मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013) |
क्या आपने मन्ना डे दादा की आवाज़ में मधुशाला को सुना है...जयदेव के संगीत निर्देशन में मन्ना डे के गायन से सजी मधुशाला को जिसने भी सुना होगा, वो ज़रूर जानता होगा इसका जादू....यकीन मानिए जब मैंने पहली बार मन्ना डे की गाई मधुशाला को सुना था तो सुध-बुध खो बैठा था...ना जाने कितनी बार सुना, फिर भी कभी मन नहीं भरा...जिसने मन्ना डे की आवाज़ में मधुशाला को नहीं सुना है, वो सिर्फ एक बार मेरे कहने पर इसे गंभीरता से पूरा सुन ले...अगर ना अलौकिक आनंद की प्राप्ति हो, तो मुझे कहिएगा....लीजिए पहले इस लिंक पर इसे सुनिए, फिर कुछ कहिएगा...
http://gaana.com/#!/streamalbums/manna-de-madhushala
यू-ट्यूब के लिंक पर यहां सुन सकते हैं...इस लिंक पर शुरू में हरिवंश राय बच्चन जी की आवाज़ को भी सुना जा सकता है...
विनम्र श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंमन्ना डे को विनम्र श्रद्धांजलि..
जवाब देंहटाएंमैंने मन्ना डे का लाइव प्रोग्राम उदयपुर में देखा है, बहुत ही आनन्द आया था। मधुशाला सुनी हुई है। सच है सुनते ही दीवानापन आ जाता है।
जवाब देंहटाएंकल 26/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
इस रिकार्ड ने मुझे पागल सा कर दिया था -श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंमधुशाला इनकी आवाज में पहली बार सुनी ...
जवाब देंहटाएंमन्ना दा का जाना ये दस्तक दे देना जैसा है मानो अब सब कुछ अवसानमय हो चला है । उन्हें नमन और श्रद्धांजलि । हां मैंने भी ये पहली बार ही सुना है खुशदीप भाई । शुक्रिया इसे साझा करने का ।
जवाब देंहटाएंमनना डे की भरपूर आवाज़ मे बहुत रस आता था. शानदार गाने गाए हैं उन्होने . उनके गानों मे वे हमेशा जिंदा रहेंगे .
जवाब देंहटाएंजिंदगी इसी तरह चली जाया करती है..पर अपने पीछे अपनी निसानियां छोड़ जाती है....पर कुछ निशानियां ऐसी आवाज होती हैं जिनको भूलना मुश्किल होता है.
जवाब देंहटाएंमधुशाला के रिकार्ड जब रीलिज हुये थे तभी खरीदे थे जो आज भी मौजूद हैं, ऐसी आवाज अब नही पैदा होगी, विनम्र श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंरामराम.