पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़, नए सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ़,
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़, वित्त मंत्री इशाक डार...सभी खुद को कश्मीरी मूल का
बताते हैं...कश्मीर को फ्लैशपाइंट बताते हुए नवाज़ ख्वाहिश ज़ाहिर करते हैं कि
उनके जीते-जी कश्मीर भारत से अलग हो जाए...हज़ार ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर
दम निकले...अगले दिन ही नवाज़ खंडन भी जारी करवा देते हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ
नहीं कहा...प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए ‘देहाती औरत’ का जुमला इस्तेमाल करने के बाद भी ऐसे ही मुकरे
थे...नवाज़ इतने शरीफ़ हैं कि जब सत्ता से बाहर होते हैं तो भारत से दोस्ती का दम
भरते नहीं थकते...लेकिन सत्ता में आते ही कश्मीर के तराने गाने लगते हैं...कश्मीर
के लिए उन्हें ओबामा का दखल और यूएन का प्रस्ताव याद आने लगता है...बाकायदा कश्मीर
सेल बनाकर पिछले छह महीने से खुद ही उसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं...जानो दुनिया
न्यूज़ चैनल पर 4 दिसंबर को इस मुद्दे से जुड़े अहम सवालों पर चर्चा हुई...
क्या है नवाज़ का ‘K’ प्लान ?...खुशदीप
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शुक्रवार, दिसंबर 06, 2013
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-12-2013) को "जब तुम नही होते हो..." (चर्चा मंच : अंक-1455) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चाहे वे शरीफ हों या मुशर्रफ भारत के प्रति वहां के अवाम का गुस्सा उबलता रहे यही करते रहते हैं । पर मनमोहन जी भी बोले अब की। पर ये मेरे जीते जी क्या है.....
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