BLIND बिल्ली से महिला की बेमिसाल बॉन्डिंग

 पुरुषु नाम की बिल्ली चल फिर भी नहीं सकतीबच्चे की तरह ही देखभाल करती हैं त्रिशूर की बिन्दु, गोद में बिठा कर पिलाती हैं दूध, बनवा रखा है स्पेशल बेड

 


 

त्रिशूर (17 सितंबर)।

कुत्ते, बिल्ली पालते आपने बहुत लोगों को देखा होगा. लेकिन जैसी बॉन्डिंग केरल के त्रिशूर जिले के पुल्लुर में रहने वाली महिला बिंदु और उनकी बिल्ली के बीच है, ऐसी कहीं नहीं देखने को मिलेगी.


पुरुषु नाम की इस बिल्ली को आंखों से कुछ नहीं दिखता और उसके शरीर के अन्य हिस्सों में भी दिक्कत है. लेकिन बिंदु कहती हैं कि वो बिल्ली पुरुषु को कभी अपने से अलग करने की नही सोच सकतीं.




 

पुरुषु को गोद में बिठाकर बिंदु दूध पिलाती हैं. बिन्दु ने अपने बेडरूम में ही पुरुषु के लिए स्पेशल बेड तैयार कर रखा है. बिंदु घर में पुरुषु को अकेला नहीं छोड़ना चाहती इसलिए घऱ से कम ही बाहर निकलती हैं.


बिन्दु और उसके परिवार को बिल्ली पालने का शौक था. दिसंबर 2014 में उनकी पालतू बिल्ली ने तीन बच्चों को जन्म दिया. इनमें से दो तो तत्काल मर गए. जो बच गया उसकी बिंदु ने देखभाल शुरू कर दी. इस बिल्ली के बच्चे का नाम पुरुषु रखा गया. ये नाम मलायलम फिल्म मीशामाधवन के एक करेक्टर के नाम पर रखा गया. शुरू में तो पुरुषु कुछ चल लेती थी लेकिन और बिल्लियों की तरह पेड़ पर नहीं चढ़ पाती थी. बिंदु ने फिर पुरुषु की सुरक्षा के लिए घर के अंदर ही विशेष इंतज़ाम किए.

 

बिंदु प्यार से पुरुषु को पोन्नू कह कर बुलाती हैं.


अपने जन्म के एक साल में ही वायरल बुखार की वजह से पुरुषु की आंखों में रौशनी नहीं रही. फिर ये पैरालाइज्ड भी हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि अब वो कभी नहीं चल सकेगी. लोगों ने बिंदु से कहा कि पुरुषु अधिक दिनों तक जीवित नहीं रहेगी इसलिए उसे छोड़ दे. लेकिन बिंदु ने फैसला किया कि जब तक पुरुषु जीवित रहेगी उसकी सेवा करेगी.


पुरुषु लोगों की पहचान आवाज़ और स्मेल से करती है. हफ्ते में एक बार पुरुषु को गुनगुने पानी से नहलाया जाता है. पुरुष के लिए अलग से सोप, शैम्पू और टॉवल रखे गए हैं. बिंदु की बेटी आयुर्वेद डॉक्टर हैं. वो पुरुषों के हाथ-पैरों पर अक्सर आयुर्वेदिक लेप करती है.


वाकई एक बेजुबान बिल्ली और इनसान के बीच मानवीय रिश्ते की ये कहानी बेमिसाल है.

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