बिजली और पानी की बचत के लिए ग्रीन चार्जर स्टेशन, मस्जिद में हवा शुद्ध रखने के लिए ख़ास डिवाइस
Source: DEWA TWITTER |
नई दिल्ली
(4 सितंबर)।
DEWA has inaugurated the world’s first mosque to receive platinum rating for green buildings (LEED v4) from the US Green Buildings Council. The mosque in Hatta can accommodate more than 600 worshippers on an area of 1,050 square metres. #DEWANews pic.twitter.com/pMabLjm7Hi
— DEWA | Official Page (@DEWAOfficial) September 4, 2021
दुबई इलेक्ट्रिसिटी एंड वॉटर अथॉरिटी (DEWA) ने हाट्टा में इस मस्जिद
के खुलने का एलान किया. इस मस्जिद में 1,050 वर्ग मीटर क्षेत्र में 600 लोगों के
साथ नमाज़ पढ़ने की व्यवस्था है. यहां पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सर्वोच्च
मानकों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मस्जिद में 25 मीटर ऊंची एक मीनार है. यहां कार और टू
व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था है. मस्जिद में पारम्परिक सुविधाओं के साथ एक ग्रीन
चार्जर स्टेशन है. ये स्टेशन करीब 26.5 फ़ीसदी ऊर्जा और 55 फीसदी पानी की बचत करता
है. यहां सोलर फोटोवोल्टेइक पैनल्स लगाए जा रहे हैं. साथ ही वॉटर ट्रीटमेंट यूनिट
भी होगा, जिससे पानी का सिंचाई और सफ़ाई के काम में दोबारा इस्तेमाल किया जा
सकेगा.
DEWA ने यहां हवा की क्वालिटी
सुनिश्चित करने के लिए डिवाइस का इंतज़ाम किया है. इससे मस्जिद के अंदर हर वक्त
शुद्ध हवा मिलती रहेगी. मस्जिद को बनाने के लिए रीसाइक्ल्ड कंस्ट्रक्शन मैटीरियल
का इस्तेमाल किया गया. DEWA की ओर से एक बयान कहा गया
कि ग्रीन बिल्डिंग की खास उपलब्धि के साथ मस्जिद को खोलना हाट्टा के सतत विकास की
दिशा में हमारे प्रयासों का हिस्सा है. इससे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास
की ज़रूरतें पूरी हो सकेंगी. साथ ही मस्जिद को लीड प्लेटिनिम सर्टिफिकेट का मिलना
सबूत है कि मस्जिद ने सभी अंतर्राष्ट्रीय सततता मानकों को पूरा किया और सर्वोच्च
स्तर की कुशलता हासिल की.
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक अफेयर्स एंड चैरिटेबल
एक्टिविटीज़ डिपार्टमेंट (IACAD)
के
डायरेक्टर जनरल डॉ हामद अल शेख शैबानी ने कहा कि ये घटनाक्रम यूएई की क्लामेट चेंज
से लड़ने की प्रतिबद्धता दर्शाता है. शैबानी के मुताबिक IACAD ने उदारवादी इस्लाम के मूल्यों को बढ़ावा देने
का वैश्विक मिशन हाथ में लिया है. चैरिटेबल कामों पर ध्यान देने के साथ
अंतर्राष्ट्रीय श्रेष्ठ मानकों के मुताबिक मस्जिदों की तामीर पर हमारा फोकस है. ये
मस्जिद बताती है कि इनसानों की सेहत और आबोहवा को लेकर हम कितने गंभीर है.
(#Khush_Helpline को उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. मीडिया में एंट्री के इच्छुक युवा अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो यहां फॉर्म भर दीजिए)