मेरे सबसे पसंदीदा फिल्मकार गुरुदत्त ने जब प्यासा बनाई थी तो आज जैसा इंटरनेटी युग नहीं था...साहिर लुधियानवी साहब ने इस फिल्म के लिए कालजयी गीत लिखा था..
ये महलों, ये तख्तों, ये ताजो की दुनिया,
ये इनसां के दुश्मन रिवाजों की दुनिया,
ये दौलत के भूखे रिवाज़ों की दुनिया,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है...
ये फिल्म आज के आईटी युग में सॉफ्टवेर के फूल नाम से बनती तो शायद साहिर साहब का ये गीत कुछ इस अंदाज़ में लिखा जाता...
ये डाक्यूमेंट्स, ये मीटिंग्स, ये फीचर्स की दुनिया,
ये इनसां के दुश्मन कर्सर की दुनिया,
ये डेडलाइन्स के भूखे मैनेजमेंट की दुनिया,
ये प्रोडक्ट अगर बन भी जाए तो क्या है...
यहां इक खिलौना है प्रोग्रामर की हस्ती,
ये बस्ती है, मुर्दा बग-फिक्सर्स की बस्ती,
यहां पर तो रेसेस है इन्फ्लेशन से सस्ती,
ये रिव्यू अगर हो भी जाए तो क्या है...
हर इक की-बोर्ड घायल है,
हर इक लॉग-इन प्यासी एक्सेल में उलझन,
विनवर्ड में उदासी,
विनवर्ड में उदासी,
ये आफिस है या आलामे माइक्रोसाफ्ट की,
ये रिलीज़ अगर हो भी जाए तो क्या है...
जला दो इसे, फूंक डालो ये मानिटर,
मेरे सामने से हटा डालो ये मानिटर,
मेरे सामने से हटा डालो ये माडम,
तुम्हारा है, तुम्ही संभालो ये कंप्यूटर,
ये प्रोडक्ट अगर चल भी जाए तो क्या है...
ये रिलीज़ अगर हो भी जाए तो क्या है...
जला दो इसे, फूंक डालो ये मानिटर,
मेरे सामने से हटा डालो ये मानिटर,
मेरे सामने से हटा डालो ये माडम,
तुम्हारा है, तुम्ही संभालो ये कंप्यूटर,
ये प्रोडक्ट अगर चल भी जाए तो क्या है...
...(गीतकार नामालूम) (इ-मेल पर आधारित )
Nice post .
जवाब देंहटाएंHindi Bloggers Forum International (HBFI)
कैंसर का इलाज आसान है cure for cancer - कैंसर का शुमार आज भी लाइलाज बीमारियों में होता है तो इसके पीछे सिर्फ़ पैसे की हवस है।
http://hbfint.blogspot.com/2012/02/cure-for-cancer.html
गजब है दीवानगी हुजूर..
जवाब देंहटाएंये कंप्यूटर ने किसी को घायल किया है।
जवाब देंहटाएंदिलजला सॉफ्टवेयर इन्जीनियर ही इसका रचयिता हो सकता है.
जवाब देंहटाएंबढिया पोस्ट।
जवाब देंहटाएंमजेदार परिकल्पना।
बहुत सुन्दर सर, इस गाने को हमने रख लिया है.. इसी तर्ज़ पर पियूष मिश्र ने गुलाल फिल्म में भी एक शानदार गीत लिखा है.
जवाब देंहटाएंबस एक गलती रह गयी है ये गीत प्यासा का है :)
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जवाब देंहटाएंmy comment is in spam :(
जवाब देंहटाएंसागर यार लगता है उम्र असर करने लगी है, प्यासा को कागज़ के फूल लिख गया...गलती की और ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
उम्र बढ़ भई जाए तो क्या है
जवाब देंहटाएंयाद रह भई जाए तो क्या है
ये बेमानी दुनिया है
ये साइबर संसार है
:-) Mast hai...
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