लोकपाल है चंदा मामा दूर के...खुशदीप



एक तारा बोले तुन तुन,
क्या कहे ये तुमसे सुन सुन,
एक तारा बोले,
तुन तुन तुन तुन तुन,
बात है लम्बी मतलब गोल,
खोल न दे ये सबके पोल,
तो फिर उसके बाद,
ऊहूँ ऊहूँ ऊहूँ,
एक तारा बोले,
तुन तुन तुन तुन तुन....

ये गाना याद है क्या आपको...41 साल पहले मनोज कुमार के अभिनय से सजी फिल्म यादगार के लिए वर्मा मलिक ने ये सुपरहिट गीत लिखा था...लोकपाल को लेकर देश में कल से शुरू हो रही सरगर्मियों को देखते हुए ये गीत बहुत याद आ रहा है...

मुंबई के MMRDA मैदान में तबीयत नासाज़ होने के बावजूद अन्ना ने तीन दिन के अनशन के लिए धुनी जमा ली है...

दिल्ली में संसद में राजनीति के धुरंधर लोकपाल के लिए होने वाली महाबहस में अपनी वाकपटुता के जौहर दिखाने लगे हैं...

30 दिसंबर से अन्ना दिल्ली में सोनिया गांधी के घर के बाहर विरोध जताने के लिए खूंटा गाड़ देंगे...साथ ही तीन दिन का जेल भरो आंदोलन शुरू हो जाएगा...

अन्ना और उनके चेले-चपाटे हों या सरकार, या फिर विपक्ष आखिर चाहते क्या हैं...ये समझ पाना मेरी बुद्धि की सीमित क्षमताओं से बाहर निकल चुका है...

हां, इस सब तमाशे का नतीजा क्या निकलेगा, वो कुछ कुछ ज़रूर मुझे दीवार पर लिखी इबारत की तरह नज़र आने लगा है...

लोकपाल चंदा मामा दूर के बना रहेगा...हां इसके नाम पर सियासत के चूल्हे पर कुछ लोगों का...खोए पकाएं बूर के...का सपना ज़रूर पूरा हो जाएगा...

अगर आप भी लोकपाल की किच-किच से पक चुके हैं तो बुधवार को जूनागढ़ पर नज़र रखिएगा, ज़ायका ज़रूर बदल जाएगा...कल लिखूंगा इस पर...

और आप लोकपाल की बहस को एंटरटेनमेंट की तरह देखते हैं तो फिर इस तमाशे को लाइव देखने में कोई हर्ज़ नहीं है...

फिलहाल तो ये गाना सुनिए...



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6 टिप्पणियाँ
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  1. खुशदीप जी आपका कहना सही है सब अपनी अपनी रोटी सेंकनेमे लगे है और होना कुछ नही है।

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  2. काश हम समझदार हो जाएँ और मदारियों से दूर रहें ....
    शुभकामनायें देश को !

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  3. एक तारा बोले तुन तुन

    मैं तो गाने की तुन तुन में ही रम गया हूँ.

    अब और कुछ कहने की स्थिति में ही नही.

    जूनागढ़ पर नजर रख रहा हूँ.

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  4. वाकई इस तमाशे से कुछ सार्थक निकलने वाला है ऐसा तो कतई नहीं लगता.

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  5. खुशदीप भाई ,
    सरकार शुरू से ही इस इरादे में थी सो सफ़ल सी समझ रही है , लेकिन यकीन जानिए बहुत जल्दी ही देश के राजनीतिक हालात में जो भी बदलाव आएंगे उसके लिए इस लडाई को भी श्रेय दिया जाएगा ।

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  6. सबकी अपनी अपनी महत्‍वाकांक्षा है....
    किसी का दृश्‍य तो किसी का अदृश्‍य।

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