ब्लडी मंडे क्यूं आया ख़ून चूसने...खुशदीप


आज मंडे है...मंडे का नाम अगर आप संडे को सुन लें तो आपको क्या हो जाता है...काम पर जाने वाले हों या स्कूल-कॉलेज जाने वाले बस यही मलाल करते रहते हैं, यार ये मंडे इतनी जल्दी क्यों जाता है...इसी मंडे की महिमा पर आजकल टीवी और एफएम रेडियो चैनल्स पर एक गाना बड़ा पॉपुलर हो रहा है...
पढ़िए, देखिए, धुनिए...शायद आपकी भी दुखती रग इसके साथ जुड़ी हो....

ए ले, फिर आ गया तू फेस उठा के,

दम लेगा क्या मेरी जान खा के,

ख़ून चूसने तू आया ख़ून चूसने,

ब्लडी ख़ूनी मंडे क्यूं आया ख़ून चूसने.
तू जा रे जा रे जा, कबूतर जा,

मैं नहीं जाना, मैं नहीं जाना,
मैं नहीं जाना बिस्तर को छोड़ के,

ख़ून चूस ले तू मेरा ख़ून चूस ले,
ब्लडी मंडे तू चाहे ख़ून चूस ले,

डररर...
माना तेरे नाम में है मन एक बार,
तो तू मन की करेगा क्या रे मनडे,

काहे पाये ना क़रार जब तक तू ना यार,

गाढ़े सनडे की कब्र पर झंडे,
अस्सी ख़ून के शिकारी सोमवार,

मैंने नहीं जाना, मैंने नहीं जाना,

सनडे है दिलदार देके मैया का प्यार,
मुझे लोरियां गा के जो सुलाये,

पर तेरा है विचार, के मैं शंख हूं यार,
पूरे पावर से मुझे बजाये,
अस्सी ख़ून के शिकारी सोमवार,

कान खुजाना, कान खुजाना, कान खुजाना,
उंगली घुसेड़ के,

ख़ून चूस ले तू मेरा ख़ून चूस ले...

फिल्म – गो गोआ गोन
गायक – सचिन, प्रिया पांचाल

गीत – इरशाद कामिल
संगीत – सचिन-जिगर

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5 टिप्पणियाँ
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  1. उत्तर
    1. और मंडे जैसे खड़ूस मास्टर की मार...

      जय हिंद...

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  2. शुक्रिया राजेश कुमारी जी...

    जय हिंद...

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  3. देखी ब्लडी ख़ूनी मंडे की ताकत...

    सब का इतना ख़ून चूस लेता है कि किसी में टिप्पणी करने की भी ताकत नहीं रह जाती...

    जय हिंद...

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  4. क्‍या गाने बन रहे हैं? सारी मधुरता ही गायब हो गयी है।

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