पर उकेरी गई सबसे बड़ी प्रतिमाओं में से
एक, लगभग 2000 साल पुरानी, स्वात के जहान आबाद में स्थित.”
One of the largest rock engravings of Buddha, almost 2000 years old, located in Jahan Abad, Swat. pic.twitter.com/FOfwojFkJC
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 17, 2021
पिछले महीने भी इमरान ने खैबर-पख्तूनख्वा
में तख्तभाई में स्थित बौद्ध मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थी. इमरान
ने साथ में लिखा था खैबर पख्तूनख्वा में तख्तभाई में बौद्ध मंदिर के प्राचीन
अवशेष- पाकिस्तान की समृद्ध गांधारा विरासत का हिस्सा.
The ancient ruins of a Buddhist temple in Takhtbhai, Khyber Pukhtunkhwa --- part of Pakistan's rich Gandhara heritage. pic.twitter.com/J23ZZS9Htf
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 26, 2021
इमरान पाकिस्तान में टूरिज्म की काफी
संभावनाएं मानते हैं, अगर पाकिस्तान के पर्यटन स्थलों को दुनिया भर में ठीक से
प्रमोट किया जाए. इमरान मानते हैं कि अगर ऐसा होता हो तो पाकिस्तान को मोटे विदेशी
कर्ज से निज़ात मिल सकती है. इमरान ने हाल में मानशेरा में एक सभा में कहा था,
स्विट्जरलैंड पाकिस्तान के नॉर्दन एरियाज से साइज में आधा है और हमारे लैंडस्केप
की कुदरती खूबसूरती से कहीं मेल नहीं खाता, इसके बावजूद वो टूरिज्म से 80 अरब डॉलर
कमाता है और पाकिस्तान का कुल एक्सपोर्ट ही 25 अरब डॉलर का है.
बता दें कि स्वात घाटी में 2007 में पाकिस्तानी
तालिबान ने जिस बुद्ध प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया था. उसे स्थानीय लोगों की
कोशिशों से काफी हद तक पुराने स्वरूप में बहाल कर दिया गया. 7वीं सदी की इस 21 फीट ऊंची प्रतिमा को
डायनामाइट से उड़ाने की कोशिश की थी. इससे बुद्ध प्रतिमा का चेहरा पूरी तरह से
क्षतिग्रस्त हो गया था. पाकिस्तान तालिबान ने इस घटना को 2001 में अफगानिस्तान के
बामियान में तबाह की गई बुद्ध प्रतिमा की तर्ज पर ही अंजाम दिया था. स्वात में 2012 में बुद्ध प्रतिमा के
दोबारा तैयार किए जाने की शुरुआत हुई. इटली की सरकार ने स्वात घाटी की सांस्कृतिक
विरासत को बचाने के लिए पांच साल के भीतर 25 लाख यूरो करीब 20 करोड़ रुपए का निवेश
किया.
6
साल तक पुरानी तस्वीरों और 3-डी
प्रिंटिंग की मदद से इस प्रतिमा को मूल स्वरूप दिया गया. ये काम 2016 में पूरा हो गया था.
इटली के विशेषज्ञों ने 3-डी
लैब में बुद्ध का चेहरा तैयार किया. उनका कहना था कि रीस्टोरेशन में जानबूझकर कमी
छोड़ी है, ताकि
ये पता चल सके कि इसे कभी आतंकियों ने नुकसान पहुंचाया था. जानकारों का मानना है
कि कभी स्वात घाटी में 1000 से ज्यादा बौद्ध मठ थे. चौथी शताब्दी में घाटी में
बौद्ध धर्म अपने उत्कर्ष पर था लेकिन दसवीं सदी तक इसका वजूद वहां खत्म हो गया.
महात्मा बुद्ध को पूरी दुनिया में शांति और अहिंसा के
सबसे बड़े प्रतीकों में से एक माना जाता है. इमरान खान बुद्ध के नाम पर पाकिस्तान
में पर्यटन को बढ़ाना चाहते हैं. लेकिन क्या उनके शांति-अहिंसा के सिद्धांत की ओर
ध्यान देते हुए जम्मू कश्मीर में आतंकियों की ओर से आए दिन किए जाने वाले कायराना
हमलों को बंद कराने के लिए भी कोई ठोस पहल करेंगे. इस सवाल का जवाब मिलना मुश्किल
है.