बुधवार को पोस्ट लिखी थी...अन्ना, चमाटा और वीना मलिक...
मंगलवार को अन्ना ने रालेगण सिद्धि में फिल्म गली गली चोर है देखने के बाद मीडिया से बात करते हुए चमाटे वाला बयान दिया था...मुझे ये जानने की बड़ी उत्सुकता थी कि जब अन्ना गांव के सौ लोगों के साथ ये फिल्म देख रहे होंगे तो वीना मलिक का आइटम नंबर आने पर वहां क्या हुआ होगा...मैंने बुधवार की पोस्ट में अपनी उत्सुकता को इस तरह ज़ाहिर किया था...
फिल्म में पाकिस्तान से सेल्फ-एक्सपोर्ट होकर आई और बिग बास से फेम हुई अभिनेत्री वीना मलिक का एक आइटम सान्ग भी है...उम्मीद करता हूं कि रालेगण सिद्धि में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इसे नहीं दिखाया होगा...अब दिखाया होगा तो न जाने लोगों ने इसे कैसे लिया होगा...
अब जाकर साफ़ हुआ है कि फिल्म बनाने वाले बड़े कलाकार निकले...रालेगण सिद्धि में स्पेशल स्क्रीनिंग से पहले वीना मलिक के लटके-झटकों वाले आइटम नंबर छन्नो पर कैंची चला दी गई...ऐसा करने के लिए फिल्म के हीरो अक्षय खन्ना ने बड़ी मासूम दलील भी दी है...अक्षय के मुताबिक अन्ना की सेहत ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें ज़्यादा परेशानी न हो, हमने फिल्म को शार्ट और क्रिस्प रखने की कोशिश की...
मान गए इस दलील को...अन्ना को रात बारह बजे तक जगाकर फिल्म दिखाई गई तो उनकी सेहत का ख्याल नहीं आया...सेंसर बोर्ड किसी फिल्म को टोटेलटी में देखने के बाद प्रदर्शन के लिए सर्टिफिकेट देता है..अन्ना और रालेगण सिद्धि के लोगों को ये फिल्म दिखाई गई थी तो वहां भी पूरी टोटेलटी में दिखाई जानी चाहिए थी...अन्ना को भी तो पता चलता कि भ्रष्टाचार के नाम पर मार्केटिंग की जाने वाली फिल्म में फ्रंटबैंचर्स के लिए भी मसाले का भरपूर इंतज़ाम किया गया है...
फिल्म बनाने वालों के लिए अन्ना के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग भी सुपर मार्केटिंग का फंडा था...जिसमें अन्ना को ज़रिया बनाकर मीडिया में फिल्म के मुफ्त इंतज़ाम का जुगाड़ कर लिया गया...कल को फिल्म के ऐसे विज्ञापन भी सामने आ जाएं जिसमें अन्ना को फिल्म देखते हुए दिखा दिया जाए तो कोई बड़ी बात नहीं....या फिल्म की तारीफ़ में अन्ना के बोले गए शब्दों को भुना लिया जाए...
यानि एक तरफ़ फिल्म मार्केटिंग का नया फंडा और दूसरी तरफ फिल्म में मसाले का भी इंतज़ाम..लेकिन अन्ना को ये नागवार न गुज़र जाए, इसलिए उनकी आंखों से छन्नो को दूर ही रखा गया...ये अन्ना की मासूमियत ही है कि कोई भी उनके नाम का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लेता है...कहीं टीम अन्ना भी तो यही काम नही कर रही...
बहरहांल ये बात वीना मलिक को ज़रूर पसंद नहीं आई होगी कि फिल्म को अन्ना को दिखाते हुए सिर्फ उनके ही परफारमेंस पर कैंची चलाई गई...चलिए वीना मलिक जी, आप यहां निराश हुई हैं तो कोई बात नहीं...आपके मुल्क पाकिस्तान से आपके लिए अच्छी ख़बर आई है...वहां पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पीएमएल-एन के सांसद मुशाहिदुल्ला ख़ान ने मांग की है कि वीना मलिक को पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन का सदस्य बना दिया जाए, इससे बाकी सांसदों की हाज़िरी बढ़ाई जा सकेगी...
बेचने के लिये क्या क्या नहीं करना पड़ता.. वैसे मुशाहिदुल्ला ख़ान की माँग जायज है, कम से कम संसद में उपस्थिती तो पूरी होगी।
जवाब देंहटाएंपक्ष अलग-अलग, लेकिन बात घूम-फिर कर वहीं केन्द्रित है, दोनों मामलों में.
जवाब देंहटाएंहा हा
जवाब देंहटाएंबात तो सच लग रही है कि लोग अन्ना की मासूमियत का फायदा उठाना चाहते हैं। जहां तक आइटम डांस की बात है तो छन्नो कोई 'श्वेत पत्र' तो है नहीं और ना ही कोई संविधान विशेषज्ञ है जो बताये कि फलां किस्म के लटके झटके अनुच्छेद 'क' और अनुच्छेद 'ख' में समाहित है :)
ऐसे में न दिखाया तो ना सही, क्या फर्क पड़ता है :)
सब बेचने के नुस्खे हैं. वैसे अन्ना की टोपी लगाकर वे लोग घूमते देख गए जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.
जवाब देंहटाएंसिनेमा के सशक्त पक्ष से किसी को अलग न रखा जाये..
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसतीश पंचम भाई,
जवाब देंहटाएंहा, हा, हा...वैसे ही जैसे टीम अन्ना ने संसदीय समिति या सरकार से लोकपाल बिल के प्रारूप को दिखाने की मांग करती रही है...
जय हिंद...
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जवाब देंहटाएंठीक ही किया . इस उम्र में आग/खतरों से नहीं खेलना चाहिए :)
जवाब देंहटाएंबहुत नाइंसाफी है..अन्ना के साथ..पूरी फिल्म दिखाई जानी चाहिए थी :)
जवाब देंहटाएंलो... यानि अन्ना के साथ यहां भी धोखा हो गया.......
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