क़यामत के दौर में कांग्रेस...खुशदीप


भंवर में कांग्रेस...चार राज्यों के चुनाव में चारों खाने चित होने के बाद कांग्रेस आत्मावलोकन की बात कर रही है...128 साल पुरानी पार्टी के पोस्टर बॉय राहुल गांधी 12 महीने की नवजात आपसे सबक लेने की ज़रूरत जता रहे हैं...कांग्रेस के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि आगे क्या...

अभी तक राहुल और उनकी लैपटॉप चौकड़ी के सामने पार्टी के ओल्ड गार्डस चुप थे...लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं...कहा जाने लगा है कि राहुल की लॉन्ग टर्म पॉलिसी के नतीजे जब आएंगे सो आएंगे लेकिन फिलहाल चुनावी राजनीति में बंटाधार हो रहा है...घाघ राजनीतिज्ञ और यूपीए में कांग्रेस के सबसे बड़े सहयोगी शरद पवार ने भी मौका मिलते ही चौका लगा दिया है...कहा है जनता कमज़ोर लीडर्स को पसंद नहीं करती...पवार के मुताबिक बिना मांगे सलाह देने वाले झोला छाप एडवाइज़र्स को सरकार की नीतियां बनाने में तरजीह देना भारी पड़ रहा है...इशारा उनका निश्चित नेशनल एडवाइज़री काउंसिल पर है जिस पर सोनिया गांधी का सबसे ज़्यादा भरोसा बताया जाता है...पवार ने इंदिरा गांधी जैसे स्ट्रॉन्ग नेतृत्व की दरकार जताई है...लेकिन कहां से लाए कांग्रेस इंदिरा जैसी पर्सनेल्टी...



फिलहाल तो इसी बात के लाले हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना प्रधानमंत्री का उम्मीदवार किसे बनाए...मोदी के मुकाबले में किसे उतारा जाए...चार राज्यों के नतीजों के बाद राहुल करीब-करीब इस दौड़ से बाहर हैं...मनमोहन सिंह को तीसरी बार उतारने का सवाल नहीं...शीला दीक्षित को दिल्ली में आपने निपटा दिया...ए के एंटनी- सुशील कुमार शिंदे की पूरे देश में स्वीकार्यता मुश्किल है...पी चिदंबरम को नार्थ बनाम साउथ पैट्रन पर मोदी के मुकाबले उतारा जा सकता है...लेकिन वो अपनी सीट जीत जाएंगे, इस पर भी शक है...टेक्नोविज़ नंदन नीलेकणी का शिगूफा भी छोड़ा गया है, लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव शून्य है..लोकसभा चुनाव से चार-पांच महीने पहले प्रियंका को बागडोर देने का भी सवाल नहीं...ऐसे में कांग्रेस के पास एक ही मज़बूत नाम बचता है और वो है खुद सोनिया गांधी का...क्या वो खुद फ्रंट पर आकर पार्टी को लीड करेंगी...जैसे कि उन्होंने चार राज्यों के नतीजों के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल को अपने पीछे रख कर किया...

सवाल कई हैं...कांग्रेस की दिशा और दशा पर जानो दुनिया न्यूज़ चैनल पर 10 दिसंबर को आज का मुद्दाकार्यक्रम में बहस हुई...बहस में गुजरात महिला कांग्रेस अध्यक्ष सोनल बेन पटेल, राजनीतिक विश्लेषक भूपत भाई के साथ मैंने भी हिस्सा लिया....देखिए इस लिंक पर...







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