दिल्ली स्थित UAE दूतावास ने किया आगाह, फ़र्ज़ी वेबसाइट बना कर जारी किए जा रहे झूठे ‘फ्लाइट अप्रूवल लेटर’
नई दिल्ली (12 सितंबर)।
भारत से संयुक्त अरब अमीरात
(यूएई) की उड़ान भरने वाले लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. ये एडवाइजरी
दिल्ली स्थित यूएई दूतावास ने जारी की है. दरअसल, कोरोना ट्रेवल बंदिशों की वजह से
भारतीय मूल के ऐसे बहुत से लोग हैं जो यूएई के शहरों में काम करते हैं, लेकिन भारत
छुट्टियों पर आने के बाद वापस नहीं जा पा रहे थे. लेकिन अब यूएई की ओर से ट्रैवल
पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद ऐसे लोग जल्दी से जल्दी यूएई की फ्लाइट पकड़ना
चाहते हैं. इस साल 24 अप्रैल को यूएई ने भारत से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी
थी.
यूएई दूतावास की ओर से एक
ट्वीट में आगाह किया गया है कि सिर्फ यूएई की आधिकारिक वेबसाइट से ही संपर्क किया
जाए, किसी संदिग्ध वेबसाइट पर न जाएं, अगर वहां कुछ कुछ नुक़सान होता है तो उसके
लिए भारत स्थित यूएई दूतावास ज़िम्मेदार नहीं होगा.
Disclaimer!! @UAEembassyIndia advises all its visitors & clients to visit it’s official website for any necessary information by clicking on below link:https://t.co/9gTb14WWeF
— UAE Embassy-Newdelhi (@UAEembassyIndia) September 8, 2021
Pls avoid visiting suspicious sites, @UAEembassyIndia shall not be responsible if any damage occurs pic.twitter.com/PbNcK00CX5
दूतावास ने सभी विजिटर्स और
क्लाइंट्स को इस संबंध में ट्वीट के ज़रिए आगाह किया है.
जालसाज़ संदिग्ध वेबसाइट्स
के ज़रिए झूठे फ्लाइट अप्रूवल लैटर जारी कर लोगों से धोखाधड़ी कर सकते हैं.
खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट
के मुताबिक पिछले महीने यूएई दूतावास के एक अधिकारी ने बताया था कि कुछ जालसाज़ों की
ओर से खुद को यूएई दूतावास का प्रतिनिधि बता कर झूठे फ्लाइट अप्रूवल लेटर्स बेचे
जा रहे हैं. इसके लिए फर्ज़ी वेबसाइट भी बनाई गई है.
दुबई स्थित हेल्थकेयर
प्रोफेशनल लिंसी मोंसे को ऐसा ही बुरा अनुभव हो चुका है. लिंसी के मुताबिक
उन्होंने अपनी टीनएजर बेटी को दिल्ली से दुबई की फ्लाइट पकड़ने के लिए ‘अप्रूवल लेटर’ के नाम पर करीब 8,000 रुपए (394
दिरहम) गंवा दिए. इस लेटर के टॉप पर
“UAE’s Ministry of Interior and Naturalization & Immigration Department
(sic)” लिखा हुआ था. लेटर के नीचे ‘General Directorate of Residency and Foreigners Affairs (GDRFA)
के दस्तख़त हो रखे थे. साथ ही फर्ज़ी हॉटलाइन्स नंबर दे
ऱखे थे.