Dr Amar Kumar
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डॉ अमर कुमार के बिना एक साल...खुशदीप
आजकल कुछ लिखने की इच्छा नहीं होती...नेट खोलता भी हूं तो बस न्यूज़ के लिए और ई-मेल चेक करने के लिए...मुझे खुद ही समझ नह…
रविवार, अगस्त 19, 2012आजकल कुछ लिखने की इच्छा नहीं होती...नेट खोलता भी हूं तो बस न्यूज़ के लिए और ई-मेल चेक करने के लिए...मुझे खुद ही समझ नह…
कोई दोस्त है न रक़ीब है, तेरा शहर कितना अजीब है [ रक़ीब = दुश्मन ] वो जो इश्क़ था वो जुनून था, ये जो हिज्र है ये नसी…
जो 65 साल में नहीं हुआ, वो अब तीन साल में होगा.... जंतर मंतर पर राजनीतिक विकल्प देने का ऐलान करते हुए अन्ना हज़ा…